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वाराणसी: सैंड आर्ट से बनाया समुद्र मंथन का चित्रण, बना आकर्षण का केंद्र - सैंड आर्ट बना आकर्षण का केंद्र

उत्तर प्रदेश में धर्म की नगरी काशी में इन दिनों देश ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने आ रहे है. दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ में धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज की 112वीं जयंती के अवसर पर समुद्र मंथन सैंड आर्ट से बनी हुई आकृति लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है.

सैंड आर्ट से बनाया समुंद्र मंथन का चित्रण.
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Published : Aug 3, 2019, 2:36 PM IST

वाराणसी: धर्म की नगरी में बालू से बनी हुई समुद्र मंथन की आकृति लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. क्योंकि यह कला हमें अक्सर ऐसे शहरों में देखने को मिलती है, जहां समुद्री टच होता है. समुद्र मंथन की आकृति के साथ ही धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज का भी स्टैचू बनाया गया है. रूपेश ने शहर के बीचोंबीच धर्म संघ में इसे बनाकर एक मिसाल पेश की है.

सैंड आर्ट से बनाया समुद्र मंथन का चित्रण.

सैंट आर्ट है. जिसे मैंने यहां पर बाबा विश्वनाथ की नगरी में सावन के अवसर पर समुद्र मंथन किस तरह से हुआ, उससे कौन-कौन से प्रमुख रत्न निकले. इसके अलावा और क्या-क्या निकला उसको मैंने दर्शाया है. उसके साथ ही धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज का स्टैचू बनाया है.

-रूपेश सिंह, छात्र, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ

वाराणसी: धर्म की नगरी में बालू से बनी हुई समुद्र मंथन की आकृति लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. क्योंकि यह कला हमें अक्सर ऐसे शहरों में देखने को मिलती है, जहां समुद्री टच होता है. समुद्र मंथन की आकृति के साथ ही धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज का भी स्टैचू बनाया गया है. रूपेश ने शहर के बीचोंबीच धर्म संघ में इसे बनाकर एक मिसाल पेश की है.

सैंड आर्ट से बनाया समुद्र मंथन का चित्रण.

सैंट आर्ट है. जिसे मैंने यहां पर बाबा विश्वनाथ की नगरी में सावन के अवसर पर समुद्र मंथन किस तरह से हुआ, उससे कौन-कौन से प्रमुख रत्न निकले. इसके अलावा और क्या-क्या निकला उसको मैंने दर्शाया है. उसके साथ ही धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज का स्टैचू बनाया है.

-रूपेश सिंह, छात्र, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ

Intro: धर्म की नगरी काशी में जहां इन दिनों देश ही नहीं बल्कि विदेश से लोग बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने और काशी भ्रमण करते हैं ऐसे में दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ में धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज के 112 वीं जयंती के अवसर पर समुंद्र मंथन सैंट आर्ट से बनी हुई आकृति लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।


Body:बालू से बनी हुई यह आकृति लोगों को अपनी और आकर्षित कर रही है। क्योंकि यह कला हमें अक्सर ऐसे शहरों में देखने को मिलता है जहां समुद्री टच होता है लेकिन रूपेश नेम शहर के बीचो बीच में धर्म संघ में इसे बनाकर एक मिसाल पेश किया है


Conclusion:महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्र रूपेश सिंह ने बताया यह
सैंट आर्ट है।जिसे मैंने यहां पर बाबा विश्वनाथ की नगरी में सावन के अवसर पर समुद्र मंथन किस तरह से हुआ उससे कौन-कौन सी प्रमुख रत निकली क्या-क्या निकला जिसमें अमृत और विष इन दोनों को मैंने दर्शाया है उसके साथ ही धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज काहे की स्टैचू बनाया है।

अशुतोष
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