वाराणसी : चंदौली, गाजीपुर और मऊ में मतगणना से पहले जिन स्थानों पर ईवीएम रखी गई हैं. इन स्थानों पर नई ईवीएम के साथ कुछ गाड़ियों के पहुंचने की सूचना मिलने के बाद पूर्वांचल में अचानक से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. इन सबके बीच बीते सोमवार देर रात पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी ईवीएम को लेकर बाजार गरमाया हुआ है. सूचना पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए, लेकिन पुलिस प्रशासन ने यहां पहुंचकर चीजों को संभाला और ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है.
जानिए, पूरा मामला
- दरअसल, 19 मई सातवें चरण का मतदान खत्म होने के बाद विपक्ष लगातार भारतीय जनता पार्टी पर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा रहा है, जिसे देखते हुए गाजीपुर, चंदौली में काफी हंगामा भी हुआ.
- मऊ में भी पुलिस ने कार्यकर्ताओं को खदेड़ कर वहां से भगाया, उसके बाद देर रात वाराणसी में भी पहाड़िया मंडी जहां पर ईवीएम रखी हैं, वहां सपा-बसपा के लोग पहुंचकर ईवीएम की निगरानी की बात करने लगे.
- पुलिस प्रशासन ने उन्हें बाहर बैठकर निगरानी को कहा, लेकिन वह नहीं माने. उनका कहना था कि उन्हें स्ट्रांग रूम के अंदर कंट्रोल रूम में बैठने दिया जाए, लेकिन प्रशासन ने उन लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी.
- इससे नाराज कार्यकर्ता वहीं पर बैठ गए, इसके बाद गहमागहमी की स्थिति बनी रही.
- काफी देर तक चली पंचायत के बाद जिन कार्यकर्ताओं के पास अंदर जाने के पास थे, उनको स्ट्रांग रूम के बाहर बने खाली स्थान पर बैठने की अनुमति दी गई.
सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से है और ईवीएम को लेकर किसी तरह की कोई शिकायत नहीं थी. सिर्फ रात के वक्त कंट्रोल रूम में बैठकर निगरानी करने और कूलर वाले कमरे में बैठने को लेकर कुछ कार्यकर्ताओं ने एकजुटता दिखाई थी. फिलहाल, सब कुछ अंडर कंट्रोल है.
-गौरांग राठी, सीडीओ, वाराणसी