वाराणसी: जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र एक बेजुबान के लिए भगवान बन कर सामने आए. बीएचयू कैंपस और ट्रॉमा सेंटर के बीच में इमरजेंसी गेट में एक कुत्ता देर रात से गेट में फंसा था. बीएचयू के छात्र समूह ने उस कुत्ते की मदद की और लगभग 2 घंटे के रेस्क्यू के बाद उसे सही सलामत वापस निकाल लिया गया. जिले के अपना घर फाउंडेशन ने भी छात्रों का मदद की.
2 घंटे तक चला रेस्क्यू
बीएचयू ट्रामा सेंटर का गेट देर रात में बंद होने के कारण बाहर निकलने की चाह में एक कुत्ते की गर्दन गेट में फंस गई. वह पूरी रात चिल्लाता रहा. बीएचयू के छात्रों और स्थानीय सामाजिक संगठन ने कटर से गेट के कुछ हिस्से को काटा, उसके बाद उसको गेट से निकाला गया. रात भर फंसे रहने की वजह से उसे काफी कमजोरी थी. निकालने के बाद अपना घर फाउंडेशन उसे अपने साथ ले गया, जहां उसका उपचार किया जाएगा.
हम लोग सुबह होते ही कैंपस पहुंचे तो एक कुत्ते की दर्द भरी आवाज सुनाई दे रही थी. मौके पर पहुंचकर हम लोगों ने देखा इसका गला इमरजेंसी गेट में फंसा है. जिसके बाद हम लोगों ने प्रॉक्टोरियल ऑफिस और सामाजिक संस्थान के लोगों के मदद से लगभग 2 मिनट के रेस्क्यू के बाद कुत्ते को सही सलामत बाहर निकाला. अपना घर फाउंडेशन के डॉक्टर निरंजन जी कुत्ते को अपने साथ ले गए, जहां पर उसकी और अच्छे से देखभाल की जाए.
-सत्येंद्र कुमार मिश्र, शोध छात्र, बीएचयू