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आज से ट्रैक पर दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस, 8 घंटे में तय करेगी वाराणसी से दिल्ली का सफर

देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत शुक्रवार को दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना होगी. इस ट्रेन की स्पीड 130 से 160 किलोमीटर बताई जा रही है.

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Published : Feb 15, 2019, 10:28 AM IST

Updated : Feb 15, 2019, 11:52 AM IST

आज से ट्रैक पर दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस

वाराणसी : देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत शुक्रवार को दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना होगी. कुछ देर में पीएम मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर वाराणसी के लिए रवाना करेंगे. दिल्ली से वाराणसी के बीच का सफर ट्रेन 8 घंटे में पूरा करेगी. इस ट्रेन की स्पीड 130 से 160 किलोमीटर बताई जा रही है, जिसे आगे बढ़ाकर 180 किलोमीटर प्रति घंटा करने की तैयारी है.

आज से ट्रैक पर दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस
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वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने के लिए लोको पायलट को चुना गया है, जो बीते 10 सालों से ज्यादा वक्त से राजधानी और शताब्दी रन कर रहे हैं. इनमें से ही एक हैं मनोज तिवारी, सुमन कुमार और एसके ठाकुर. ट्रेन की स्पीड से लेकर इसकी सुरक्षा के बारे में सीनियर लोको पायलट मनोज तिवारी ने बताया कि बीते 10 सालों से वह राजधानी और शताब्दी के लोको पायलट रहे हैं और अब वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है. इसके पहले वो ट्रायल रन भी पूरा कर चुके हैं.


मनोज का कहना है कि यह ट्रेन सुरक्षा के लिहाज से अन्य ट्रेनों की तुलना में काफी ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि इस ट्रेन की खासियत यह है कि दूर से ही रेलवे ट्रैक पर किसी चीज के नजर आने पर इस ट्रेन को तुरंत 35 सेकेंड के भीतर 200 से 0 की स्पीड पर लाया जा सकता है, जबकि इमरजेंसी में राजधानी और शताब्दी को 0 स्पीड में लाने में 40 से 50 सेकेंड का वक्त लगता है. इसके अलावा अगर इस ट्रेन के बैलेंस की भी बात की जाए तो यह आम दिनों की तुलना में और भी ज्यादा बेहतरीन है.

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कोई ट्रेन की सुरक्षा से अलग इसकी स्पेशल बोगियों में बैठने वाले पैसेंजर्स को बोबी में लगने वाले झटके और अन्य चीजों के बारे में दूसरे लोको पायलट सुमन कुमार का कहना है कि सस्पेंशन और ब्रेकिंग सिस्टम इतने जबरदस्त हैं कि अगर उसको झटके में भी रोकने की कोशिश की जाए तो बोगियों में बैठे पैसेंजर को किसी तरह का झटका महसूस नहीं होगा और न ही उनको परेशानी होगी. इस ट्रेन के चलने के बाद अब राजधानी और शताब्दी को रिप्लेस करने की तैयारी मानी जा रही है.

वाराणसी : देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत शुक्रवार को दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना होगी. कुछ देर में पीएम मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर वाराणसी के लिए रवाना करेंगे. दिल्ली से वाराणसी के बीच का सफर ट्रेन 8 घंटे में पूरा करेगी. इस ट्रेन की स्पीड 130 से 160 किलोमीटर बताई जा रही है, जिसे आगे बढ़ाकर 180 किलोमीटर प्रति घंटा करने की तैयारी है.

आज से ट्रैक पर दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस
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वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने के लिए लोको पायलट को चुना गया है, जो बीते 10 सालों से ज्यादा वक्त से राजधानी और शताब्दी रन कर रहे हैं. इनमें से ही एक हैं मनोज तिवारी, सुमन कुमार और एसके ठाकुर. ट्रेन की स्पीड से लेकर इसकी सुरक्षा के बारे में सीनियर लोको पायलट मनोज तिवारी ने बताया कि बीते 10 सालों से वह राजधानी और शताब्दी के लोको पायलट रहे हैं और अब वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है. इसके पहले वो ट्रायल रन भी पूरा कर चुके हैं.


मनोज का कहना है कि यह ट्रेन सुरक्षा के लिहाज से अन्य ट्रेनों की तुलना में काफी ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि इस ट्रेन की खासियत यह है कि दूर से ही रेलवे ट्रैक पर किसी चीज के नजर आने पर इस ट्रेन को तुरंत 35 सेकेंड के भीतर 200 से 0 की स्पीड पर लाया जा सकता है, जबकि इमरजेंसी में राजधानी और शताब्दी को 0 स्पीड में लाने में 40 से 50 सेकेंड का वक्त लगता है. इसके अलावा अगर इस ट्रेन के बैलेंस की भी बात की जाए तो यह आम दिनों की तुलना में और भी ज्यादा बेहतरीन है.

