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मिनी पंजाब सा दिख रहा सीर गोवर्धनपुर, यह है वजह

वाराणसी के सीर गोवर्धन क्षेत्र में आज संत रविदास जयंती समारोह आयोजित हो रहा है. कार्यक्रम से पहले शुक्रवार की शाम को ही क्षेत्र को दुल्हन की तरह सजाया गया है. इस समय सीर गोवर्धन क्षेत्र मिनी पंजाब जैसा प्रतीत हो रहा है.

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Published : Feb 27, 2021, 12:24 AM IST

देश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालु.
देश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालु.

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी कई मायनों में खास है. यही वजह है कि देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी यहां लोग खींचे चले आते हैं. आज यानी 27 फरवरी को संत रविदास जयंती है. जयंती का कार्यक्रम रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धन में रखा गया है. देश के हर कोने से रैदास भक्त यहां पर मत्था टेकने के लिए आते हैं. बताया जाता है कि लगभग 22 देशों से यहां रैदासी संत आते हैं.

देश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालु.

आएंगे सपा सुप्रीमो अखिलेश
सीर गोवर्धनपुर स्थित संत शिरोमणि रविदास की जन्मस्थली राजनैतिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि यहां पर वाराणसी के सांसद और पीएम मोदी सहित तमाम हस्तियां आ चुकी हैं. समय-समय पर कई राजनेताओं ने यहां आकर मत्था टेका है. प्रियंका गांधी वाड्रा, अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री, बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चंद्रशेखर आजाद आदि तमाम राजनीतिक हस्तियां यहां आ चुके हैं. इस बार रविदास जयंती पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी आज यहां आएंगे.

बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु.
बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु.

दुल्हन की तरह सजाया गया
सीर गोवर्धनपुर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. स्वर्ण मंदिर को झालरों से पूरी तरह सजा दिया गया है. आस-पास विभिन्न प्रकार की दुकानें सजने लगी हैं. अब तक लगभग 7 हजार रैदास देश के कोने-कोने से यहां पर आ चुके हैं. लगभग एक हजार सेवादार भी पहुंच चुके हैं. विभिन्न प्रकार की टेंट सिटी बनाई गई है, यहां पर भक्त पहुंच गए हैं.

दुल्हन की तरह सजा सीर गोवर्धनपुर.
दुल्हन की तरह सजा सीर गोवर्धनपुर.

इसे भी पढ़ें : रैदासियों से भरा बेगमपुरा एक्सप्रेस काशी पहुंचा, रविदास जयंती में होगें शामिल

भजन कीर्तन और सत्संग
दूर-दूर से आए रैदास अपने टेंट के अंदर भजन कीर्तन करते नजर आ रहे हैं. वहीं कोई रैदास स्वामी का अमृतवाणी सुन रहा है तो महिलाएं भजन कर रही हैं. सब अपने प्रभु की जयंती मनाने में पूरी तरह से मग्न है.

चल रहा है लंगर
23 फरवरी से लंगर की शुरुआत हो गई थी, जो आज तक चलेगा. 500 सेवादार पंजाब और हरियाणा से आए हैं, जो लोगों के लिए प्रसाद बना रहे हैं. तीन लंगर हाल बने हैं, जिसमें भक्त लंगर खा रहे हैं. लगभग 2000 लोगों का एक साथ लंगर बनाया जा रहा है, जिसमें विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं. मिठाई मठरी बनाने का काम भी तेजी से चल रहा हैं. महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार का सहयोग किया जा रहा है.

प्रशासन की तैयारियां पूरी
जयंती को देखते हुए जिला प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट है. समय-समय पर पुलिस एवं अधिकारियों का चक रमन क्षेत्र में हो रहा है, ताकि मेले में किसी भी प्रकार की किसी को दिक्कत न हो. पंडाल के पास फायर ब्रिगेड की गाड़ी, जल निगम के टैंकर और स्वास्थ्य कैंप कंट्रोल रूम बनकर तैयार है.

कोविड-19 दिखा असर
वैश्विक महामारी के कारण अन्य देशों के रैदास नहीं आ रहे हैं, जिसकी वजह से भक्तों की संख्या भी काफी कम है. अन्य जिलों में लगभग तीन लाख से ज्यादा देश और विदेश से भक्त यहां पर मत्था टेकने के लिए आते हैं.

रैदासी लखविंदर ने बताया कि लगातार तीन वर्ष से पंजाब से मैं संत साहब के यहां मत्था टेकने के लिए आता हूं. बहुत ही अच्छा लगता है. इस बार कोविड-19 की वजह से लोग कम आ रहे हैं, लेकिन अभी दिन बाकी है. जैसे-जैसे दिन चढ़ेगा, यहां की रौनक और बढ़ेगी. संत साहब के चरणो में कुछ दिन रहने का यह सौभाग्य मिलता है.

विदेशी भक्तों के लिए होगा ऑनलाइन दर्शन
संत रविदास चैरिटेबल सीर गोवर्धनपुर के मैनेजर निर्मल सिंह ने बताया कि इस बार संत रविदास जी की 644वीं जयंती है. प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम लोगों ने तैयारी पूर्ण कर ली है. कोविड-19 को देखते हुए भक्त कमा आएंगे. हम कंफर्म नहीं बता सकते कि भक्तों की संख्या कितनी होगी. विभिन्न सोशल मीडिया और चैनल के माध्यम से महाराज जी का ऑनलाइन दर्शन भी भक्तों के लिए कराया जाएगा.

