वाराणसी: दिल्ली में देर रात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के हॉस्टल में घुसकर छात्र-छात्राओं को बुरी तरह पीटा गया, जिसके बाद घटना को लेकर पूरे देश के छात्रों में आक्रोश है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया है.
जेनयू में हुई हिंसा को देखते हुए वाराणसी जिला प्रशासन ने काशी विश्वविद्यालय का माहौल खराब न हो इसके लिए कई थानों के फोर्स को गेट पर तैनात किया है. हर आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है. जेएनयू की घटना को लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों में आक्रोश है. विश्वविद्यालय में पूरी तरह छात्रों को किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन से मना किया है.
इसे भी पढ़ें:-लतानपुर: रेलवे हॉस्पिटल में बढ़ाए गए 3 बेड, इमरजेंसी में मिलेगी सहूलियत
एबीवीपी ने फूंका वामपंथ का पुतला
जेएनयू की घटना के बाद जहां एक तरफ लेफ्ट छात्र संगठनों ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मार्च निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की तो वहीं दूसरी तरफ काशी हिंदू विश्वविद्यालय में लेफ्ट छात्र संगठन के खिलाफ एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकालकर वामपंथ का पुतला फूंका. आरोप लगाते हुए कहा कि शहरी नक्सलवाद हैं. यह लोग विश्वविद्यालयों का माहौल खराब कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें:- JNU में छात्रों और अध्यापकों पर हमला निंदनीय : अखिलेश यादव
जिस तरह से जेएनयू में हिंसक झड़प हुई, उसकी वह कड़ी निंदा करते हैं ,लेकिन जिस तरह से एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए जा रहे हैं वह बिल्कुल ही गलत है. कल जो जेएनयू में हुआ उसकी जिम्मेदार लेफ्ट की छात्र इकाई है जो लगातार छात्रों को पठन-पाठन करने से रोक रहे हैं.
-अधोक्षक पांडेय, छात्र बीएचयू, सदस्य अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद