वाराणसी: IIT-BHU को स्टूडेंट एजुकेशन सेंटर बनाने के लिए करीब साढ़े 13 करोड़ रुपये दान में मिले हैं. इस सेंटर में छात्रों को रिसर्च और साइंटिफिक स्टडी का इकोसिस्टम दिया जाएगा. माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया स्थित जुनिपर नेटवर्क के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) डॉ. राज यावतकर ने IIT-BHU फाउंडेशन को यह रुपये दान किए हैं. उन्होंने कहा कि एजुकेशनल सेंटर के निर्माण (Student education center will be built in IIT-BHU) का सहयोग करने के लिए अति उत्साहित हूं. यह छात्रों को नए रिसर्च और विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगा. राज यावतकर के पास 50 से ज्यादा पेटेंट हैं.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को यहां के पूर्व छात्रों द्वारा कई माध्यमों से दान मिलते रहते हैं. वहीं कुछ पूर्व छात्र यानी एलुमिनी रुपये दान कर विश्वविद्यालय के विकास में सहयोग प्रदान करते हैं. ये दान के रुपये लाखों में होते हैं. वहीं एक बार फिर विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र ने दान देकर विश्वविद्यालय के विकास में मदद की है. ये एलुमिनी हैं माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया स्थित जुनिपर नेटवर्क के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) डॉ. राज यावतकर. उन्होंने करीब करीब साढ़े 13 करोड़ रुपये IIT-BHU को स्टूडेंट एजुकेशन सेंटर बनाने के लिए दिये हैं. इस संबंध में डीन प्रो. राजीव श्रीवास्तव ने जानकारी दी है.
50 से ज्यादा पेटेंट, 40 से ज्यादा रिसर्च पेपर: रिसर्च एंड डेवलपमेंट डीन प्रो. राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ. राज यावतकर ने IIT-BHU इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में B.Tech की उपाधि प्राप्त की है. IIT-बांबे से कंप्यूटर साइंस में M-Tech और PhD की है. इसके साथ ही वह IEEE के सदस्य हैं. डॉ. यावतकर नेटवर्किंग इंडस्ट्री में एक अग्रणी विशेषज्ञ के रूप में पहचाने जाते हैं. उनके पास 50 से ज्यादा पेटेंट हैं. प्रो. राजीव श्रीवास्तव ने बताया वह 5 इंटरनेट स्टैंडर्ड्स के सह-लेखक हैं. साथ ही डॉ. यावतकर ने एकेडमिक जर्नल और सम्मेलनों में 40 से ज्यादा रिसर्च पेपर भी प्रकाशित किए हैं.
IIT-BHU ने इंजीनियरिंग के रास्ते पर आगे बढ़ाया: प्रो. राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि जॉन विली द्वारा प्रकाशित किताब इनसाइड द इंटरनेट रिसोर्स रिज़र्वेशन प्रोटोकॉल के सह-लेखक हैं. IIT-BHU के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन और बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने भी इस दान के लिए आभार व्यक्त किया है. वहीं इस बारे में डॉ. राज यावतकर ने कहा, IIT-BHU ने मुझे न केवल इंजीनियरिंग के रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद की, बल्कि कम उम्र में कैंपस में आने वाले किसी भी छात्र के लिए यहां पर पढ़ाई करना एक बेहतरीन अनुभव था. इस संस्थान ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है. मैं विश्वविद्यालय का आभारी हूं.
IIT-BHU ने नेतृत्व क्षमता और रिस्क लेने में मदद की: डॉ. यावतकर ने कहा कि IIT-BHU ने मुझे नेतृत्व, कम्युनिकेशन और रिस्क लेने जैसे कई क्षेत्रों में आगे बढ़ने में मदद की. मैं स्टूडेंट एजुकेशनल सेंटर के निर्माण का सहयोग करने के लिए अति उत्साहित हूं. उन्होंने आगे कहा कि स्टूडेंट एजुकेशनल सेंटर छात्रों को नए रिसर्च और विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगा. इसके साथ ही उन्हें अपना कल्चरल टैलेंट को शो करने का मौका देगा. वहीं संस्थान के एलुमिनी द्वारा दान दिए जाने पर विभाग ने आभार व्यक्त किया है. इसके साथ ही यह उम्मीद भी जताई है कि एजुकेशनल सेंटर बनने से छात्र-छात्राओं के विकास में मदद मिलेगी.
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