वाराणसी: उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 75 में से 67 सीटों पर जीत हासिल हुई है. तो वहीं पांच जिलों में सपा और 1-1 सीट पर जनसत्ता दल, राष्ट्रीय लोकदल और एक सीट पर निर्दलीय को जीत मिली है. करारी हार से सपा खेमे में हलचल मची हुई है. वहीं वाराणसी में भी बीजेपी की प्रत्याशी पूनम मौर्य को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुना गया.
निर्विरोध चुनी गई पूनम मौर्य
वहीं आपको बता दें जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पूनम मौर्या का एक नामांकन पत्र अस्वीकृत और एक स्वीकृत हुआ था. जबकि समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी चंदा यादव के दोनों नामांकन पत्र अस्वीकृत हुए थे. इस तरह विधिवत रूप से एक प्रत्याशी श्रीमती पूनम मौर्या का नामांकन वैध पाया गया था और पूनम मौर्य को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर घोषित कर दिया गया.
दाखिल की गई याचिका
वहीं नाराज समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में इस फैसले को लेकर काफी नाराजगी देखी गई. वहीं सपा उम्मीदवार चंदा यादव ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने सोमवार को जिला जज की अदालत में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव निरस्त करने एवं पुनः चुनाव कराने के लिए याचिका दाखिल की है. जिसे जिला जज की अदालत ने स्वीकार्य करते हुए सुनवाई के लिए छह अगस्त की तिथि निर्धारित की है.
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यह था मामला
बीते माह चार जून को ही सपा ने चंदा यादव को पार्टी की ओर से अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया था. काशी विद्यापीठ विकास खंड के सेक्टर नं चार से सपा प्रत्याशी चंदा यादव ने समय से अपना आवेदन भी दाखिल किया था. हालांकि, हलफनामे की वैधता को लेकर आपत्ति दाखिल गई और आधी रात तक बहस और स्क्रूटनी की प्रक्रिया के बाद उनको अयोग्य घोषित कर भाजपा प्रत्याशी को विजयी घोषित किया गया था. इसके बाद से ही सपा की ओर से इस प्रकरण को लेकर आपत्ति जताई जा रही थी. आखिरकार सोमवार को पार्टी की उम्मीदवार चंदा यादव की ओर से जिला जज की अदालत में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव निरस्त करने की याचिका दाखिल की गई है.