वाराणसी : चुनाव के दौरान लोकतंत्र के अनेकों रंग देखने को मिलते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा जिला मुख्यालय पर देखने को मिला, जब अर्थी पर सवार होकर एक प्रत्याशी नामांकन के लिए पहुंचा. गोरखपुर से वाराणसी पहुंचने वाले इस युवक का नाम राजन यादव है और यह अर्थी बाबा के नाम से भी मशहूर हैं. वह वाराणसी की संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल ठोंकने के लिए पहुंचा है.
कौन हैं अर्थी बाबा
- गोरखपुर से वाराणसी आए अर्थी बाबा जब नामांकन करने जिला मुख्यालय पहुंचे तो अर्थी पर सवार थे और उस अर्थी को चार लोगों ने कंधे पर उठाया हुआ था. 'राम नाम सत्य है' के साथ ही सरकारी नीतियों का जनाजा उठाये हुए अर्थी बाबा और उनके समर्थक जिला मुख्यालय के द्वार पर नामांकन करने के लिए पहुंचे.
- राजन यादव ने कहा कि उन्होंने अर्थी पर नामांकन करने की इसलिए ठानी है क्योंकि ये जनाज़ा दर्शाता है कि सरकार की सभी नीतियां मर चुकी हैं और सभी सरकारी खोखले दावों की अर्थी उठ चुकी हैं.
- अर्थी बाबा का चुनावी कार्यालय महाश्मशान हरिश्चंद्र घाट पर होगा, जहां वो इन सभी मर चुकी नीतियों का दाह संस्कार करके एक नए बनारस की नींव रखने का काम करेंगे.
- राजन यादव ने कहा कि उनको सीधी टक्कर पीएम मोदी से है.
- अर्थी बाबा का कहना है कि मोदी ने देश में कोई विकास नही किया है. जुमलेबाज पार्टी ने सिर्फ लोगो को बरगलाने का काम किया है.
- इससे पहले भी राजन यादव 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना नामांकन करने पहुंचे थे और तब वे लखनऊ से अपना नामांकन कर रहे थे पर उनका पर्चा खारिज कर दिया गया. वो उस समय भी पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके थे.
- राजन यादव किसी भी मुद्दे पर जुलूस या धरना प्रदर्शन करते समय अर्थी पर बैठने के लिए मशहूर है और इसीलिए उन्हें अर्थी बाबा भी कहा जाता हैं.