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काशी में बाबा की बूटी पर भारी पड़ी शराब, इस तरह बढ़ी डिमांड - sale of liquor in varanasi

वाराणसी में शराब की बिक्री दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. वहीं, बाबा की बूटी यानी भांग की बिक्री शराब से कमजोर पड़ती नजर आ रही है.

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शराब की बढ़ी मांग
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Published : Oct 19, 2022, 3:01 PM IST

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का शोर सुनाई देता है, लेकिन क्या वास्तव में धर्म नगरी काशी में शराब को लेकर सच में लोगों के द्वारा दूरी बनाई जा रही है? इन्हीं सवालों की सच्चाई ईटीवी भारत ने जानने की कोशिश की और शराब भांग जैसी नशे की चीजें सरकारी दस्तावेजों में मैनेज करने वाले आबकारी विभाग से संपर्क साधा. पता चला बीते 2 सालों की तुलना में एक तरफ जहां शराब की बिक्री हर महीने ऊपर चढ़ा रही है, तो वहीं, भांग की बिक्री कभी ऊपर तो कभी नीचे बनी है.

बनारस में शराब और मांस की बिक्री को लेकर लगातार धर्म गुरुओं से लेकर कई सामाजिक संगठन विरोध कर रहे हैं लेकिन शराब की बिक्री कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है. जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि बीते कोविड-19 की वजह से 2019 में शराब की बिक्री में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई थी. हालांकि इस बार शासन की तरफ से निर्धारित किए गए टारगेट का लगभग 95 प्रतिशत विभाग ने 30 सितम्बर तक ही कवर कर लिया है यानी अप्रैल से अप्रैल तक चलने वाले वित्तीय वर्ष में बनारस में शराब की बिक्री यहां पर आ रही भीड़ और पर्यटकों की बढ़ती संख्या की वजह से लगातार बढ़ रही है. विभाग का कहना है कि यह बढ़ोतरी महीने दर महीने दर्ज की जा रही है. इन सबके बीच शासन की तरफ से निर्धारित भांग का कोटा नहीं बढ़ाया गया है, जो यह साफ करता है कि बाबा की नगरी में उनके बूटी की खपत कम और शराब की खपत ज्यादा है.

जानकारी देते हुए सह आबकारी आयुक्त ओमवीर सिंह
जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि सितंबर तक हम जो टारगेट लेकर चल रहे थे उसका 95% हमें मिल चुका है. सरकार ने हमें पूरे वर्ष के लिए 1400 करोड़ रुपए का टारगेट दिया था, जिसमें से लगभग 700 करोड से ज्यादा का टारगेट अचीव हो गया है. हर महीने शराब की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हो रहा है. रेवेन्यू भी बढ़ता जा रहा है. 2019 में जो घाटा कोरोना की वजह से उठाना पड़ा था. उसे हम पूरी तरह से कवर कर चुके हैं. जिला आबकारी अधिकारी का कहना था कि भांग को लेकर बहुत ज्यादा रेवेन्यू नहीं आता है. इसका कोई कोटा भी अब तक नहीं बढ़ाया गया है. हर वर्ष दो करोड़ रुपए तक का रेवेन्यू हम सरकार को भांग से देते हैं. इस बार भी लगभग उतने का ही टारगेट है इसको लेकर कोई बढ़ोतरी नहीं है लेकिन शराब की बिक्री में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी हो रही है.2021 शराब कुल बोतल, बीयर कुल केन
2021 सालशराब कुल बोतलबीयर कुल केन
अप्रैल6,82,732, 16,63,280
मई5,01,7106,89,811
जून7,00,77915,67,444
जुलाई7,28,36118,06,239
अगस्त7,26,41718,24,932
सितंबर5,77,07812,46,529
अक्टूबर6,94,12712,62,921
नवंबर8,17,94811,97,709
दिसंबर9,85,61915,29,796
2022 सालशराब कुल बोतलबीयर कुल केन
जनवरी6,50,3375,90,750
फरवरी7,41,6999,23,378
मार्च7,19,56212,01,966
अप्रैल7,74,21126,21,424
मई9,31,16733,62,193
जून7,20,83130,60,632
जुलाई7,94,63624,56,633
अगस्त7,90,15224,87,228
सितंबर7,03,87520,44, 206


भांग की खपत किलो में...
साल 2021
अप्रैल 0
मई 2415
जून 5221
जुलाई 3539
अगस्त 3117
सितम्बर 3918
अक्टूबर 3295
नवम्बर 3441
दिसम्बर 3910

