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काशी में यज्ञ आयोजन से सभी ज्योतिर्लिंगों में यज्ञ का मिलता है पुण्य: श्रीदत्त विजयानंद स्वामी

यूपी के वाराणसी के शिवाला घाट पर अति रुद्रम् यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. इस यज्ञ को संपन्न कराने के लिए दक्षिण और उत्तर भारत के 121 ब्राह्मणों को आमंत्रित किया गया है. शनिवार को अवधूत दत्त पीठम् के उत्तराधिकारी श्री दत्त विजयानंद तीर्थ स्वामी ने यज्ञ मंडप में पहुंचकर भगवान शिव का अभिषेक किया.

श्री दत्त विजयानंद तीर्थ स्वामी ने किया रूद्राभिषेक.
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Published : Nov 23, 2019, 2:01 PM IST

वाराणसी: काशी के शिवाला घाट पर अति रुद्रम् यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. इसकी महत्ता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि दक्षिण और उत्तर भारत के 121 ब्राह्मणों को इसे संपन्न कराने के लिए काशी में आमंत्रित किया गया है. अवधूत दत्त पीठम् के उत्तराधिकारी श्री दत्त विजयानंद तीर्थ स्वामी ने शनिवार सुबह यज्ञ मंडप में पहुंचकर भगवान शिव का अभिषेक किया.

श्री दत्त विजयानंद तीर्थ स्वामी ने किया रुद्राभिषेक.

यज्ञ पूजा रविवार को संपन्न होगी. ईटीवी भारत से खास बातचीत में श्री दत्त विजयानंद तीर्थ स्वामी ने बताया कि रुद्रम् यज्ञ आयोजन से विश्व शांति और कल्याण के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा. यह शिव को प्रसन्न करने का महायज्ञ है.

ईटीवी भारत ने श्री दत्त विजयानंद तीर्थ स्वामी से की बातचीत
स्वामी विजयानंद ने बताया कि विश्व शांति और कल्याण की भावना से काशी क्षेत्र में यज्ञ करने का निर्णय अवधूत दत्त पीठ के जगतगुरु स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने लिया. इस आयोजन से शिव को प्रसन्न करने की कामना पूरी होगी. शिव के प्रसन्न होने से जगत का कल्याण होता है. अवधूत आदित्य पीठ की एक शाखा भी काशी में स्थापित की गई है, जिसका शुभारंभ इसी यज्ञ अवसर पर स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने किया है. उन्होंने बताया कि यज्ञ स्थल पर श्रद्धालुओं को भी रुद्राभिषेक में शामिल होने का मौका दिया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें:- काशी में अति रुद्रम् यज्ञ का आयोजन, दक्षिण भारत से पहुंचे श्रद्धालु

11 होमकुंड बनाए गए हैं. देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं. एक होमकुंड चंडी यज्ञ के लिए और दो होमकुंड दत्त भगवान के लिए बनाए गए हैं. एक होमकुंड पर 11 ब्राह्मण बैठते हैं, एक ब्रह्मा होता है, एक उपद्रष्टा भी होता है. यह 11 बार रुद्र का हवन करते हैं. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में काशी का विशेष स्थान है. विश्वनाथ जी के ज्योतिर्लिंग का सभी ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख स्थान है. यहां यज्ञ करने से सभी ज्योतिर्लिंगों में यज्ञ का फल प्राप्त होता है. इसलिए काशी में यज्ञ करने का फैसला किया गया.

वाराणसी: काशी के शिवाला घाट पर अति रुद्रम् यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. इसकी महत्ता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि दक्षिण और उत्तर भारत के 121 ब्राह्मणों को इसे संपन्न कराने के लिए काशी में आमंत्रित किया गया है. अवधूत दत्त पीठम् के उत्तराधिकारी श्री दत्त विजयानंद तीर्थ स्वामी ने शनिवार सुबह यज्ञ मंडप में पहुंचकर भगवान शिव का अभिषेक किया.

श्री दत्त विजयानंद तीर्थ स्वामी ने किया रुद्राभिषेक.

