वाराणसी: काशी की संस्कृति और परंपरा के अनुरूप यहां पर विविध आयोजनों को किया जाता है. इसी क्रम में दिसंबर के महीने में तमिल संस्कृति और सभ्यता को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम लालपुर स्टेट पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में 17 नवंबर से 17 दिसंबर तक तमिल संस्कृति की झलक दिखाई पड़ेगी.
इस बारे में कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि 17 नवंबर से 17 दिसंबर तमिल लोगों का महत्वपूर्ण महीना होता है, जोकि कार्तिक का महीना है. इसमें प्रति दिन दीप जलाने की परंपरा है. तमिलनाडु की जनता काशी से इमोशनल रूप से जुड़ी हुई है. इसलिए एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत एक कार्यक्रम आयोजित होगा. दरअसल इस बीच तमिलनाडु के कई ग्रुप वाराणसी आएंगे. यह ग्रुप वाराणसी का विजिट भी करेगा. इसी आयोजन के बाबत भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के मेंबर आए हुए हैं और यह कार्यक्रम उन्हीं के माध्यम से आयोजित होगा.
भारत सरकार की तरफ से इस कार्यक्रम के लिए बीएचयू को नोडल डिपार्टमेंट घोषित किया गया है. इसी आयोजन के परिपेक्ष्य में यहां पर बैठक हुई थी. इसमें केंद्र के अधिकारी भी शामिल हुए थे. काशी विद्युत परिषद और जिला प्रशासन के भी लोग थे. कार्यक्रम की लगभग पूर रूपरेखा तैयार हो चुकी है. 2 दिन रुकने के बाद यह टीम काशी से प्रयागराज और अयोध्या भी दर्शन करने जाएंगी. इसको लेकर वेबसाइट तमिलनाडु में लांच की जा रही है. यह सारा आयोजन सरकारी खर्चे पर होगा.
कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम में तमिलनाडु की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. इस आयोजन में तमिल का हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट और साथ ही उत्तर प्रदेश का भी हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट की प्रदर्शनी के साथ दोनों प्रदेशों का खानपान भी रहेगा. इससे काशी में तमिल की सारी संस्कृति सभ्यता खान-पान से लेकर हर चीज का मिश्रण देखने को मिलेगा.
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