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वाराणसी: संकट मोचन मंदिर के संगीत समारोह में डिजिटल माध्यम से जुड़े देशभर के कलाकार - up news

लॉकडाउन के चलते देशभर में सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं. ऐसे में वाराणसी में श्री संकट मोचन मंदिर के संगीत समारोह में पूरे देश से कलाकार डिजिटल माध्यम के जरिये जुड़ रहे हैं.

varanasi
डिजिटल माध्यम से जुडे़ कलाकार.
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Published : Apr 14, 2020, 10:00 AM IST

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में श्री संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह 2020 में देश के कोने-कोने से कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया. दूसरी संध्या का शुभारंभ कथक के माध्यम से बनारस घराने के युवा प्रतिभाशाली कलाकार सौरव और गौरव मिश्र ने किया. वो अपने आवास से ही डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़े.

भगवान हनुमान की वंदना से उन्होंने कार्यक्रम शुरू किया. इसके बाद बनारस घराने की पारंपरिक रचनाओं की प्रस्तुति तीन ताल में दी. उनके गुरु पंडित रविशंकर मिश्र, रामकुमार मिश्र, गौरव मिश्र और नीरज अमर नाथ मिश्र ने सहयोग किया.

दूसरी प्रस्तुति दिल्ली से भरतनाट्यम नृत्य विधा की प्रतिभाशाली कलाकार भद्रा सिन्हा और गायत्री शर्मा ने दी. उन्होंने शक्ति तांडवम् पर आधारित वंदना हनुमत दरबार में प्रस्तुत की. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए लोगों को यह बताने का प्रयास किया है कि संकट से लड़ने के लिए हमें मिलकर रहना बहुत ही आवश्यक है.

हनुमत चरणों में कलाकारों की प्रस्तुति
दूसरे दिन की तीसरी प्रस्तुति सितार वादन की रही. बनारस के प्रसिद्ध सितार वादक पंडित देवब्रत मिश्र अपने आवास से डिजिटल माध्यम से जुड़े. उन्होंने राग गावती की अवतारणा से अपनी हाजिरी हनुमत चरणों में लगाई. चौथी प्रस्तुति गायन की रही. गायन की प्रस्तुति के लिए किराना, जयपुर अतरौली घराने के वरिष्ठ कलाकार पंडित नागराज राव हवलदार जी जुड़े. उनका साथ दिया ओमकारनाथ हवलदार और तबला पर रहे केदारनाथ हवलदार.

कलाकारों को मिला नया रास्ता
इसी तरह कई वरिष्ठ कलाकार इस डिजिटल कार्यक्रम में अपने आवास से जुड़ते रहे. सभी ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी. लॉकडाउन की वजह से कलाकारों को नया रास्ता मिला है. अब आगे से कोशिश होगी यहां की संगीत परंपरा जन-जन तक पहुंचे और आने वाले समय में यहां के पारंपरिक कार्यक्रमों का डिजिटल प्रसारण हो.

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में श्री संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह 2020 में देश के कोने-कोने से कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया. दूसरी संध्या का शुभारंभ कथक के माध्यम से बनारस घराने के युवा प्रतिभाशाली कलाकार सौरव और गौरव मिश्र ने किया. वो अपने आवास से ही डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़े.

भगवान हनुमान की वंदना से उन्होंने कार्यक्रम शुरू किया. इसके बाद बनारस घराने की पारंपरिक रचनाओं की प्रस्तुति तीन ताल में दी. उनके गुरु पंडित रविशंकर मिश्र, रामकुमार मिश्र, गौरव मिश्र और नीरज अमर नाथ मिश्र ने सहयोग किया.

दूसरी प्रस्तुति दिल्ली से भरतनाट्यम नृत्य विधा की प्रतिभाशाली कलाकार भद्रा सिन्हा और गायत्री शर्मा ने दी. उन्होंने शक्ति तांडवम् पर आधारित वंदना हनुमत दरबार में प्रस्तुत की. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए लोगों को यह बताने का प्रयास किया है कि संकट से लड़ने के लिए हमें मिलकर रहना बहुत ही आवश्यक है.

हनुमत चरणों में कलाकारों की प्रस्तुति
दूसरे दिन की तीसरी प्रस्तुति सितार वादन की रही. बनारस के प्रसिद्ध सितार वादक पंडित देवब्रत मिश्र अपने आवास से डिजिटल माध्यम से जुड़े. उन्होंने राग गावती की अवतारणा से अपनी हाजिरी हनुमत चरणों में लगाई. चौथी प्रस्तुति गायन की रही. गायन की प्रस्तुति के लिए किराना, जयपुर अतरौली घराने के वरिष्ठ कलाकार पंडित नागराज राव हवलदार जी जुड़े. उनका साथ दिया ओमकारनाथ हवलदार और तबला पर रहे केदारनाथ हवलदार.

कलाकारों को मिला नया रास्ता
इसी तरह कई वरिष्ठ कलाकार इस डिजिटल कार्यक्रम में अपने आवास से जुड़ते रहे. सभी ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी. लॉकडाउन की वजह से कलाकारों को नया रास्ता मिला है. अब आगे से कोशिश होगी यहां की संगीत परंपरा जन-जन तक पहुंचे और आने वाले समय में यहां के पारंपरिक कार्यक्रमों का डिजिटल प्रसारण हो.

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