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उत्तर में उतरेगा दक्षिण: बनारस में 17 दिसंबर से 'तमिल संगमम', आएंगे 1500 मेहमान - Tamil Sangamam in Varanasi

काशी में तमिल संगमम (Tamil Sangamam in Varanasi) की तैयारियां शुरू हो गयी हैं. वाराणसी में तमिल संगमम से एक फिर होने जा रहा उत्तर-दक्षिण का भव्य-दिव्य मिलन होगा.

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Etv Bharat Varanasi वाराणसी में तमिल संगमम काशी तमिल संगमम Tamil Sangamam in Varanasi Kashi Tamil Samagam
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 4, 2023, 8:30 AM IST

Updated : Dec 4, 2023, 9:19 AM IST

काशी में तमिल संगमम की तैयारियों ज़ोरों पर

वाराणसी: धर्म नगरी काशी एक बार फिर तमिल-काशी की एकता की साक्षी (Tamil Sangamam in Varanasi) बनने को तैयार है. वाराणसी में 17 दिसंबर से काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Samagam) का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम को पिछली बार की तरह ही भव्य और दिव्य बनाने की तैयारी की जा रही है. कार्यक्रम के लिए आने वाले मेहमान 15 दिसंबर को तमिलनाडु से ट्रेन चलेंगी. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अब तक लगभग 30,000 पंजीकरण हुआ है, जिसमें से 1500 लोगों को चुना जाना है. इन्हें काशी सात शिफ्ट में पहुंचना है. तमिलनाडु और पुडुचेरी के लगभग 1500 लोगों को सात समूहों में बांटा जाएगा. ये सभी प्रयागराज और अयोध्या का भी भ्रमण करेंगे.

वाराणसी में काशी-तमिल समागम को एक बार फिर से भव्य रूप देने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. वाराणसी प्रशासन इसके लिए तमाम विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है. वाराणसी प्रशासन इस कार्यक्रम की तैयारी में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता है. मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने पर्यटन, पुलिस और अग्निशमन की संयुक्त टीम बनाकर ठहरने के लिए चिन्हित होटल, हाइजीन, खाने की गुणवत्ता तथा सुरक्षा व्यवस्था के लिए सभी तैयारियों की समीक्षा का निर्देश दिया है. इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम और स्मार्ट सिटी को संयुक्त रूप से नमो घाट पर टॉयलेट आदि के संबंध में उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.

17 दिसंबर को वाराणी पहुंच जाएंगे अतिथि: जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने इस बारे में जानकारी दी है. उनका कहना है, 'काशी तमिल संगमम इस बार 17 दिसंबर से आयोजित होगा. इसके लिए तैयारियां चल रही हैं. इसका आयोजन 31 दिसंबर तक चलेगा. काशी तमिल संगमम का कार्यक्रम नमो घाट पर किए जाने के लिए प्रस्तावित है. अभी इसे फाइनल नहीं किया गया है. जिस तरह से बीते साल में इसका आयोजन किया गया था. उसी भव्यता के साथ इस बार भी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.' उन्होंने बताया, 'अतिथि 17 दिसंबर को पहुंचेंगे. वे लोग विश्वनाथ मंदिर, विशालाक्षी मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, काल भैरव मंदिर में दर्शन-पूजन में भाग लेंगे. अगले दिन हनुमान घाट पर गंगा स्नान कर मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे. सुब्रह्मण्यम भारती के घर जाएंगे.'

वाराणसी में 17 दिसंबर से काशी तमिल संगमम का दूसरा संस्करण शुरू होने जा रहा है
वाराणसी में 17 दिसंबर से काशी तमिल संगमम का दूसरा संस्करण शुरू होने जा रहा है

