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जापानी तकनीक से यहां बनाया गया 'ऑक्सीजन बैंक', जानें इसकी खासियत...

यूपी के वाराणसी में मिया वाकी (जापानी तकनीकी) विधि 'ऑक्सीजन बैंक' बनाया गया है. पीएम द्वारा गोद लिए डोमरी आदर्श ग्राम में छोटा जंगल बनाया गया है, जिसे ऑक्सीजन बैंक का नाम दिया गया है.

वाराणसी में बनावाराणसी में बनाया गया ऑक्सीजन बैंक.या गया ऑक्सीजन बैंक.
वाराणसी में बनाया गया ऑक्सीजन बैंक.
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Published : Jun 5, 2021, 8:36 PM IST

वाराणसी: धर्म एवं अध्यात्म की नगरी काशी में पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) के लिए सरकार की पहल पर छोटा जंगल बनाया गया है. यहां करीब 1 हेक्टेयर जमीन पर 30,000 से ज्यादा पौधों को मिया वाकी (जापानी तकनीकी) विधि से लगाया गया है. इससे ऑक्सीजन बैंक के नाम से भी जाना जाता है. इसमें नीम, आम, जामुन, बैर, पीपल लगें है. इसके अलावा पक्षी एवं जानवरों के लिए फलदायक वृक्ष भी लगाए गए हैं. इसमें आयुर्वेदिक भी पौधे लगाए गए हैं. जो हवा के साथ लोगों को ऑक्सीजन देने का काम करता है.

वाराणसी में बनाया गया ऑक्सीजन बैंक.

डोमरी आदर्श ग्राम में जापानी विधि से लगाए गए पौधे
पीएम द्वारा गोद लिए डोमरी आदर्श ग्राम में वन विभाग एवं गंगा प्रहरी के मदद से एक हेक्टेयर में अगस्त 2020 को पर्यावरण से जागरूक करने एवं शुद्ध हवा उपलब्ध कराने के लिए 'छोटा जंगल' प्रोजेक्ट की शुरू राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल ने किया था. इसमें जापानी तकनीक विधि से पौधों को लगाने एवं संरक्षण करने का काम किया जा रहा है. इसमें कई प्रकार के पौधे लगाए गए हैं. इसमें 3 लेयर विधि से पौधों के लगाने की विधि भी है.

पशु-पक्षियों के लिए बनाया गया छोटा जंगल
प्रधानमंत्री स्वच्छता दूत गंगा प्रहरी दर्शन निषाद ने बताया कि वन विभाग के सहयोग से स्वच्छता एवं ऑक्सीजन के लिए छोटा जंगल मियावाकी प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. उन्होंने कहा कि शहरीकरण ज्यादा हो रहा है, जिससे पशु-पक्षियों के लिए यहां डेढ़ एकड़ से ज्यादा जमीन पर पौधे लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि छोटा जंगल बनाने का उद्देश्य था कि ऑक्सीजन बैंक हो, जिससे जनजीवन को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल सके. यहां पर नीमा, आंवला, आम, जामुन बेर का पेड़ लगा हुआ है. जिससे पक्षी और जानवर यहां आए तो उन्हें फल मिल सके. यहां आयुर्वेदिक पौधे भी लगाए गए हैं. जिससे हवा का झोंके से लोगों को ऑक्सीजन मिले.

यह भी पढ़ें-विश्व पर्यावरण दिवस : चिंता का सबब बन रहा ध्वनि प्रदूषण, बच्चे भी हो रहे प्रभावित

30 हजार से अधिक पौधे लगाए गए
गंगा प्रहरी चन्द्रबली निषाद ने बताया कि वन विभाग के सहयोग से नमामि गंगे प्रोजेक्ट के माध्यम से लगभग 30,000 से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं. इसमें विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए गए हैं. इसको ऑक्सीजन बैंक के तौर पर रखा गया है. वाराणसी रेंज में ऑक्सीजन बैंक का काम करेगा. वन विभाग के रेंजर देवेश ने बताया कि 1 हेक्टेयर जमीन पर 30200 पेड़ पौधे लगाए गए हैं. हर प्रजाति के यहां पेड़ पौधे लगे हुए हैं. इसके तहत बरगद, नीम, जामुन बैर एवं फलदार छायादार पौधे लगाए गए हैं. इसका वृक्षारोपण अगस्त 2020 में मंत्री रविंद्र जायसवाल, डीएफओ एवं देवेश वन दारोगा शामिल थे. यह डीएफओ साहब का प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था. 8 महीने में पौधा 15 फीट ऊंचा हो गया है.

