वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मंगलवार देर शाम ताजिया जुलूस को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया. ताजिया जुलूस निकालने के बाद नाराज छात्रों ने बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर कार्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए. नाराज छात्रों ने विश्वविद्यालय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कैंपस में नई परंपरा शुरुआत करने का आरोप लगाया.
ताजिए के जुलूस को लेकर धरने पर बैठे छात्र-
- ताजिया जुलूस निकालने के बाद नाराज छात्रों ने प्रॉक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया.
- छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए हैं.
- छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन सहित कुलपति और चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
- छात्रों ने कहा कि यहां पर किसी नई प्रथा की शुरुआत की गई है, जो नहीं होना चाहिए.
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छात्र पतंजलि पांडे ने बताया कि मंगलवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नई परंपरा शुरू की गई. छितुपुर गेट छात्रों के लिए भी कम खुलता है. एक विशेष समुदाय के लिए खोला गया. हमारी मांग है कि इस परंपरा को बंद किया जाए. मुख्य योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि कोई भी नई परंपरा नहीं शुरू की जाएगी.
आज सुबह क्षेत्र छितुपुर गेट से एक ताजिए का जुलूस विभिन्न चौराहे और मार्गों से होते हुए सिंह द्वार से बाहर गया. इसी बात पर छात्रों का कहना है कि नई परंपरा बीएचयू प्रशासन ने शुरू की है. लगभग 30 सालों से यह परंपरा चली आ रही है. इसका रिकॉर्ड काशी हिंदू विश्वविद्यालय और लंका थाने में मौजूद है.
-ओपी राय, चीफ प्रॉक्टर