प्रयागराज और अयोध्या भ्रमण करेंगे अतिथि: जिलाधिकारी बताते हैं, 'वाराणसी पहुंचे मेहमान नमो घाट जाएंगे. जहां लंच के बाद स्टॉल भ्रमण करेंगे और आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेंगे. सभी लोग क्रूज से गंगा आरती देखने के बाद आयोजित डिनर में भाग लेंगे. उसके बाद अतिथियों को प्रयागराज ले जाया जाएगा. वहां घूमने के बाद सभी अतिथि अयोध्या दर्शन के लिए जाएंगे. वहां से सभी अतिथि बनारस आएंगे. यहां से वो लोग ट्रेन के माध्यम से तमिलनाडु के लिए प्रस्थान करेंगे.' उन्होंने बताया, 'स्टेशन पर उनके स्वागत करने के लिए प्रशासन पूरी तैयारी कर रहा है. नमो घाट पर बैरिकेडिंग लगाई जाएगी. अतिथियों को ठंड से बचाव के लिए ऊनी वस्त्रों की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी.'

सात नदियों के नाम पर बनाए जाएंगे समूह: जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया, 'काशी तमिल संगमम के दूसरे चरण में यह प्रस्तावित है कि तमिलनाडु और पुडुचेरी के लगभग 1500 लोग यात्रा में लगने वाले समय सहित 8 दिनों के एक गहन दौरे के लिए ट्रेन से वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा करेंगे. उन्हें 7 समूहों में विभाजित किया जाएगा. इनमें छात्र, शिक्षक, किसान, कारीगर, व्यापारी, व्यवसायी, धार्मिक व्यक्ति, लेखक और पेशेवर लोग शामिल होंगे. प्रत्येक समूह का नाम एक पवित्र नदी के नाम पर रखा जाएगा. इनमें गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी के नाम पर इन समूहों का नाम रखा जाएगा.'

समागम में आने के लिए लगभग 30,000 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है
समागम में आने के लिए लगभग 30,000 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है

काशी और तमिल की संस्कृति का दिखेगा भव्य स्वरूप: उन्होंने बताया, 'इस दौरान तमिलनाडु और काशी की कला संस्कृति, हथकरघा, हस्तशिल्प, व्यंजन और अन्य विशेष उत्पादों का प्रदर्शन करने वाले स्टॉल लगाए जाएंगे. नमो घाट पर तमिलनाडु और काशी की संस्कृतियों के मिश्रण वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. इसके साथ ही साहित्य, प्राचीन ग्रंथ, दर्शन, आध्यात्मिकता, संगीत, नृत्य, नाटक, योग, आयुर्वेद, हथकरघा, हस्तशिल्प के साथ आधुनिक नवाचार, व्यापार आदान-प्रदान, एडुटेक और अन्य पीढ़ी की अगली तकनीक और अकादमिक आदान-प्रदान जैसे सेमिनार, चर्चा, व्याख्यान, आदि का आयोजन किया जाएगा.' इसमें पीएम मोदी के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है. गौरतलब हो कि आयोजित संगमम में पीएम मोदी ने शिरकत की थी.

वाराणसी में तमिल संगमम की तैयारियां
वाराणसी में तमिल संगमम की तैयारियां
आईआईटी मद्रास और बीएचयू को मिली जिम्मेदारी: शिक्षा मंत्रालय के एक भारत-श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत आयोजित होने वाले इस महत्वपूर्ण संगमम के आयोजन की जिम्मेदारी आईआईटी मद्रास और बीएचयू को सौंपी गई है. आईआईटी मद्रास ने 27 नवंबर को पंजीकरण पोर्टल भी लॉन्च किया है. पहले संस्करण की तरह ही यह कार्यक्रम जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के परस्पर जुड़ाव में सहायता प्रदान करके प्राचीन भारत के शिक्षा और संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्रों वाराणसी और तमिलनाडु के बीच जीवंत संबंधों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव करता है. काशी तमिल संगमम का पहला संस्करण पूरे सरकारी दृष्टिकोण के साथ 16 नवंबर से 16 दिसंबर तक आयोजित किया गया था.

वाराणसी में तमिल संगमम में क्या होगा खास:

  • वाराणसी में 17 दिसंबर से काशी तमिल संगमम का दूसरा संस्करण शुरू होने जा रहा है.
  • तमिल समागम में वाराणसी में लगभग 1500 दक्षिण के अतिथि मौजूद रहेंगे.
  • समागम में आने के लिए लगभग 30,000 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
  • वाराणसी आने वाले अतिथियों को प्रयागराज और अयोध्या के दर्शन कराए जाएंगे.
  • कार्यक्रम में तमिलनाडु और काशी की कला संस्कृति का भी प्रदर्शन किया जाएगा.