यज्ञ पूजा रविवार को संपन्न होगी. ईटीवी भारत से खास बातचीत में श्री दत्त विजयानंद तीर्थ स्वामी ने बताया कि रुद्रम् यज्ञ आयोजन से विश्व शांति और कल्याण के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा. यह शिव को प्रसन्न करने का महायज्ञ है.

ईटीवी भारत ने श्री दत्त विजयानंद तीर्थ स्वामी से की बातचीत
स्वामी विजयानंद ने बताया कि विश्व शांति और कल्याण की भावना से काशी क्षेत्र में यज्ञ करने का निर्णय अवधूत दत्त पीठ के जगतगुरु स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने लिया. इस आयोजन से शिव को प्रसन्न करने की कामना पूरी होगी. शिव के प्रसन्न होने से जगत का कल्याण होता है. अवधूत आदित्य पीठ की एक शाखा भी काशी में स्थापित की गई है, जिसका शुभारंभ इसी यज्ञ अवसर पर स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने किया है. उन्होंने बताया कि यज्ञ स्थल पर श्रद्धालुओं को भी रुद्राभिषेक में शामिल होने का मौका दिया जा रहा है.

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11 होमकुंड बनाए गए हैं. देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं. एक होमकुंड चंडी यज्ञ के लिए और दो होमकुंड दत्त भगवान के लिए बनाए गए हैं. एक होमकुंड पर 11 ब्राह्मण बैठते हैं, एक ब्रह्मा होता है, एक उपद्रष्टा भी होता है. यह 11 बार रुद्र का हवन करते हैं. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में काशी का विशेष स्थान है. विश्वनाथ जी के ज्योतिर्लिंग का सभी ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख स्थान है. यहां यज्ञ करने से सभी ज्योतिर्लिंगों में यज्ञ का फल प्राप्त होता है. इसलिए काशी में यज्ञ करने का फैसला किया गया.

Intro:वाराणसी. वाराणसी में गंगा तट पर चेत सिंह मैदान शिवाला घाट पर आयोजित अति रूद्र यज्ञ आयोजन की महत्ता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि दक्षिण और उत्तर भारत के 121 ब्राह्मणों को इसे संपन्न कराने के लिए काशी में आमंत्रित किया गया है अवधूत दत्त पीठम के उत्तराधिकारी श्री दत्त विजयानंद तीथा स्वामी ने शनिवार की सुबह यज्ञ मंडप में पहुंचकर भगवान शिव का अभिषेक किया और यज्ञ पूजा ही संपन्न कराई। ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि रूद्र यज्ञ आयोजन से विश्व शांति और कल्याण के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा यह शिव को प्रसन्न करने का महायज्ञ है।


Body:स्वामी विजयानंद ने बताया कि विश्व शांति और कल्याण की भावना से काशी क्षेत्र में यज्ञ करने का निर्णय अवधूत दत्त पीठ के जगतगुरु स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने किया इस आयोजन से शिव को प्रसन्न करने की कामना पूरी हो सकेगी शिव के प्रसन्न होने से जगत का कल्याण होता है अवधूत आदित्य पीठ की एक शाखा भी काशी में स्थापित की गई है जिसका शुभारंभ इसी यज्ञ अवसर पर स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने किया है उन्होंने बताया कि यज्ञ स्थल पर श्रद्धालुओं को भी रूद्र अभिषेक में शामिल होने का मौका दिया जा रहा है। 11 होमकुंड बनाए गए हैं। देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं। एक होमकुंड चंडी यज्ञ के लिए और दो होमकुंड दत्त भगवान के लिए बनाए गए है। एक होमकुंड पर 11 ब्राह्मण बैठते हैं एक ब्रह्मा होता है एक उपद्रष्टा भी होता है। यह 11 बार रुद्र का हवन करते हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में काशी का विशेष स्थान है विश्वनाथ जी के ज्योतिर्लिंग का सभी ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख स्थान है यहां यज्ञ करने से सभी ज्योतिर्लिंगों में यज्ञ का फल प्राप्त होता है इसलिए काशी में यज्ञ करने का फैसला किया गया। वन ओ वन स्वामी विजयानंद उत्तराधिकारी अवधूत दत्त पीठम


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