वाराणसी: सभी राज्यों में विश्वविद्यालयों में परीक्षा को लेकर भ्रम की स्थिति अब खत्म हो गई है. एक ओर विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्रों के प्रमोशन को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने से छात्र परेशान हैं तो वहीं दूसरी ओर परीक्षा की तिथि घोषित होने के बाद अधूरा सिलेबस भी विद्याथिर्यों की परेशानी का सबब बना हुआ है.
महाविद्यालय का कोर्स अधूरा
वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के संबद्ध महाविद्यालय में अभी तक 50 फीसदी पाठ्यक्रम अधूरा है. लॉकडाउन के कारण कक्षाएं नहीं चली हैं और संसाधनों के अभाव में ऑनलाइन क्लास का संचालन भी सही प्रारूप से नहीं हो सका है. बता दें कि विद्यापीठ से वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही में लगभग 320 महाविद्यालय संबंधित है. इन महाविद्यालयों में परीक्षार्थियों की संख्या लगभग 75,000 है. जिसमें अंतिम वर्ष के छात्रों की संख्या 19 हजार के करीब है.
प्रमोशन की स्थिति स्पष्ट नहीं
लॉकडाउन के चलते विश्वविद्यालय परिसर से जुड़े विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन लगातार किया जा रहा है. साथ ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पाठ्यक्रम के वीडियो अपलोड किए गए हैं, लेकिन महाविद्यालयों की हालत ज्यादा खराब है.
विद्यार्थियों का कहना है कि एक ओर प्रमोशन को लेकर सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहा है, वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन क्लास भी नहीं चल रही है. विद्यार्थियों के सभी पाठ्यक्रम अधूरे हैं. ऐसे में परीक्षा कैसे हो सकती है. विद्यार्थियों का कहना है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
समस्या के समाधान की उचित व्यवस्था
कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने बताया कि इस संबंध में सरकार की तरफ से मिली गाइडलाइन के अनुसार ही आगे का निर्णय लिया जाएगा. साथ ही अन्य सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर कार्य योजना बनाई जा रही है, ताकि छात्रों की परेशानियों को दूर किया जा सके.
अधूरे पाठ्यक्रमों को लेकर संबंधित महाविद्यालय के प्रबंधक व प्राचार्य से संवाद किया जा रहा है कि किस तरह छात्रों का कोर्स पूरा कराया जा सके. बहुत सारे छात्र ग्रामीण अंचल से भी आते हैं, जिसकी वजह से कनेक्टिविटी में समस्या आ रही है, लेकिन इस समस्या के समाधान की भी उचित व्यवस्था की जा रही है.