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी कई मायनों में खास है. यही वजह है कि देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी यहां लोग खींचे चले आते हैं. आज यानी 27 फरवरी को संत रविदास जयंती है. जयंती का कार्यक्रम रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धन में रखा गया है. देश के हर कोने से रैदास भक्त यहां पर मत्था टेकने के लिए आते हैं. बताया जाता है कि लगभग 22 देशों से यहां रैदासी संत आते हैं.

देश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालु.

आएंगे सपा सुप्रीमो अखिलेश
सीर गोवर्धनपुर स्थित संत शिरोमणि रविदास की जन्मस्थली राजनैतिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि यहां पर वाराणसी के सांसद और पीएम मोदी सहित तमाम हस्तियां आ चुकी हैं. समय-समय पर कई राजनेताओं ने यहां आकर मत्था टेका है. प्रियंका गांधी वाड्रा, अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री, बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चंद्रशेखर आजाद आदि तमाम राजनीतिक हस्तियां यहां आ चुके हैं. इस बार रविदास जयंती पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी आज यहां आएंगे.

बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु.
बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु.

दुल्हन की तरह सजाया गया
सीर गोवर्धनपुर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. स्वर्ण मंदिर को झालरों से पूरी तरह सजा दिया गया है. आस-पास विभिन्न प्रकार की दुकानें सजने लगी हैं. अब तक लगभग 7 हजार रैदास देश के कोने-कोने से यहां पर आ चुके हैं. लगभग एक हजार सेवादार भी पहुंच चुके हैं. विभिन्न प्रकार की टेंट सिटी बनाई गई है, यहां पर भक्त पहुंच गए हैं.

दुल्हन की तरह सजा सीर गोवर्धनपुर.
दुल्हन की तरह सजा सीर गोवर्धनपुर.

इसे भी पढ़ें : रैदासियों से भरा बेगमपुरा एक्सप्रेस काशी पहुंचा, रविदास जयंती में होगें शामिल

भजन कीर्तन और सत्संग
दूर-दूर से आए रैदास अपने टेंट के अंदर भजन कीर्तन करते नजर आ रहे हैं. वहीं कोई रैदास स्वामी का अमृतवाणी सुन रहा है तो महिलाएं भजन कर रही हैं. सब अपने प्रभु की जयंती मनाने में पूरी तरह से मग्न है.

चल रहा है लंगर
23 फरवरी से लंगर की शुरुआत हो गई थी, जो आज तक चलेगा. 500 सेवादार पंजाब और हरियाणा से आए हैं, जो लोगों के लिए प्रसाद बना रहे हैं. तीन लंगर हाल बने हैं, जिसमें भक्त लंगर खा रहे हैं. लगभग 2000 लोगों का एक साथ लंगर बनाया जा रहा है, जिसमें विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं. मिठाई मठरी बनाने का काम भी तेजी से चल रहा हैं. महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार का सहयोग किया जा रहा है.

प्रशासन की तैयारियां पूरी
जयंती को देखते हुए जिला प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट है. समय-समय पर पुलिस एवं अधिकारियों का चक रमन क्षेत्र में हो रहा है, ताकि मेले में किसी भी प्रकार की किसी को दिक्कत न हो. पंडाल के पास फायर ब्रिगेड की गाड़ी, जल निगम के टैंकर और स्वास्थ्य कैंप कंट्रोल रूम बनकर तैयार है.

कोविड-19 दिखा असर
वैश्विक महामारी के कारण अन्य देशों के रैदास नहीं आ रहे हैं, जिसकी वजह से भक्तों की संख्या भी काफी कम है. अन्य जिलों में लगभग तीन लाख से ज्यादा देश और विदेश से भक्त यहां पर मत्था टेकने के लिए आते हैं.

रैदासी लखविंदर ने बताया कि लगातार तीन वर्ष से पंजाब से मैं संत साहब के यहां मत्था टेकने के लिए आता हूं. बहुत ही अच्छा लगता है. इस बार कोविड-19 की वजह से लोग कम आ रहे हैं, लेकिन अभी दिन बाकी है. जैसे-जैसे दिन चढ़ेगा, यहां की रौनक और बढ़ेगी. संत साहब के चरणो में कुछ दिन रहने का यह सौभाग्य मिलता है.

विदेशी भक्तों के लिए होगा ऑनलाइन दर्शन
संत रविदास चैरिटेबल सीर गोवर्धनपुर के मैनेजर निर्मल सिंह ने बताया कि इस बार संत रविदास जी की 644वीं जयंती है. प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हम लोगों ने तैयारी पूर्ण कर ली है. कोविड-19 को देखते हुए भक्त कमा आएंगे. हम कंफर्म नहीं बता सकते कि भक्तों की संख्या कितनी होगी. विभिन्न सोशल मीडिया और चैनल के माध्यम से महाराज जी का ऑनलाइन दर्शन भी भक्तों के लिए कराया जाएगा.

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