वाराणसीः काशी में ज्ञानवापी विवाद का मामला अभी अदालत में हैं. ज्ञानवापी में हुए सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने का दावा हिंदू पक्ष लगातार कर रहा है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इसे आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग बताकर पूजा की अनुमति मांगी थी. अनुमति न मिलने पर अब उन्होंने ऐलान किया है कि आदि विश्वेश्वर की प्रतीकात्मक पूजा के लिए देशभर में अभियान चलाया जाएगा. गांव-गांव से लेकर शहरों तक में यह पूजा कराई जाएगी.
बता दें कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग की पूजा की मांग को लेकर 108 घंटे तक बिना अन्न और जल के अनशनरत हुए थे. शंकराचार्य स्वरूपानंद के आदेश के बाद उन्होंने अन्न जल ग्रहण किया था. एक बार फिर वह आदि विशेश्वर की पूजा को लेकर देशभर में व्यापक जनादेश और पूजन की तैयारी में जुट गए हैं.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि एक हफ्ते नोटिस देकर हमने प्रतीक्षा की थी. अब किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए हम आज से स्वतंत्र हो रहे हैं. एक भारत में सात लाख गांव हैं और लगभग साढ़े चार लाख मोहल्ले हैं. एक दिन में एक गांव या मोहल्ले में पूजा कराई जाएगी. इसके लिए हमारे कार्यकर्ता गांव-गांव और शहर-शहर जनसंपर्क करेंगे. हम अपने धार्मिक दायित्वों का दृढ़तापूर्वक पालन करेंगे.
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