वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी को खोलने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. बीएचयू की सेंट्रल लाइब्रेरी में 300 विद्यार्थियों के बैठने की क्षमता है लेकिन अभी आधे छात्रों को ही बैठने अनुमति है. छात्र इसे पूर्ण रूप से खोलने की मांग कर रहे हैं. इसी मांग को लेकर शुक्रवार को छात्र प्रदर्शन पर बैठ गए. सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने सेंट्रल ऑफिस के मुख्य द्वार को बंद करके जमकर प्रदर्शन किया. विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. देर शाम तक विश्वविद्यालय प्रबंधन और छात्रों के बीच बातचीत चलती रही. गौरतलब है कि वैश्विक महामारी के दौरान बीएचयू के बंद कर दिया गया था. अब 22 फरवरी से यह पूर्ण रूप से छात्रों के लिए खोली जाएगी लेकिन लाइब्रेरी पूरी तरह खोलने का अभी फरमान जारी नहीं हुआ है. इसे लेकर छात्रों में नाराजगी है.
यह है छात्रों की मांग
काशी हिंदू विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी को पूरी तरह खोल दिया जाए, इसी मांग को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि सेंट्रल लाइब्रेरी में 300 छात्रों के पढ़ने की क्षमता है. यहां पर केवल 150 छात्रों को पढ़ने दिया जा रहा है. छात्रों की मांग है कि लाइब्रेरी पूरी तरह खुले. लाइब्रेरी को सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक खोला जाए. हफ्ते के सातों दिन लाइब्रेरी खोली जाए. सेंट्रल लाइब्रेरी और साइबर लाइब्रेरी दोनों को पूरी सीटों के तहत खोला जाए. साइबर लाइब्रेरी में 430 सीटें हैं. उन सभी को खोला जाए.
छात्र विपुल ने बताया कोविड-19 का बहाना कर विश्वविद्यालय प्रशासन केंद्रीय पुस्तकालय को पूर्ण रूप से नहीं खोल रहा है. हमारी लाइब्रेरी में केबिन बना हुआ है. यहां छात्र एक-दूसरे से बात नहीं कर सकते. उसके साथ ही आप देख लीजिए तमाम दुकानें विश्वविद्यालय में खोली गई हैं. उसके साथ ही विश्वनाथ मंदिर पर काफी भीड़ हो रही है. अभी हमसे मिलने डिप्टी चीफ प्रॉक्टर कापरी सर आए थे. वह रजिस्ट्रार सर से बात करने गए हैं. तब तक हम लोग यहीं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.