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...जिंदगी में उजाला मयस्सर नहीं तो क्या हुआ, दूसरों की खुशी में जलाएंगे दीये

यूपी के वाराणसी में मानसिक तौर पर कमजोर बच्चे दूसरों की जिंदगी में उजाला भरने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. इन बच्चों को स्पेशल चाइल्ड कहा जाता है. लगभग 50 से ज्यादा बच्चों को इस स्कूल में इन दिनों दिवाली की तैयारियों में लगा दिया गया है.

दिवाली पर लोगों की जिंदगी में उजाला भरने की कोशिश कर रहे हैं ये बच्चे
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Published : Oct 21, 2019, 12:08 PM IST

वाराणसी: दीपावली का पर्व नजदीक है और हर कोई अपने घरों को रोशन करने के साथ जिंदगी को और भी बेहतर बनाने की उम्मीद करता है. इन सबसे परे धर्म नगरी वाराणसी में कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनकी जिंदगी में अंधेरा है, लेकिन वो दूसरों की जिंदगी में उजाला भरने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. इन बच्चों को स्पेशल चाइल्ड कहा जाता है. मानसिक तौर पर कमजोर इन बच्चों की तरफ से दिवाली के लिए ऐसी चीजें तैयार की जा रही हैं.

दिवाली पर लोगों की जिंदगी में उजाला भरने की कोशिश कर रहे हैं ये बच्चे.

इसे भी पढ़ें- ऑस्ट्रेलिया के दुर्गा मंदिर की तर्ज पर बना दुर्गा पंडाल, भक्तों की उमड़ रही भीड़

जानिए स्पेशल चाइल्डस की स्पेशल दिवाली की तैयारियां
दरअसल वाराणसी में बीते 28 सालों से मानसिक तौर पर बीमार लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर तुलसी ऐसे बच्चों के लिए स्पेशल स्कूल चला रहे हैं. मानसिक तौर पर कमजोर इन बच्चों की बुद्धि का विकास न हो पाने की वजह से इनको इनके घर और समाज के लोग किसी लायक नहीं समझते.

लेकिन इन्हीं बच्चों की मेहनत और लगन के साथ उनकी क्रिएटिविटी को एक अलग मुकाम तक ले जाने का काम इस स्पेशल स्कूल में होता है. लगभग 50 से ज्यादा बच्चों को इस स्कूल में इन दिनों दिवाली की तैयारियों में लगा दिया गया है.
दीपावली पर घर को रोशन करने के लिए इन बच्चों ने एक से बढ़कर एक मोमबत्तियां आकाशदीप और रंग-बिरंगे दीपक बनाए.

इन बच्चों को भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करें
सबसे बड़ी बात जो बच्चे खुद से कपड़े भी नहीं पहन पाते, तैयार नहीं हो पाते वो बच्चे अपने हाथों से टीचर्स की मदद से ऐसी चीजें तैयार कर रहे हैं. जो हमारे ओर आपके लिए दीपावली पर बेहद खास होगी. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन बच्चों की चीजों को ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्केट में सेल किया जाता है.

इन पैसों से बच्चों के डेवलपमेंट और प्रोजेक्ट चलाये जाते हैं. इस दीपावली इन बच्चों की तैयार चीजों से घर को रोशन करें. इसके साथ ही इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करें. ताकि इनकी दीपावली भी हमारी और आपकी दीपावली की तरह रोशन हो जाए.

वाराणसी: दीपावली का पर्व नजदीक है और हर कोई अपने घरों को रोशन करने के साथ जिंदगी को और भी बेहतर बनाने की उम्मीद करता है. इन सबसे परे धर्म नगरी वाराणसी में कुछ बच्चे ऐसे हैं जिनकी जिंदगी में अंधेरा है, लेकिन वो दूसरों की जिंदगी में उजाला भरने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. इन बच्चों को स्पेशल चाइल्ड कहा जाता है. मानसिक तौर पर कमजोर इन बच्चों की तरफ से दिवाली के लिए ऐसी चीजें तैयार की जा रही हैं.

दिवाली पर लोगों की जिंदगी में उजाला भरने की कोशिश कर रहे हैं ये बच्चे.

इसे भी पढ़ें- ऑस्ट्रेलिया के दुर्गा मंदिर की तर्ज पर बना दुर्गा पंडाल, भक्तों की उमड़ रही भीड़

जानिए स्पेशल चाइल्डस की स्पेशल दिवाली की तैयारियां
दरअसल वाराणसी में बीते 28 सालों से मानसिक तौर पर बीमार लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर तुलसी ऐसे बच्चों के लिए स्पेशल स्कूल चला रहे हैं. मानसिक तौर पर कमजोर इन बच्चों की बुद्धि का विकास न हो पाने की वजह से इनको इनके घर और समाज के लोग किसी लायक नहीं समझते.