वाराणसी: धर्म एवं अध्यात्म की नगरी काशी में पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) के लिए सरकार की पहल पर छोटा जंगल बनाया गया है. यहां करीब 1 हेक्टेयर जमीन पर 30,000 से ज्यादा पौधों को मिया वाकी (जापानी तकनीकी) विधि से लगाया गया है. इससे ऑक्सीजन बैंक के नाम से भी जाना जाता है. इसमें नीम, आम, जामुन, बैर, पीपल लगें है. इसके अलावा पक्षी एवं जानवरों के लिए फलदायक वृक्ष भी लगाए गए हैं. इसमें आयुर्वेदिक भी पौधे लगाए गए हैं. जो हवा के साथ लोगों को ऑक्सीजन देने का काम करता है.

वाराणसी में बनाया गया ऑक्सीजन बैंक.

डोमरी आदर्श ग्राम में जापानी विधि से लगाए गए पौधे
पीएम द्वारा गोद लिए डोमरी आदर्श ग्राम में वन विभाग एवं गंगा प्रहरी के मदद से एक हेक्टेयर में अगस्त 2020 को पर्यावरण से जागरूक करने एवं शुद्ध हवा उपलब्ध कराने के लिए 'छोटा जंगल' प्रोजेक्ट की शुरू राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल ने किया था. इसमें जापानी तकनीक विधि से पौधों को लगाने एवं संरक्षण करने का काम किया जा रहा है. इसमें कई प्रकार के पौधे लगाए गए हैं. इसमें 3 लेयर विधि से पौधों के लगाने की विधि भी है.

पशु-पक्षियों के लिए बनाया गया छोटा जंगल
प्रधानमंत्री स्वच्छता दूत गंगा प्रहरी दर्शन निषाद ने बताया कि वन विभाग के सहयोग से स्वच्छता एवं ऑक्सीजन के लिए छोटा जंगल मियावाकी प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. उन्होंने कहा कि शहरीकरण ज्यादा हो रहा है, जिससे पशु-पक्षियों के लिए यहां डेढ़ एकड़ से ज्यादा जमीन पर पौधे लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि छोटा जंगल बनाने का उद्देश्य था कि ऑक्सीजन बैंक हो, जिससे जनजीवन को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल सके. यहां पर नीमा, आंवला, आम, जामुन बेर का पेड़ लगा हुआ है. जिससे पक्षी और जानवर यहां आए तो उन्हें फल मिल सके. यहां आयुर्वेदिक पौधे भी लगाए गए हैं. जिससे हवा का झोंके से लोगों को ऑक्सीजन मिले.

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30 हजार से अधिक पौधे लगाए गए
गंगा प्रहरी चन्द्रबली निषाद ने बताया कि वन विभाग के सहयोग से नमामि गंगे प्रोजेक्ट के माध्यम से लगभग 30,000 से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं. इसमें विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए गए हैं. इसको ऑक्सीजन बैंक के तौर पर रखा गया है. वाराणसी रेंज में ऑक्सीजन बैंक का काम करेगा. वन विभाग के रेंजर देवेश ने बताया कि 1 हेक्टेयर जमीन पर 30200 पेड़ पौधे लगाए गए हैं. हर प्रजाति के यहां पेड़ पौधे लगे हुए हैं. इसके तहत बरगद, नीम, जामुन बैर एवं फलदार छायादार पौधे लगाए गए हैं. इसका वृक्षारोपण अगस्त 2020 में मंत्री रविंद्र जायसवाल, डीएफओ एवं देवेश वन दारोगा शामिल थे. यह डीएफओ साहब का प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था. 8 महीने में पौधा 15 फीट ऊंचा हो गया है.

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