वाराणसी: भगवान शंकर के त्रिशूल के आकार के अनुरूप काशी नगरी तीन खंडों में बसी हुई है. इन्हें विश्वेश्वर खंड, केदारेश्वर खंड और ओंकारेश्वर खंड के नाम से जाना जाता है. तीनों खंड में पौराणिक महत्व वाले सैकड़ों मंदिर हैं. सनातन धर्म के अनुयायी इन तीनों खंड की अंतरगृही परिक्रमा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस पवित्र यात्रा से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तीनों अंतरगृही यात्राओं में पड़ने वाले देवस्थलों का 3.08 करोड़ रुपए से जीर्णोद्धार करा रही है.
विकास का पर्याय बन रहे ब्रांड बनारस में धार्मिक पर्यटन का भी तेजी से विकास हो रहा है. काशी में धार्मिक यात्राओं और दर्शन का काफी महत्व है. पुराणों से भी पुरानी काशी में पंचकोसी यात्रा हो या अंतरगृही यात्रा, सनातन धर्म को मानने वाले पुण्य लाभ के लिए इन यात्राओं को सदियों से करते आ रहे हैं. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम(Shrikashi Vishwanath Dham) बनने के बाद योगी सरकार अंतरगृही परिक्रमा मार्ग में मौजूद मंदिरों का जीर्णोद्धार करा रही है. साथ ही पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाएं भी विकसित की जा रही है. इससे धार्मिक यात्रा करने वालों को किसी भी तरह की परेशानी न हो.
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