लेकिन इन्हीं बच्चों की मेहनत और लगन के साथ उनकी क्रिएटिविटी को एक अलग मुकाम तक ले जाने का काम इस स्पेशल स्कूल में होता है. लगभग 50 से ज्यादा बच्चों को इस स्कूल में इन दिनों दिवाली की तैयारियों में लगा दिया गया है.
दीपावली पर घर को रोशन करने के लिए इन बच्चों ने एक से बढ़कर एक मोमबत्तियां आकाशदीप और रंग-बिरंगे दीपक बनाए.

इन बच्चों को भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करें
सबसे बड़ी बात जो बच्चे खुद से कपड़े भी नहीं पहन पाते, तैयार नहीं हो पाते वो बच्चे अपने हाथों से टीचर्स की मदद से ऐसी चीजें तैयार कर रहे हैं. जो हमारे ओर आपके लिए दीपावली पर बेहद खास होगी. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन बच्चों की चीजों को ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्केट में सेल किया जाता है.

इन पैसों से बच्चों के डेवलपमेंट और प्रोजेक्ट चलाये जाते हैं. इस दीपावली इन बच्चों की तैयार चीजों से घर को रोशन करें. इसके साथ ही इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करें. ताकि इनकी दीपावली भी हमारी और आपकी दीपावली की तरह रोशन हो जाए.

Intro:स्पेशल स्टोरी--

वाराणसी: दीपावली का पर्व नजदीक है और हर कोई अपने घरों को रोशन करने के साथ जिंदगी को और भी बेहतर करने की उम्मीद से इस दीपावली अनेक तरह की तैयारियां करने में जुटा है, लेकिन इन सबसे परे धर्म नगरी वाराणसी में कुछ ऐसे बच्चे जिनकी जिंदगी में खुद अंधेरा है. वह दूसरों की जिंदगी में उजाला भरने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. इन बच्चों को स्पेशल चाइल्ड कहा जाता है. मानसिक तौर पर कमजोर इन बच्चों की तरफ से ऐसी ऐसी चीजें तैयार की जा रही हैं. जिसे देखकर आप भी दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे तो क्या है इन स्पेशल चाइल्डस की स्पेशल दिवाली की तैयारियां जानिए.Body:वीओ-01 दरअसल वाराणसी में बीते 28 सालों से मानसिक तौर पर बीमार लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर तुलसी ऐसे बच्चों के लिए स्पेशल स्कूल चला रहे हैं जो है तो समाज का अंग लेकिन उन्हें समाज से अलग माना जाता है. मानसिक तौर पर कमजोर इन बच्चों की बुद्धि का विकास ना हो पाने की वजह से इनको इनके घर और समाज के लोग किसी लायक नहीं मानते लेकिन इन्हीं बच्चों की मेहनत और लगन के साथ उनकी क्रिएटिविटी को एक अलग मुकाम तक ले जाने का काम इस स्पेशल स्कूल में होता है. लगभग 50 से ज्यादा बच्चों को इस स्कूल में इन दिनों दिवाली की तैयारियों में लगा दिया गया है, तैयारियां भी ऐसी कि जिससे आपका घर तो रोशन होगा ही और दीपावली पर सुंदर भी दिखाई देगा क्योंकि इन बच्चों की तरफ से तैयार की जा रही है एक से बढ़कर एक मोमबत्तियां आकाशदीप और रंग-बिरंगे दिए.Conclusion:वीओ-02 सबसे बड़ी बात यह है कि जो बच्चे खुद से कपड़े भी नहीं पहन पाते तैयार भी नहीं हो पाते वह बच्चे अपने हाथों से यहां मौजूद टीचर्स की मदद से ऐसी चीजें तैयार कर रहे हैं, जो आपके लिए दीपावली पर बेहद खास होगी सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि इन बच्चों की तैयारी इन चीजों को ऑनलाइन और ऑफलाइन मार्केट में सेल किया जाता है और आने वाले पैसे से इन बच्चों के डेवलपमेंट से जुड़े और प्रोजेक्ट चलाया जाते हैं, तो निश्चित है इस दीपावली इन बच्चों की तैयार चीजों से घर रोशन करें और समाज में अलग नजरिए से देखे जा रहे इन बच्चों को भी समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करें ताकि इनकी दीपावली ही हमारी और आपकी दीपावली की तरह रोशन हो जाए.

बाईट- श्यामलाल पटेल, सचिव, देवा सोसाइटी
बाईट- मंजरी श्रीवास्तव, स्पेशल चाइल्ड टीचर

गोपाल मिश्र

9839809074
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