वाराणसी: विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद हर तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और विश्वनाथ धाम की भव्यता की चर्चा आम है. बनारस ही नहीं बल्कि देश और विदेशों में भी विश्वनाथ धाम की भव्यता और पुरातन नगरी के इस दिव्य स्वरूप को लेकर हर कोई काफी प्रसन्न नजर आ रहा है. शायद यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और विधान परिषद सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने न सिर्फ प्रधानमंत्री की तरफ से पुरातन नगरी काशी के इस भव्य विश्वनाथ धाम को तैयार करने पर उनकी प्रशंसा की है, बल्कि विधान परिषद में यह मांग भी उठा दी है कि उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार वाराणसी स्थित विश्वनाथ धाम को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित कराने के लिए पहल करें.
विधान परिषद के सदस्य और समाजवादी पार्टी के नेता शतरुद्र प्रकाश की तरफ से उठाई गई मांग के बाद प्रमुख सचिव को लिखे गए खत की प्रति ईटीवी भारत के पास मौजूद है. उनके द्वारा यह कहा गया है कि नियम 59(5) के अंतर्गत मैं सभापति जी की अनुज्ञा से सदन में निम्न प्रस्ताव प्रस्तुत करता हूं.
उनके द्वारा कहा गया है कि सांस्कृतिक गौरव और उसकी अस्मिता विश्वेश्वर क्षेत्र विश्वनाथ धाम का ऐतिहासिक नया अध्याय प्रारंभ करने के लिए वाराणसी के निर्वाचित लोकसभा के सदस्य एवं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नियोजित तरीके से और अकल्पनीय विश्व नाथ धाम मंदिर परिसर को विशाल तथा सुंदर बनाने हेतु बधाई देता हूं.
यह सदन उन सब को भी हार्दिक बधाई देता है जिन्होंने इसमें सहयोग दिया. कड़ी मेहनत करने वाले अनेक मजदूर (खासकर मृतक) एवं अधिकारी व कर्मचारी भी बधाई के पात्र हैं. उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा अधिनियमित श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद वाराणसी अधिनियम 2018 के अंतर्गत करीब 800 करोड़ रुपए की लागत से गंगा तट पर नवनिर्मित 5,27,760 वर्ग फीट पर विश्वनाथ धाम का निर्माण व लोकार्पण भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया यह अद्भुत कार्य कई शताब्दी की पीढ़ियों तक स्मरण किया जाएगा. काशी में गंगा तट पर विश्वनाथ सत्य है, सुंदर है, शिव है समता-ममता रूपी अनंत अनादि है, हर हर महादेव शंभू काशी विश्वनाथ गंगे यही विश्वनाथ धाम है.
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उन्होंने अन्य बातों का जिक्र करते हुए यह मांग भी रखी है कि आशा है भविष्य में बाबा का दर्शन पूजन करने जलाभिषेक रुद्राभिषेक रुद्राभिषेक व आरती व ध्यान आदि करने में स्थान का आभाव नहीं होगा. धक्का-मुक्की नहीं होगी. किसी दर्शनार्थी के साथ बदसलूकी नहीं होगी. 3500 वर्ग मीटर वाले इस विशाल क्षेत्र की वजह से शिवरात्रि पर गोदौलिया से चौक तक लंबी लाइन अब नहीं लगानी पड़ेगी.
सन 2005 में किसी सिरफिरे अफसर ने मंदिरों की दीवारों पर रसायनिक पेंट पोतवा दिया था. इसे हटाया जाना व मंदिर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करवाना हम लोगों की पुरानी मांग थी. पता चला है कि एनामेल पेंट को हटा दिया गया है इससे मंदिर की शिलाएं संरक्षित और सुरक्षित रहेंगी. उन्होंने मांग रखते हुए कहा है कि ऋषि मुनियों की साधना स्थल तथा दर्शनार्थियों तीर्थ यात्रियों के आवागमन का केंद्र रहा है. इसके साथ ही साथ यह पर्यटन और अन्य गतिविधियों का भी प्रमुख बाजार रहा है, आशा है यह गतिविधियां विकासमान रहेंगी. यह सदन भारत और उत्तर प्रदेश सरकार से अपेक्षा करता है कि उक्त सरकारें वाराणसी स्थित इस विश्वनाथ धाम को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित कराने के लिए विशेष पहल करेंगी.
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