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सुनिए, वाराणसी के बारे में ईटीवी भारत के सवाल पर क्या बोले श्रीलंका के प्रधानमंत्री राजपक्षे

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Published : Feb 10, 2020, 11:58 AM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में पहुंचे श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने काशी विश्वनाथ और काल भैरव के दरबार में हाजिरी लगाने के बाद भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ पहुंचे. बाद में ईटीवी भारत के सवाल का भी जवाब दिया.

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श्रीलंका पीएम महिंदा राजपक्षे ने ईटीवी भारत से की बात

वाराणसी: जिले में श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पहुंचे. वहां उन्होंने कई मंदिरों और स्थलों के दर्शन किए साथ ही वहां के बारे में जानकारी की. सबसे पहले वह काशी विश्वनाथ मंदिर और काल भैरव के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे. उसके बाद भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ पहुंचे.

श्रीलंका पीएम महिंदा राजपक्षे ने ईटीवी भारत से की बात

सारनाथ भ्रमण के दौरान ईटीवी भारत संवाददाता ने प्रधानमंत्री राजपक्षे से सवाल किया कि आपको वाराणसी में क्या अच्छा लगा. इस सवाल के जावाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लोगों के लिए वाराणसी और सारनाथ सबसे महत्वपूर्ण जगह है. बता दें कि सारनाथ बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और धार्मिक जगह हैं. हर साल लाखों की संख्या में बौद्ध धर्म मामने वाले यहां आते हैं. श्रीलंका में भी बौद्ध धर्म के मानने वालों की बाहुलता है.

माना जा रहा है कि वह आम चुनावों में जीत के बाद यहां भगवान बुद्ध के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने आए थे. चुनावों से पहले उनके लगभग साढ़े चार सौ समर्थकों ने सारनाथ पहुंचकर उनकी जीत के लिए विशेष अनुष्ठान किया था. आम चुनावों में जीत के बाद महिंदा राजपक्षे का परिवार श्रीलंका का सबसे प्रभावशाली परिवार बन चुका है. उनके छोटे भाई गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं. खुद महिंदा राजपक्षे 2005 उसके बाद 2010 में श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं.

रविवार को जब वह सारनाथ भगवान बुद्ध से आशीर्वाद लेने पहुंचे, तो ईटीवी संवाददाता ने उनसे पूछा, वाराणसी के बारे में आपको सबसे ज्यादा क्या पसंद आया. प्रधानमंत्री राजपक्षे ने बड़ी सरलता से मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि यहां बहुत महत्वपूर्ण धरोहर है. खासतौर से मेरे जैसे बौद्ध धर्म के मानने वाले के लिए यह जगह बहुत महत्तपूर्ण है.

वाराणसी: जिले में श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पहुंचे. वहां उन्होंने कई मंदिरों और स्थलों के दर्शन किए साथ ही वहां के बारे में जानकारी की. सबसे पहले वह काशी विश्वनाथ मंदिर और काल भैरव के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे. उसके बाद भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ पहुंचे.

श्रीलंका पीएम महिंदा राजपक्षे ने ईटीवी भारत से की बात

सारनाथ भ्रमण के दौरान ईटीवी भारत संवाददाता ने प्रधानमंत्री राजपक्षे से सवाल किया कि आपको वाराणसी में क्या अच्छा लगा. इस सवाल के जावाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लोगों के लिए वाराणसी और सारनाथ सबसे महत्वपूर्ण जगह है. बता दें कि सारनाथ बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और धार्मिक जगह हैं. हर साल लाखों की संख्या में बौद्ध धर्म मामने वाले यहां आते हैं. श्रीलंका में भी बौद्ध धर्म के मानने वालों की बाहुलता है.

माना जा रहा है कि वह आम चुनावों में जीत के बाद यहां भगवान बुद्ध के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने आए थे. चुनावों से पहले उनके लगभग साढ़े चार सौ समर्थकों ने सारनाथ पहुंचकर उनकी जीत के लिए विशेष अनुष्ठान किया था. आम चुनावों में जीत के बाद महिंदा राजपक्षे का परिवार श्रीलंका का सबसे प्रभावशाली परिवार बन चुका है. उनके छोटे भाई गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं. खुद महिंदा राजपक्षे 2005 उसके बाद 2010 में श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं.

रविवार को जब वह सारनाथ भगवान बुद्ध से आशीर्वाद लेने पहुंचे, तो ईटीवी संवाददाता ने उनसे पूछा, वाराणसी के बारे में आपको सबसे ज्यादा क्या पसंद आया. प्रधानमंत्री राजपक्षे ने बड़ी सरलता से मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि यहां बहुत महत्वपूर्ण धरोहर है. खासतौर से मेरे जैसे बौद्ध धर्म के मानने वाले के लिए यह जगह बहुत महत्तपूर्ण है.

Intro:श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे कुछ इस अंदाज में उठकर ईटीवी भारत संवाददाता के सवाल का जवाब देने के लिए पास आए. यह सवाल उनसे सारनाथ भ्रमण के दौरान पूछा गया. वे काशी विश्वनाथ और काल भैरव के दरबार मे हाजिरी लगाने के बाद भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ पहुंचे थे. Body:माना जा रहा है कि वे आम चुनावों में जीत के बाद यहां भगवान बुद्ध के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने आए थे. चुनावों से पहले उनके लगभग साढ़े चार सौ समर्थकों ने सारनाथ पहुंचकर उनकी जीत के लिए विशेष अनुष्ठान किया था. आम चुनावों में जीत के बाद महिंदा राजपक्षे का परिवार श्रीलंका का सबसे प्रभावशाली परिवार बन चुका है. उनके छोटे भाई गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं. खुद महिंदा राजपक्षे 2005 और फिर 2010 में श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं.Conclusion:रविवार को जब वे सारनाथ भगवान बुद्ध से आशीर्वाद लेने पहुंचे तो ईटीवी संवाददाता ने उनसे पूछा, "What did you like most about Varanasi? ( वाराणसी के बारे में आपको सबसे ज्यादा क्या पसंद आया. प्रधानमंत्री राजपक्षे ने बड़ी सरलता से मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "Very important past, specially for a Buddhist like me." (बहुत महत्वपूर्ण धरोहर है, खासतौर से मेरे जैसे बौद्ध धर्म के मानने वाले के लिए ...)

Byte 1: महिंदा राजपक्षे, प्रधामंत्री, श्रीलंका
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