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काशी में तमिल संगमम की तैयारियों ज़ोरों पर

वाराणसी: धर्म नगरी काशी एक बार फिर तमिल-काशी की एकता की साक्षी (Tamil Sangamam in Varanasi) बनने को तैयार है. वाराणसी में 17 दिसंबर से काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Samagam) का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम को पिछली बार की तरह ही भव्य और दिव्य बनाने की तैयारी की जा रही है. कार्यक्रम के लिए आने वाले मेहमान 15 दिसंबर को तमिलनाडु से ट्रेन चलेंगी. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अब तक लगभग 30,000 पंजीकरण हुआ है, जिसमें से 1500 लोगों को चुना जाना है. इन्हें काशी सात शिफ्ट में पहुंचना है. तमिलनाडु और पुडुचेरी के लगभग 1500 लोगों को सात समूहों में बांटा जाएगा. ये सभी प्रयागराज और अयोध्या का भी भ्रमण करेंगे.

वाराणसी में काशी-तमिल समागम को एक बार फिर से भव्य रूप देने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. वाराणसी प्रशासन इसके लिए तमाम विभागों के साथ मिलकर काम कर रहा है. वाराणसी प्रशासन इस कार्यक्रम की तैयारी में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता है. मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने पर्यटन, पुलिस और अग्निशमन की संयुक्त टीम बनाकर ठहरने के लिए चिन्हित होटल, हाइजीन, खाने की गुणवत्ता तथा सुरक्षा व्यवस्था के लिए सभी तैयारियों की समीक्षा का निर्देश दिया है. इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम और स्मार्ट सिटी को संयुक्त रूप से नमो घाट पर टॉयलेट आदि के संबंध में उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है.

17 दिसंबर को वाराणी पहुंच जाएंगे अतिथि: जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने इस बारे में जानकारी दी है. उनका कहना है, 'काशी तमिल संगमम इस बार 17 दिसंबर से आयोजित होगा. इसके लिए तैयारियां चल रही हैं. इसका आयोजन 31 दिसंबर तक चलेगा. काशी तमिल संगमम का कार्यक्रम नमो घाट पर किए जाने के लिए प्रस्तावित है. अभी इसे फाइनल नहीं किया गया है. जिस तरह से बीते साल में इसका आयोजन किया गया था. उसी भव्यता के साथ इस बार भी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.' उन्होंने बताया, 'अतिथि 17 दिसंबर को पहुंचेंगे. वे लोग विश्वनाथ मंदिर, विशालाक्षी मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, काल भैरव मंदिर में दर्शन-पूजन में भाग लेंगे. अगले दिन हनुमान घाट पर गंगा स्नान कर मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे. सुब्रह्मण्यम भारती के घर जाएंगे.'

वाराणसी में 17 दिसंबर से काशी तमिल संगमम का दूसरा संस्करण शुरू होने जा रहा है
वाराणसी में 17 दिसंबर से काशी तमिल संगमम का दूसरा संस्करण शुरू होने जा रहा है

प्रयागराज और अयोध्या भ्रमण करेंगे अतिथि: जिलाधिकारी बताते हैं, 'वाराणसी पहुंचे मेहमान नमो घाट जाएंगे. जहां लंच के बाद स्टॉल भ्रमण करेंगे और आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेंगे. सभी लोग क्रूज से गंगा आरती देखने के बाद आयोजित डिनर में भाग लेंगे. उसके बाद अतिथियों को प्रयागराज ले जाया जाएगा. वहां घूमने के बाद सभी अतिथि अयोध्या दर्शन के लिए जाएंगे. वहां से सभी अतिथि बनारस आएंगे. यहां से वो लोग ट्रेन के माध्यम से तमिलनाडु के लिए प्रस्थान करेंगे.' उन्होंने बताया, 'स्टेशन पर उनके स्वागत करने के लिए प्रशासन पूरी तैयारी कर रहा है. नमो घाट पर बैरिकेडिंग लगाई जाएगी. अतिथियों को ठंड से बचाव के लिए ऊनी वस्त्रों की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी.'

