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काशी की अंतरगृही यात्रा का दिखेगा नया स्वरूप, 3 करोड़ की लागत से 301 मंदिरों का होगा जीर्णोद्धार - 301 मंदिरों का 3 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार

काशी में अंतरगृही यात्राओं के दौरान पड़ने वाले पौराणिक मंदिरों का जीर्णोद्धार शुरू कर दिया गया है. इसके लिए 3.08 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

काशी की अंतरगृही यात्रा
काशी की अंतरगृही यात्रा
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Published : Oct 6, 2022, 5:35 PM IST

वाराणसी: भगवान शंकर के त्रिशूल के आकार के अनुरूप काशी नगरी तीन खंडों में बसी हुई है. इन्हें विश्वेश्वर खंड, केदारेश्वर खंड और ओंकारेश्वर खंड के नाम से जाना जाता है. तीनों खंड में पौराणिक महत्व वाले सैकड़ों मंदिर हैं. सनातन धर्म के अनुयायी इन तीनों खंड की अंतरगृही परिक्रमा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस पवित्र यात्रा से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तीनों अंतरगृही यात्राओं में पड़ने वाले देवस्थलों का 3.08 करोड़ रुपए से जीर्णोद्धार करा रही है.

विकास का पर्याय बन रहे ब्रांड बनारस में धार्मिक पर्यटन का भी तेजी से विकास हो रहा है. काशी में धार्मिक यात्राओं और दर्शन का काफी महत्व है. पुराणों से भी पुरानी काशी में पंचकोसी यात्रा हो या अंतरगृही यात्रा, सनातन धर्म को मानने वाले पुण्य लाभ के लिए इन यात्राओं को सदियों से करते आ रहे हैं. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम(Shrikashi Vishwanath Dham) बनने के बाद योगी सरकार अंतरगृही परिक्रमा मार्ग में मौजूद मंदिरों का जीर्णोद्धार करा रही है. साथ ही पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाएं भी विकसित की जा रही है. इससे धार्मिक यात्रा करने वालों को किसी भी तरह की परेशानी न हो.

जानकारी देते संवाददाता गोपाल मिश्र
यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड वाराणसी के परियोजना प्रबंधक विनय जैन ने बताया कि तीन अंतरगृही यात्राओं के मार्ग में कुल 301 मंदिरों को चिह्नित किया गया है. इनके जीर्णोद्धार का कार्य तेजी से हो रहा है. मुख्य मंदिरों के साथ ही इनके परिसरों को भी संवारा जा रहा है. उन्होंने बताया कि तीनों अंतरगृही यात्रा के जीर्णोद्धार का काम मार्च 2023 तक पूरा हो जाएगा. पहले की सरकारों द्वारा इस ओर ध्यान न देने से ये यात्राएं और इनके मार्ग ना सिर्फ गुम होने की कगार पर पहुंच गये थे, बल्कि इनकी स्थिति भी बदहाल थी. योगी सरकार अब एक बार फिर इन्हें पुनर्जीवित कर रही है.वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि अंतरगृही यात्रा के अंतर्गत जो भी मंदिर है. उनपर सफाई बोर्ड लगवाना और उनकी गलियों को बनाना मंदिरों के सुंदरीकरण के शामिल है. ज्ञानवापी के पंच विनायकों के दर्शन के साथ ही बाबा विश्वनाथ के मुक्ति मंडप में संकल्प लेकर इस यात्रा की शुरुआत होती है और 75 तीर्थों की परिक्रमा की जाती है. 75 पौराणिक तीर्थ की परिक्रमा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले हर छोटे-छोटे मंदिरों पर रात्रि जागरण और दर्शन पूजन का क्रम चलता रहता है.
यह भी पढ़ें:वाराणसी में खुला खादी का शोरूम, पूर्वांचल के कारीगरों को मिलेगा सुनहरा अवसर

यह भी पढ़ें:महिलाओं की अनोखी भक्ति, तूलिका के जरिए मातृ शक्ति में भर रही रंग

वाराणसी: भगवान शंकर के त्रिशूल के आकार के अनुरूप काशी नगरी तीन खंडों में बसी हुई है. इन्हें विश्वेश्वर खंड, केदारेश्वर खंड और ओंकारेश्वर खंड के नाम से जाना जाता है. तीनों खंड में पौराणिक महत्व वाले सैकड़ों मंदिर हैं. सनातन धर्म के अनुयायी इन तीनों खंड की अंतरगृही परिक्रमा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस पवित्र यात्रा से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तीनों अंतरगृही यात्राओं में पड़ने वाले देवस्थलों का 3.08 करोड़ रुपए से जीर्णोद्धार करा रही है.

विकास का पर्याय बन रहे ब्रांड बनारस में धार्मिक पर्यटन का भी तेजी से विकास हो रहा है. काशी में धार्मिक यात्राओं और दर्शन का काफी महत्व है. पुराणों से भी पुरानी काशी में पंचकोसी यात्रा हो या अंतरगृही यात्रा, सनातन धर्म को मानने वाले पुण्य लाभ के लिए इन यात्राओं को सदियों से करते आ रहे हैं. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम(Shrikashi Vishwanath Dham) बनने के बाद योगी सरकार अंतरगृही परिक्रमा मार्ग में मौजूद मंदिरों का जीर्णोद्धार करा रही है. साथ ही पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाएं भी विकसित की जा रही है. इससे धार्मिक यात्रा करने वालों को किसी भी तरह की परेशानी न हो.

जानकारी देते संवाददाता गोपाल मिश्र
यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड वाराणसी के परियोजना प्रबंधक विनय जैन ने बताया कि तीन अंतरगृही यात्राओं के मार्ग में कुल 301 मंदिरों को चिह्नित किया गया है. इनके जीर्णोद्धार का कार्य तेजी से हो रहा है. मुख्य मंदिरों के साथ ही इनके परिसरों को भी संवारा जा रहा है. उन्होंने बताया कि तीनों अंतरगृही यात्रा के जीर्णोद्धार का काम मार्च 2023 तक पूरा हो जाएगा. पहले की सरकारों द्वारा इस ओर ध्यान न देने से ये यात्राएं और इनके मार्ग ना सिर्फ गुम होने की कगार पर पहुंच गये थे, बल्कि इनकी स्थिति भी बदहाल थी. योगी सरकार अब एक बार फिर इन्हें पुनर्जीवित कर रही है.वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि अंतरगृही यात्रा के अंतर्गत जो भी मंदिर है. उनपर सफाई बोर्ड लगवाना और उनकी गलियों को बनाना मंदिरों के सुंदरीकरण के शामिल है. ज्ञानवापी के पंच विनायकों के दर्शन के साथ ही बाबा विश्वनाथ के मुक्ति मंडप में संकल्प लेकर इस यात्रा की शुरुआत होती है और 75 तीर्थों की परिक्रमा की जाती है. 75 पौराणिक तीर्थ की परिक्रमा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले हर छोटे-छोटे मंदिरों पर रात्रि जागरण और दर्शन पूजन का क्रम चलता रहता है.
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