मुरादाबाद : नगर निगम द्वारा अचानक दुकानों का किराया बढ़ाए जाने से नाराज व्यपारियों ने दुकानें अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी है. बीते गुरुवार को नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस बीच शुक्रवार को नगर निगम प्रशासन ने एक दुकान को सील कर दिया.
इससे भड़के व्यापारी सड़क पर बैठ गए. व्यापरियों को भाजपा विधायक ने समर्थन दिया. साथ ही मेयर के फैसले को गलत बताया. उन्होंने कहा कि अगर व्यपारियों का दिमाग हट गया तो क्या होगा.
किराया बढ़ाने का नोटिस भेजा: मुरादाबाद नगर निगम की बोर्ड मीटिंग में फैसला लिया गया है की शहर में जो नगर निगम की 450 दुकानें हैं, उनका किराया बढ़ाया जायेगा. जिसके बाद नगर निगम ने सभी दुकानदारों को नोटिस भी भेज दिया.
नगर निगम के फैसले के विरोध में बीते गुरुवार को सभी 52 दुकानदारों ने नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन किया. बीते शुक्रवार कि सुबह करीब साढ़े सात बजे नगर निगम की टीम बुधबाजार पहुंची और प्रकाश बेकरी की दुकान को सील कर दिया.
व्यपारियों ने नगर निगम के अधिकारियो से बात करनी चाही, तो किसी भी अधिकारी ने सही जवाब नहीं दिया. जब व्यपारियों ने भाजपा के मेयर विनोद अग्रवाल से सम्पर्क किया तो वहां से भी निराशा हाथ लगी.
विधानसभा सत्र चलने कि वजह से नगर विधायक रितेश गुप्ता लखनऊ में थे. जब उनको यह जानकारी मिली तो उन्होंने नगर निगम के अधिकारियो से बात कर समस्या का हल निकालने की बात कही.
शनिवार को लखनऊ से लौटने के बाद रात में ही नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल से मुलकात की. नगर आयुक्त ने बताया की यह नियम जनवरी में नगर निगम की बोर्ड की मीटिंग में मेयर विनोद अग्रवाल प्रस्ताव लेकर आये और यह प्रस्ताव मीटिंग में पास करवाया.
विधायक ने मेयर को दी चुनौती: विधायक रितेश गुप्ता ने कहा की नगर निगम द्वारा दोबारा से फीस लेना और दुकान सील करना गलत है. इन सभी मुद्दों पर बात हो गयी है. किराया जो नगर निगम तय करेगा वह देना होगा.
रिनुवल के नाम पर अब कोई नहीं फीस नहीं देनी होगी. सील की गयी दुकान से सील हटाई जाएगी. रितेश गुप्ता ने मेयर को चेतावनी देते हुए कहा की कुछ व्यापारी बता रहे थे कि मेयर ने कहा की अगर मेरा दिमाग खराब हो गया तो सब दुकानों पर बुलडोजर चल जायेगा. मेयर साहब यह सही बात नहीं हैं, अगर व्यपारियों का दिमाग खराब हो गया तो क्या होगा. क्योंकि इन्ही व्यपारियों और शहर की जनता की वजह से मैं विधायक हूं, आप मेयर हैं और देश-प्रदेश में भाजपा की सरकार हैं.