वाराणसी: पुलिस ने पशुपतिनाथ मंदिर की बाहरी सुरक्षा बढ़ा दी है. पुलिस अधिकारियों ने मंदिर के पदाधिकारियों के साथ वार्ता की. ललिता घाट स्थित मंदिर के बाहर 2 दिन पहले विवादित पोस्टर लगाया गया था. इसके बाद अराजक तत्वों ने नेपाली युवक का सिर मुंडवाया था. इस मामले में अब तक चार अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है. मुख्य अभियुक्त अरुण पाठक अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पुलिस अरुण की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है.
देश ही नहीं विदेश से दर्शन के लिए आते हैं श्रद्धालु
हिंदुस्तान का नेपाल से संस्कृति-सभ्यता का रिश्ता रहा है. रिश्ते की सबसे बेजोड़ निशानी काशी स्थित भगवान पशुपतिनाथ का मंदिर है, जिसे लोग नेपाली मंदिर के नाम से भी जानते हैं. हजारों की संख्या में नेपाली पीढ़ियों से यहां आते रहे हैं. यही नहीं आज भी नेपाल के लोग यहां सीधे व्यापार करने आते हैं, तो वहीं उनकी धार्मिक आस्था भी जुड़ी हुई है.
काशी में नेपालियों का एक अलग मोहल्ला है. यहां भारी संख्या में नेपाली निवास करते हैं. अगर कहा जाए कि पीढ़ियों से यहां वास करने वाले नेपाली काशी का एक अंग हैं तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. नाम के साथ-साथ मंदिर की बनावट भी नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की तरह है. इसके साथ ही पूजा-पाठ करने वाले लोग भी नेपाल के हैं, जो कई वर्षों से यहां पर रहकर इस मंदिर की सेवा कर रहे हैं. काशी के लोगों के बीच इस मंदिर की विशेष आस्था है.
विश्व हिंदू सेना की तरफ से मंदिर के बाहर परिषद में पोस्टर लगाया गया. इसके बाद से यह मामला धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन एहतियात के तौर पर मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
प्रशासन ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. लगातार अधिकारी हमारे संपर्क में हैं. उनका कहना है कि आप लोगों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होगी. अगर आपको कोई दिक्कत आती है तो हमें जरूर सूचित करें.
रोहित गुरु, महंत, नेपाली मंदिर