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कोई ट्रेन की सुरक्षा से अलग इसकी स्पेशल बोगियों में बैठने वाले पैसेंजर्स को बोबी में लगने वाले झटके और अन्य चीजों के बारे में दूसरे लोको पायलट सुमन कुमार का कहना है कि सस्पेंशन और ब्रेकिंग सिस्टम इतने जबरदस्त हैं कि अगर उसको झटके में भी रोकने की कोशिश की जाए तो बोगियों में बैठे पैसेंजर को किसी तरह का झटका महसूस नहीं होगा और न ही उनको परेशानी होगी. इस ट्रेन के चलने के बाद अब राजधानी और शताब्दी को रिप्लेस करने की तैयारी मानी जा रही है.

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वाराणसी: देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत आज दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना होने वाली है कुछ देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेल मंत्री पीयूष गोयल इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर वाराणसी के लिए रवाना करेंगे 13 घंटे के बाद से दिल्ली के बीच ट्रेन 8 घंटे में पूरा करेगी और एक नया इतिहास सवाल यह है कि इस ट्रेन की स्पीड 130 से 160 किलोमीटर बताई जा रही है जिसे आगे बढ़ाकर 180 किलोमीटर प्रति घंटा करने की तैयारी है इसलिए बार-बार सवाल यह उठ रहा है कि क्या सुरक्षा के लिहाज से यह ट्रेन महफूज है उन्हीं बातों का सवाल जाने की कोशिश दिल्ली रेलवे स्टेशन से की ईटीवी भारत में और इस ट्रेन को रवाना होने से पहले इसके लोको पायलट से जाना इस ट्रेन की खासियत को.


Body:वीओ-01 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने के लिए लोको पायलट को चुना गया है जो बीते 10 सालों से ज्यादा वक्त से राजधानी और शताब्दी रन कर रहे हैं इनमें से ही एक है मनोज तिवारी, सुमन कुमार और एसके ठाकुर. ट्रेन की स्पीड से लेकर इसकी सुरक्षा के बारे में सीनियर लोको पायलट मनोज तिवारी ने बताया कि बीते 10 सालों से वह राजधानी और शताब्दी के लोको पायलट रहे हैं और अब वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है इसके पहले वो ट्रायल रन भी पूरा कर चुके हैं मनोज का कहना है कि यह ट्रेन सुरक्षा के लिहाज से अन्य ट्रेनों की तुलना में काफी ज्यादा सुरक्षित है क्योंकि इस ट्रेन की खासियत यह है कि दूर से ही रेलवे ट्रैक पर किसी चीज के नजर आने पर इस ट्रेन को तुरंत 35 सेकंड के भीतर 200 से 0 की स्पीड पर लाया जा सकता है, जबकि इमरजेंसी में राजधानी और शताब्दी को 0 स्पीड में लाने में 40 से 50 सेकेंड का वक़्त लगता है. इसके अलावा अगर इस ट्रेन के बैलेंस की भी बात की जाए तो यह आम दिनों की तुलना में और भी ज्यादा बेहतरीन है.

बाईट- मनोज तिवारी, लोको पायलट, वंदे भारत एक्सप्रेस


Conclusion:वीओ-02 कोई ट्रेन की सुरक्षा से अलग इसकी स्पेशल बोगियों में बैठने वाले पैसेंजर्स को बोबी में लगने वाले झटके और अन्य चीजों के बारे में दूसरे लोको पायलट सुमन कुमार का कहना है कि इस ट्रेन की खासियत यह है कि यह ट्रेन बिना इंजन जो है यानी यह पूरी की पूरी ट्रेन अपने आप में एक दिन जाना है इसके सस्पेंशन और ब्रेकिंग सिस्टम इतने जबरदस्त हैं कि अगर उसको झटके में भी रोकने की कोशिश की जाए तो बोगियों में बैठे पैसेंजर को किसी तरह का झटका महसूस नहीं होगा और ना ही उनको परेशानी होगी सबसे बड़ी बात यह है कि इस ट्रेन के चलने के बाद अब राजधानी और शताब्दी को रिप्लेस करने की तैयारी मानी जा रही है इसलिए खुद को चलाने वाले सभी लोको पायलट यह बात स्वीकार कर रहे हैं कि निश्चित तौर पर आज इस ट्रेन के चलने के बाद रेलवे इतिहास रखेगा और आने वाले वक्त में ट्रेन की वजह से भारतीय रेल में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा.

गोपाल मिश्र

9839809074
Last Updated : Feb 15, 2019, 11:52 AM IST
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