वाराणसी: सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार फिर छात्र आक्रोशित हैं. लाल बहादुर शास्त्री के वार्डन पर छात्रों ने गंभीर आरोप लगाते हुए हॉस्टल के बाहर प्रदर्शन किया. वार्डन और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र नहीं माने. छात्र चीफ प्रॉक्टर ऑफिस सामने जाकर भी प्रदर्शन किया. छात्र वर्तमान वार्डन को बर्खास्त करने की मांग पर अड़े हैं.
बीएचयू में छात्रों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही कई थानों की फोर्स विश्वविद्यालय के सिंहद्वार पर पहुंच गई. विश्वविद्यालय के छात्र अभी भी अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा लगातार छात्रों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है.
प्रदर्शन कर रहे छात्र ने बताया कि हम लोग यहां पर नोड्यूज कराने आए थे. हमें बोला गया कि आप लोगों का नोट यूज नहीं किया जाएगा. उन्होंने अलग से 1 हजार रुपये की मांग की गई. जब छात्रों ने पूछा कि ये 1 हजार रुपये किस चीज का लिया जा रहा है तो उन्होंने बताया कि ये लेट नोडयूज का फीस है. जबकि हमारे नियम में कहीं भी लेट नोड्यूज उसकी कोई फीस नहीं लगती है. हमारे ही हॉस्टल में पांचवें सेमेस्टर की फीस सभी छात्रों से नहीं लिया गया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक गाइडलाइन 25 मार्च को जारी करता है. जिसमें यह लिखा गया है कि वैश्विक महामारी के दौर में जो भी छात्र अपने घर गए उनके पास क सेमेस्टर की फीस नहीं लगेगी.
छात्रों को मिल रही है धमकी
हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र ने बताया कि जो भी छात्र पांचवी सेमेस्टर की और एक हजार एक्स्ट्रा फीस देने से मना कर रहा है. उनको धमकी दी जा रही है कि आप लोगों को गंभीर केस में फंसा दिया जाएग. हाथ में गांजा और कट्टा देकर जिंदगी बर्बाद कर दिया जाएगा. छात्रों ने बताया कि वार्डन का नाम अनिल सिंह है. वह इस तरह की धमकी लगातार छात्रों को देते आ रहे हैं.
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