वाराणसी: प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से देशभर में बढ़ रही यौन हिंसा की घटनाओं पर दुख व्यक्त किया. मंच ने कई जगहों पर महिला विरुद्ध अपराध और लड़कियों की शिक्षा पर आधारित नुक्कड़ नाटक किया. नुक्कड़ नाटक 'बढ़िये और बढ़ाइये व मजदूर का दर्द' के मंचन में कलाकारों ने जीवंत अभिनय कर दर्शकों के दिलों को झकझोर कर रख दिया.
दर्शकों के दिलों को भी झकझोरा
जिले में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के दौरे के एक दिन पहले देशभर में लगातार बढ़ रहीं यौन हिंसा की घटनाओं से दुखी काशी के प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक किया. इसके माध्यम से कलाकारों ने अपनी भवनाओं को उजागर करते हुए विरोध दर्ज कराया. आशा ट्रस्ट, लोक समिति, सहयोग संस्था द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़े के तहत आयोजित कार्यक्रम में प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने शनिवार को सेवापुरी क्षेत्र के करधना, भतपुरवां, लालपुर और चक्रपानपुर गामव में महिला विरुद्ध हिंसा, लैंगिक भेदभाव पर नुक्कड़ नाटक किया.
जनप्रतिनिधियों की भी जमकर खिंचाई
इस सजीव मंचन में पितृसत्तात्मक समाज और सरकार पर भी करारा कटाक्ष किया गया. साथ ही विकृत मानसिकता के लोगों सहित जनप्रतिनिधियों की भी जमकर खिंचाई की गई. कलाकारों ने इससे निपटने के उपाय भी दर्शाए. इस दौरान घरेलू महिला हिंसा, जेंडर असमानता, यौनिक हिंसा के खिलाफ पर्चे भी बांटे.
आधी आबादी के रहने लायक नहीं हैं परिस्थितियां
इस अवसर पर लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि आज देश की परिस्थितियां आधी आबादी के रहने लायक नहीं रह गई हैं. महिलाओं एवं बच्चियों के साथ बलात्कार, हत्या, आत्महत्या, शोषण, यौन हिंसा की घटनाओं ने संवेदनशील समाज के लोगों को स्तब्ध कर दिया है. पॉक्सो जैसे मजबूत कानून के रहते हुए भी आज औरतों, लड़कियां, बच्चियों की सुरक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी के प्रति सत्ता और प्रशासन की भूमिका में कोई बदलाव नहीं आ रहा है.
लैंगिक भेदभाव को रोकने की अपील
अन्य वक्ताओं ने कहा कि निर्भया, हाथरस, कठुआ, उन्नाव, बारपेटा, सूरत, हैदराबाद, सासाराम आदि की घटनाओं ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. कार्यक्रम में शामिल गांव की महिलाओं और लड़कियों ने प्रधानमंत्री से महिला हिंसा रोकने, प्रदेश में शराबबंदी और लैंगिक भेदभाव को रोकने की अपील की.