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नोट वाले बयान पर भड़के स्वामी जितेंद्रानंद, बोले-शराब ठेकों पर भगवान का अपमान कराना चाहते अरविंद केजरीवाल - called Arvind Kejriwal a chameleon

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नोट पर गणेश और महालक्ष्मी की फोटो की मांग पर स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती भड़क गए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम शराब ठेकों और मीट की दुकानों पर भगवान का अपमान कराना चाहते हैं इस वजह से उन्होंने यह बयान दिया है.

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स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती
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Published : Oct 26, 2022, 7:35 PM IST

वाराणसी: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात चुनाव से पहले हिंदू कार्ड खेल दिया है. भारतीय नोट पर गांधी जी के साथ गणेश और महालक्ष्मी की फोटो लगाने की मांग की है. मुख्यमंत्री के इस बयान का अखिल भारतीय संत समिति ने विरोध किया है. काशी के साधु-संतों में इस बयान को लेकर काफी आक्रोश है क्योंकि नोट मदिरा की दुकान और मांसाहार की दुकान तक जाता है ऐसे में यह भगवान का अपमान है.

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की हिंदुओं को बांटने की राजनीति और रणनीति अब काम नहीं आने वाली है. रही बात मुद्रा पर गणेश और लक्ष्मी जी की तो सेकुलर संविधान और सेकुरल देश में हम सनातन धर्मियों को इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. हमें यह कभी भी गंवारा नहीं होगा कि मांस मदिरा की दुकान के गल्ले में इस तरह की मुद्रा पड़ी रहे. ऐसा शराब प्रेमी मुख्यमंत्री हमारे भगवान को उस स्थान तक पहुंचाना चाहता है.

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती यह बोले.



अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री ने कहा दिल्ली के मुख्यमंत्री को हिंदुओं के प्रति प्रेम उमड़ा है. उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली दंगे के आरोपियों को चुपचाप दिल्ली पुलिस के हवाले कर दीजिए. अगर इससे भी ज्यादा प्रेम उमड़ रहा है तो सरकार के पैसे से जो वेतन नमाज पढ़ने के लिए दिया जा रहा है, उसको बंद कर दीजिए. आपकी आस्था हिंदुओं में है. हिंदू पुजारियों के दिल्ली में जितने भी मंदिर है उनके पुजारियों का वेतन लागू कीजिए अन्यथा अपना गिरगिट का रंग अपने पास रखिए.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस के सत्तावंश का समूल नाश हो जाएगा: स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती

वाराणसी: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात चुनाव से पहले हिंदू कार्ड खेल दिया है. भारतीय नोट पर गांधी जी के साथ गणेश और महालक्ष्मी की फोटो लगाने की मांग की है. मुख्यमंत्री के इस बयान का अखिल भारतीय संत समिति ने विरोध किया है. काशी के साधु-संतों में इस बयान को लेकर काफी आक्रोश है क्योंकि नोट मदिरा की दुकान और मांसाहार की दुकान तक जाता है ऐसे में यह भगवान का अपमान है.

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की हिंदुओं को बांटने की राजनीति और रणनीति अब काम नहीं आने वाली है. रही बात मुद्रा पर गणेश और लक्ष्मी जी की तो सेकुलर संविधान और सेकुरल देश में हम सनातन धर्मियों को इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. हमें यह कभी भी गंवारा नहीं होगा कि मांस मदिरा की दुकान के गल्ले में इस तरह की मुद्रा पड़ी रहे. ऐसा शराब प्रेमी मुख्यमंत्री हमारे भगवान को उस स्थान तक पहुंचाना चाहता है.

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती यह बोले.



अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री ने कहा दिल्ली के मुख्यमंत्री को हिंदुओं के प्रति प्रेम उमड़ा है. उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली दंगे के आरोपियों को चुपचाप दिल्ली पुलिस के हवाले कर दीजिए. अगर इससे भी ज्यादा प्रेम उमड़ रहा है तो सरकार के पैसे से जो वेतन नमाज पढ़ने के लिए दिया जा रहा है, उसको बंद कर दीजिए. आपकी आस्था हिंदुओं में है. हिंदू पुजारियों के दिल्ली में जितने भी मंदिर है उनके पुजारियों का वेतन लागू कीजिए अन्यथा अपना गिरगिट का रंग अपने पास रखिए.

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