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वाराणसी: बीएचयू में ताजिया जुलूस निकालने को लेकर छात्रों ने दिया धरना - बीएचयू छात्रों ने दिया धरना

यूपी के वाराणसी के बीएचयू के छितुपुर गेट से ताजिया जुलूस निकालने को लेकर छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर कार्यालय पर धरना दिया. छात्रों ने बीएचयू प्रशासन पर नई परंपरा शुरू करने की बात कही. चीफ प्रॉक्टर का कहना है कि यह परंपरा 30 सालों से चली आ रही है.

छात्रों ने दिया धरना.
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Published : Sep 10, 2019, 11:33 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मंगलवार देर शाम ताजिया जुलूस को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया. ताजिया जुलूस निकालने के बाद नाराज छात्रों ने बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर कार्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए. नाराज छात्रों ने विश्वविद्यालय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कैंपस में नई परंपरा शुरुआत करने का आरोप लगाया.

छात्रों ने दिया धरना.

ताजिए के जुलूस को लेकर धरने पर बैठे छात्र-

  • ताजिया जुलूस निकालने के बाद नाराज छात्रों ने प्रॉक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया.
  • छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए हैं.
  • छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन सहित कुलपति और चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
  • छात्रों ने कहा कि यहां पर किसी नई प्रथा की शुरुआत की गई है, जो नहीं होना चाहिए.

पढ़ें:- हाथरस: ताजिया निकाले जाने को लेकर लोगों का पुलिस से हुआ विवाद

छात्र पतंजलि पांडे ने बताया कि मंगलवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नई परंपरा शुरू की गई. छितुपुर गेट छात्रों के लिए भी कम खुलता है. एक विशेष समुदाय के लिए खोला गया. हमारी मांग है कि इस परंपरा को बंद किया जाए. मुख्य योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि कोई भी नई परंपरा नहीं शुरू की जाएगी.

आज सुबह क्षेत्र छितुपुर गेट से एक ताजिए का जुलूस विभिन्न चौराहे और मार्गों से होते हुए सिंह द्वार से बाहर गया. इसी बात पर छात्रों का कहना है कि नई परंपरा बीएचयू प्रशासन ने शुरू की है. लगभग 30 सालों से यह परंपरा चली आ रही है. इसका रिकॉर्ड काशी हिंदू विश्वविद्यालय और लंका थाने में मौजूद है.
-ओपी राय, चीफ प्रॉक्टर

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में मंगलवार देर शाम ताजिया जुलूस को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया. ताजिया जुलूस निकालने के बाद नाराज छात्रों ने बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर कार्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए. नाराज छात्रों ने विश्वविद्यालय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कैंपस में नई परंपरा शुरुआत करने का आरोप लगाया.

छात्रों ने दिया धरना.

ताजिए के जुलूस को लेकर धरने पर बैठे छात्र-

  • ताजिया जुलूस निकालने के बाद नाराज छात्रों ने प्रॉक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया.
  • छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए हैं.
  • छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन सहित कुलपति और चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
  • छात्रों ने कहा कि यहां पर किसी नई प्रथा की शुरुआत की गई है, जो नहीं होना चाहिए.

पढ़ें:- हाथरस: ताजिया निकाले जाने को लेकर लोगों का पुलिस से हुआ विवाद

छात्र पतंजलि पांडे ने बताया कि मंगलवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नई परंपरा शुरू की गई. छितुपुर गेट छात्रों के लिए भी कम खुलता है. एक विशेष समुदाय के लिए खोला गया. हमारी मांग है कि इस परंपरा को बंद किया जाए. मुख्य योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि कोई भी नई परंपरा नहीं शुरू की जाएगी.

आज सुबह क्षेत्र छितुपुर गेट से एक ताजिए का जुलूस विभिन्न चौराहे और मार्गों से होते हुए सिंह द्वार से बाहर गया. इसी बात पर छात्रों का कहना है कि नई परंपरा बीएचयू प्रशासन ने शुरू की है. लगभग 30 सालों से यह परंपरा चली आ रही है. इसका रिकॉर्ड काशी हिंदू विश्वविद्यालय और लंका थाने में मौजूद है.
-ओपी राय, चीफ प्रॉक्टर

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में देर शाम उस समय हड़कंप मच गया जब ताजिए के जुलूस को लेकर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। ताजिए के जुलूस निकालने के बाद नाराज छात्रों ने बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर कार्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए नाराज छात्रों ने विश्वविद्यालय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन कैंपस में नई परंपरा की शुरुआत की है विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि पिछले 30 सालों से चली आ रही है।


Body:काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हैं जो छात्र के प्रॉक्टर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए और उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन सहित कुलपति और चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया छात्रों का कहना है यहां पर किसी नई प्रथा का शुरुआत नहीं होना चाहिए।


Conclusion:काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ओपी राय ने बताया आज 10:00 बजे हमारे क्षेत्र छितुपुर गेट से एक ताजिए का जुलूस विभिन्न चौराहे और मार्गो से होते हुए सिंह द्वार से बाहर गया। इसी बात को लेकर छात्रों का कहना है कि नई परंपरा बीएचयू प्रशासन द्वारा शुरू किया गया है लेकिन हम आपको बता दिया मेरे नॉलेज में है कि लगभग 30 सालों से यह परंपरा चली आ रही है जिसका रिकॉर्ड काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पास है और लंका थाने में भी उसके रिकॉर्ड मौजूद है हमने छात्रों से बात किया है और जल्दी छात्र मान जाएंगे।

बाईट:-- चीफ प्रॉक्टर ओपी राय

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र पतंजलि पांडे ने बताया आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नया परंपरा शुरू किया गया छितुपुर गेट छात्रों के लिए भी कम खुलता है। एक विशेष समुदाय के लिए खोला गया और एकता जी के जुलूस की नई परंपरा शुरू की गई हमारी मांग है कि इस परंपरा को बंद किया जाए और जिला प्रशासन के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन हमें निश्चित तौर पर यदि अगले साल से कोई नई परंपरा शुरू नहीं की जाएगी क्योंकि सुबह के मुख्य योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि कोई भी नई परंपरा नहीं शुरू की जाएगी।

बाईट:--पतंजलि पांडेय, छात्र,

अशुतोष उपध्याय

9005099684

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