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अभी तक नहीं बने हैं पीएम मातृ वंदना योजना का हिस्सा? इस लिंक पर करें रजिस्ट्रेशन

भारत सरकार की ओर से 'उमंग' एप तैयार किया गया है. इस एप के माध्यम से पीएम मातृ वंदना योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कर योजना का लाभ लिया जा सकता है.

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पीएम मातृ वंदना योजना
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Published : Mar 28, 2022, 1:20 PM IST

वाराणसीः सरकार की ओर से महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, जिसके तहत उन्हें आर्थिक लाभ दिया जाता है. इसका लाभ सुलभ तरीके से उन तक पहुंच सके, इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. इसी क्रम में भारत सरकार की ओर से 'उमंग' एप तैयार किया गया है. इस एप के माध्यम से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कर योजना का लाभ लिया जा सकता है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2017 में उमंग एप को लांच किया गया था. केन्द्रीय स्तर पर तैयार किए गए 'उमंग' एप के माध्यम से पीएम मातृ वंदना योजना समेत स्वास्थ्य की 11 सेवाओं का लाभ ले सकते हैं. इस एप से आवेदन व पंजीकरण की प्रक्रिया में आसानी आ सकेगी. उन्होने बताया कि पहली बार मां बनने वाली लाभार्थी इस एप के जरिये खुद रजिस्ट्रेशन कर सकती हैं.

इस लिंक के जरिए कर सकते हैं रेजिस्ट्रेशनः नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ एके मौर्या ने बताया कि 'उमंग' एप पर मातृ वंदना योजना, आयुष्मान भारत योजना सहित भारत सरकार की कई योजनाओं का लाभ ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि संलग्न लिंक से https://web.umang.gov.in/uaw/i/v/ref एप को मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकता है. इसके माध्यम से योजना का खुद से पंजीकरण किया जा सकता है. एप पर फ्लैगशिप स्कीम पर जाकर पीएमएमवीवाई का विकल्प चुनना है. इसके अलावा एप पर सीधे पीएमएमवीवाई को सर्च कर सेल्फ रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें- GOOD NEWS: लोहिया संस्थान में संविदा पर तैनात नर्सों का बढ़ा वेतन


क्या है उमंग एपः UMANG (यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस) को देश में मोबाइल गवर्नेंस को चलाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन द्वारा विकसित किया गया है. उमंग सभी भारतीय नागरिकों को केंद्र से लेकर स्थानीय सरकारी निकायों तक की अखिल भारतीय ई-गवर्नेंस सेवाओं तक पहुंचने के लिए एक एकल मंच प्रदान करता है.

पीएमएमवीवाई की जिला कार्यक्रम समन्वयक शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि योजना के तहत जनवरी 2017 से अब तक पहली बार मां बनने वाली 78,647 महिलाओं को लाभ दिया जा चुका है. इस तरह यह करीब 77 प्रतिशत उपलब्धि है. शुरुआत से अब तक करीब 30.35 करोड़ रुपये का भुगतान लाभार्थियों को किया जा चुका है.

योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर महिला को तीन किस्तों में 5 हजार रुपये दिए जाते हैं, प्रसव चाहे सरकारी या निजी अस्पताल में कराया गया हो. रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं. प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर दूसरी किस्त के रूप में गर्भावस्था के छह माह बाद 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं. यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं.

गौरतलब है कि इसके अलावा पीएचसी, सीएचसी पर भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके लिए माता-पिता का आधार कार्ड, लाभार्थी मां की बैंक पासबुक की फोटो कॉपी जरूरी है. लाभार्थी मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिये. निजी अकाउंट ही मान्य होगा. यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रमाणिक पर्चा होना जरूरी है.

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वाराणसीः सरकार की ओर से महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, जिसके तहत उन्हें आर्थिक लाभ दिया जाता है. इसका लाभ सुलभ तरीके से उन तक पहुंच सके, इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. इसी क्रम में भारत सरकार की ओर से 'उमंग' एप तैयार किया गया है. इस एप के माध्यम से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कर योजना का लाभ लिया जा सकता है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2017 में उमंग एप को लांच किया गया था. केन्द्रीय स्तर पर तैयार किए गए 'उमंग' एप के माध्यम से पीएम मातृ वंदना योजना समेत स्वास्थ्य की 11 सेवाओं का लाभ ले सकते हैं. इस एप से आवेदन व पंजीकरण की प्रक्रिया में आसानी आ सकेगी. उन्होने बताया कि पहली बार मां बनने वाली लाभार्थी इस एप के जरिये खुद रजिस्ट्रेशन कर सकती हैं.

इस लिंक के जरिए कर सकते हैं रेजिस्ट्रेशनः नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ एके मौर्या ने बताया कि 'उमंग' एप पर मातृ वंदना योजना, आयुष्मान भारत योजना सहित भारत सरकार की कई योजनाओं का लाभ ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि संलग्न लिंक से https://web.umang.gov.in/uaw/i/v/ref एप को मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकता है. इसके माध्यम से योजना का खुद से पंजीकरण किया जा सकता है. एप पर फ्लैगशिप स्कीम पर जाकर पीएमएमवीवाई का विकल्प चुनना है. इसके अलावा एप पर सीधे पीएमएमवीवाई को सर्च कर सेल्फ रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है.

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क्या है उमंग एपः UMANG (यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस) को देश में मोबाइल गवर्नेंस को चलाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन द्वारा विकसित किया गया है. उमंग सभी भारतीय नागरिकों को केंद्र से लेकर स्थानीय सरकारी निकायों तक की अखिल भारतीय ई-गवर्नेंस सेवाओं तक पहुंचने के लिए एक एकल मंच प्रदान करता है.

पीएमएमवीवाई की जिला कार्यक्रम समन्वयक शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि योजना के तहत जनवरी 2017 से अब तक पहली बार मां बनने वाली 78,647 महिलाओं को लाभ दिया जा चुका है. इस तरह यह करीब 77 प्रतिशत उपलब्धि है. शुरुआत से अब तक करीब 30.35 करोड़ रुपये का भुगतान लाभार्थियों को किया जा चुका है.

योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर महिला को तीन किस्तों में 5 हजार रुपये दिए जाते हैं, प्रसव चाहे सरकारी या निजी अस्पताल में कराया गया हो. रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं. प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर दूसरी किस्त के रूप में गर्भावस्था के छह माह बाद 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं. यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं.

गौरतलब है कि इसके अलावा पीएचसी, सीएचसी पर भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके लिए माता-पिता का आधार कार्ड, लाभार्थी मां की बैंक पासबुक की फोटो कॉपी जरूरी है. लाभार्थी मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिये. निजी अकाउंट ही मान्य होगा. यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रमाणिक पर्चा होना जरूरी है.

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