साल 2022
जनवरी 3914
फरवरी 3031
मार्च 6879
अप्रैल 0
मई 0
जून 5062
जुलाई 3997
अगस्त 2997
सितम्बर 6455

यह भी पढ़ें- दीपावली से पहले बनारस में पकड़ी गई अवैध पटाखे की बड़ी खेप, तीन पर FIR दर्ज




वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का शोर सुनाई देता है, लेकिन क्या वास्तव में धर्म नगरी काशी में शराब को लेकर सच में लोगों के द्वारा दूरी बनाई जा रही है? इन्हीं सवालों की सच्चाई ईटीवी भारत ने जानने की कोशिश की और शराब भांग जैसी नशे की चीजें सरकारी दस्तावेजों में मैनेज करने वाले आबकारी विभाग से संपर्क साधा. पता चला बीते 2 सालों की तुलना में एक तरफ जहां शराब की बिक्री हर महीने ऊपर चढ़ा रही है, तो वहीं, भांग की बिक्री कभी ऊपर तो कभी नीचे बनी है.

बनारस में शराब और मांस की बिक्री को लेकर लगातार धर्म गुरुओं से लेकर कई सामाजिक संगठन विरोध कर रहे हैं लेकिन शराब की बिक्री कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है. जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि बीते कोविड-19 की वजह से 2019 में शराब की बिक्री में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई थी. हालांकि इस बार शासन की तरफ से निर्धारित किए गए टारगेट का लगभग 95 प्रतिशत विभाग ने 30 सितम्बर तक ही कवर कर लिया है यानी अप्रैल से अप्रैल तक चलने वाले वित्तीय वर्ष में बनारस में शराब की बिक्री यहां पर आ रही भीड़ और पर्यटकों की बढ़ती संख्या की वजह से लगातार बढ़ रही है. विभाग का कहना है कि यह बढ़ोतरी महीने दर महीने दर्ज की जा रही है. इन सबके बीच शासन की तरफ से निर्धारित भांग का कोटा नहीं बढ़ाया गया है, जो यह साफ करता है कि बाबा की नगरी में उनके बूटी की खपत कम और शराब की खपत ज्यादा है.

जानकारी देते हुए सह आबकारी आयुक्त ओमवीर सिंह
जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि सितंबर तक हम जो टारगेट लेकर चल रहे थे उसका 95% हमें मिल चुका है. सरकार ने हमें पूरे वर्ष के लिए 1400 करोड़ रुपए का टारगेट दिया था, जिसमें से लगभग 700 करोड से ज्यादा का टारगेट अचीव हो गया है. हर महीने शराब की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हो रहा है. रेवेन्यू भी बढ़ता जा रहा है. 2019 में जो घाटा कोरोना की वजह से उठाना पड़ा था. उसे हम पूरी तरह से कवर कर चुके हैं. जिला आबकारी अधिकारी का कहना था कि भांग को लेकर बहुत ज्यादा रेवेन्यू नहीं आता है. इसका कोई कोटा भी अब तक नहीं बढ़ाया गया है. हर वर्ष दो करोड़ रुपए तक का रेवेन्यू हम सरकार को भांग से देते हैं. इस बार भी लगभग उतने का ही टारगेट है इसको लेकर कोई बढ़ोतरी नहीं है लेकिन शराब की बिक्री में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी हो रही है.2021 शराब कुल बोतल, बीयर कुल केन
2021 सालशराब कुल बोतलबीयर कुल केन
अप्रैल6,82,732, 16,63,280
मई5,01,7106,89,811
जून7,00,77915,67,444
जुलाई7,28,36118,06,239
अगस्त7,26,41718,24,932
सितंबर5,77,07812,46,529
अक्टूबर6,94,12712,62,921
नवंबर8,17,94811,97,709
दिसंबर9,85,61915,29,796
2022 सालशराब कुल बोतलबीयर कुल केन
जनवरी6,50,3375,90,750
फरवरी7,41,6999,23,378
मार्च7,19,56212,01,966
अप्रैल7,74,21126,21,424
मई9,31,16733,62,193
जून7,20,83130,60,632
जुलाई7,94,63624,56,633
अगस्त7,90,15224,87,228
सितंबर7,03,87520,44, 206


भांग की खपत किलो में...
साल 2021
अप्रैल 0
मई 2415
जून 5221
जुलाई 3539
अगस्त 3117
सितम्बर 3918
अक्टूबर 3295
नवम्बर 3441
दिसम्बर 3910

साल 2022
जनवरी 3914
फरवरी 3031
मार्च 6879
अप्रैल 0
मई 0
जून 5062
जुलाई 3997
अगस्त 2997
सितम्बर 6455

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