सात नदियों के नाम पर बनाए जाएंगे समूह: जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बताया, 'काशी तमिल संगमम के दूसरे चरण में यह प्रस्तावित है कि तमिलनाडु और पुडुचेरी के लगभग 1500 लोग यात्रा में लगने वाले समय सहित 8 दिनों के एक गहन दौरे के लिए ट्रेन से वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा करेंगे. उन्हें 7 समूहों में विभाजित किया जाएगा. इनमें छात्र, शिक्षक, किसान, कारीगर, व्यापारी, व्यवसायी, धार्मिक व्यक्ति, लेखक और पेशेवर लोग शामिल होंगे. प्रत्येक समूह का नाम एक पवित्र नदी के नाम पर रखा जाएगा. इनमें गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी और कावेरी के नाम पर इन समूहों का नाम रखा जाएगा.'

समागम में आने के लिए लगभग 30,000 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है
समागम में आने के लिए लगभग 30,000 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है

काशी और तमिल की संस्कृति का दिखेगा भव्य स्वरूप: उन्होंने बताया, 'इस दौरान तमिलनाडु और काशी की कला संस्कृति, हथकरघा, हस्तशिल्प, व्यंजन और अन्य विशेष उत्पादों का प्रदर्शन करने वाले स्टॉल लगाए जाएंगे. नमो घाट पर तमिलनाडु और काशी की संस्कृतियों के मिश्रण वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. इसके साथ ही साहित्य, प्राचीन ग्रंथ, दर्शन, आध्यात्मिकता, संगीत, नृत्य, नाटक, योग, आयुर्वेद, हथकरघा, हस्तशिल्प के साथ आधुनिक नवाचार, व्यापार आदान-प्रदान, एडुटेक और अन्य पीढ़ी की अगली तकनीक और अकादमिक आदान-प्रदान जैसे सेमिनार, चर्चा, व्याख्यान, आदि का आयोजन किया जाएगा.' इसमें पीएम मोदी के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है. गौरतलब हो कि आयोजित संगमम में पीएम मोदी ने शिरकत की थी.

वाराणसी में तमिल संगमम की तैयारियां
वाराणसी में तमिल संगमम की तैयारियां
आईआईटी मद्रास और बीएचयू को मिली जिम्मेदारी: शिक्षा मंत्रालय के एक भारत-श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत आयोजित होने वाले इस महत्वपूर्ण संगमम के आयोजन की जिम्मेदारी आईआईटी मद्रास और बीएचयू को सौंपी गई है. आईआईटी मद्रास ने 27 नवंबर को पंजीकरण पोर्टल भी लॉन्च किया है. पहले संस्करण की तरह ही यह कार्यक्रम जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के परस्पर जुड़ाव में सहायता प्रदान करके प्राचीन भारत के शिक्षा और संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्रों वाराणसी और तमिलनाडु के बीच जीवंत संबंधों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव करता है. काशी तमिल संगमम का पहला संस्करण पूरे सरकारी दृष्टिकोण के साथ 16 नवंबर से 16 दिसंबर तक आयोजित किया गया था.

वाराणसी में तमिल संगमम में क्या होगा खास:

  • वाराणसी में 17 दिसंबर से काशी तमिल संगमम का दूसरा संस्करण शुरू होने जा रहा है.
  • तमिल समागम में वाराणसी में लगभग 1500 दक्षिण के अतिथि मौजूद रहेंगे.
  • समागम में आने के लिए लगभग 30,000 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.
  • वाराणसी आने वाले अतिथियों को प्रयागराज और अयोध्या के दर्शन कराए जाएंगे.
  • कार्यक्रम में तमिलनाडु और काशी की कला संस्कृति का भी प्रदर्शन किया जाएगा.

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Last Updated : Dec 4, 2023, 9:19 AM IST
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