वाराणसीः जिले के सिगरा थाना क्षेत्र स्थित एक अपार्टमेंट में विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी. मौत के बाद विवाहिता के परिजनों ने दहेज हत्या का आरोप लगाकर ससुराल पक्ष वालों पर मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है. पुलिस ने बताया कि शादी के बाद दहेज की डिमांड को लेकर पत्नी से उसकी हमेशा झगड़ा हुआ करता था. जिससे तंग आकर उसने खुदकुशी कर ली है.
वाराणसी पुलिस आयुक्त के निर्देश पर वांछित फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए चलाए जा रहे अभियान के क्रम में पुलिस उपायुक्त वरुणा जोन के निर्देशन में थाना सिगरा पुलिस टीम ने दहेज हत्या के आरोप में वांछित अभियुक्त आशीष नागर बेटे दाउजी नागर निवासी तुलसी ग्रीन अपार्टमेंट रमाकान्त नगर पिशाच मोचन थाना सिगरा से तुलसी ग्रीन अपार्टमेंट रमाकान्त नगर पिशाच मोचन थाना सिगरा से गिरफ्तार किया गया. सिगरा पुलिस आवश्यक विधिक कार्रवाई कर रही है.
6 जनवरी 2022 को दीपक पाण्डेय पुत्र स्वर्गीय अमरनाथ पाण्डेय निवास गढ़वासी टोला थाना चौक वाराणसी के निवासी ने आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दिया कि उसकी बहन पारूल नागर को उसके ससुराल वालों की ओर से दहेज को लेकर आये दिन प्रताड़ित किया जाता है. दहेज न मिलने की वजह से उसकी हत्या कर देने की लिखित तहरीर दी गयी. जिसके आधार पर सिगरा पुलिस मुकदमा दर्ज कर विवेचना में जुट गई. जिसकी विवेचना संतोष कुमार मीना सहायक पुलिस आयुक्त चेतगंज द्वारा संपादित की जा रही है.
पुलिस ने बताया की पूछताछ करने पर अभियुक्त आशीष नागर ने बताया कि मेरी शादी 24 जनवरी 2015 को पारूल पाण्डेय पुत्री स्वर्गीय अमरनाथ पाण्डेय गढ़वाली टोला थाना चौक के साथ हिन्दू रिति-रिवाज से श्याम उपवन सारनाथ वाराणसी में सम्पन्न हुई थी. शादी में मेरे सास और ससुर ने कोई दान दहेज नहीं दिया था. मेरे पिता यूको बैंक से कैशियर के पद से सेवा निवृत्त हो चुके हैं. लालच में आकर मैं और मेरी मां हेमलता शादी के बाद दहेज में 10 लाख रुपये मांगने की बात पारूल से अक्सर किया करते थे. उसके ऊपर दबाव बनाते थे, कि तुम्हारे मायके वाले सक्षम हैं, जो दे सकते हैं.
आशीष नागर ने पुलिस पूछताछ में बताया की 10 लाख मांगने को लेकर कई बार पारूल से मेरा और मेरी मां का लड़ाई-झगड़ा भी हुआ. पारूल से नाराज होकर हमलोग उसे अपने घर से निकाल चुके थे, तब वह अपने मायके जाकर रहती थी. पारूल के भाई व बहनोई रोहन द्वारा आश्वासन देने के बाद पारूल को हम घर ले आते थे. लेकिन दहेज के नाम पर कोई पैसा पारूल के मायके वालों ने कभी नहीं दिया. पैसा नहीं मिलने से पारूल और मेरे बीच अक्सर लड़ाई झगड़ा होता रहता था. दिसम्बर 2021 में दहेज के पैसों की बात को लेकर मैने उसे फिर से घर से निकाल दिया था. तब वह अपने मायके में जाकर रहने लगी थी.
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उसके परिजनों के आश्वासन देने के बाद 30 दिसम्बर 2021 को मैं पुनः पारूल को अपने घर लाया था. 05 जनवरी 2022 की रात में भी दहेज के पैसों की बात को लेकर मैने और मेरी मां ने पारूल से झगड़ा किया था. जिसके बाद पारूल काफी तनाव में थी. खाना खाने के बाद रात्रि करीब 10 बजे मैं अपने कमरे में सो गया था. परन्तु 11.30 बजे के आस-पास चिल्लाने की आवाज सुनकर मेरी नींद खुल गयी. पारूल कमरे में नहीं थी भागकर देखा तो पूजाघर में पीले रंग के गमछे से सिलिंग फैन से फांसी का फंदा लगा लिया था. हडबडाहट में मैंने किसी तरह उसे अपनी मां की मदद से उतार कर अपने कमरे में बेड पर लेटा दिया था. पारूल की सांस नहीं चल रही थी. उसके बाद मोबाइल फोन से पारूल के जीजा रोहन को सूचना देकर मैं भाग गया था.