वाराणसी: देश के अलग-अलग 10 राज्यों में हिंदुओं के अल्पसंख्यक होने के बाद अब इन राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने की मांग तेज होने लगी है. केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने को लेकर राज्यों की तरफ से इसका निर्धारण किए जाने के बाबत पत्र दाखिल किया गया था. जिसके बाद अब संत समाज भी एकजुट होने लगा है. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जिन राज्यों में हिंदुओं की जनसंख्या कम है, वहां जल्द हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित किया जाए.
वहीं, एक वीडियो जारी करते हुए स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, मिजोरम समेत देश के उन 10 राज्यों में जहां हिंदुओं की जनसंख्या कम है, वहां जल्द हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित किया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि इन सभी राज्यों में अल्पसंख्यक की परिभाषा केंद्र नहीं, बल्कि राज्य सरकार निर्धारित कर हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दे.
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इस बाबत अखिल भारतीय संत समिति की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी गई है. जिसमें संत समिति की ओर से यह मांग रखी गई है कि जिन राज्यों में हिंदू कम संख्या में रह रहे हैं. उनका निर्धारण राज्यवार तरीके से अल्पसंख्यकों की परिभाषा को तय करते हुए किया जाना आवश्यक है और जो भी लाभ या सुविधा अल्पसंख्यकों को दी जाती है, उसका लाभ भी उन्हें मिलना चाहिए.
इसे लेकर लंबे समय से संत समिति यह मांग कर रहा है और अब केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह मामला गया है, जिसमें राज्यवार तरीके से अल्पसंख्यक होने का दर्जा हिंदुओं को दिए जाने की बात कही गई है. स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में यदि यह प्रयास सफल होता है तो निश्चित तौर पर वह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. उनका कहना है कि हम सभी संत समाज और हिंदू समाज के लोग केंद्र सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं, जो उनके इस मांग पर विचार करते हुए इस दिशा में कदम उठाया है.
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