वाराणसी: लॉकडाउन में अपना पेट भरने के लिए बहुत से लोग अब भी मदद के इंतजार में हैं. खास तौर पर वह तबका जो चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा. रोज कमाने रोज खाने वाले लोगों में बड़ी संख्या मुस्लिम बाहुल्य इलाके में भी है. इस संकट की घड़ी में इन लोगों की मदद स्वंयसेवक कर रहे हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इन दिनों लगातार जरूरतमंदों की मदद कर रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से बहुत सी तस्वीरें सामने आ रही हैं, लेकिन पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आरएसएस स्वयंसेवकों की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो इन आरोपों को झूठा साबित कर रही हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समुदाय विरोधी है, क्योंकि इन तस्वीरों में स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता उसी शिद्दत और अच्छी भावना से मुस्लिम बस्तियों में पहुंचकर उन लोगों की भूख मिटा रहे हैं, जिनके आगे पेट भरने का कोई रास्ता नहीं है.
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स्वयंसेवक हर मजहब को इंसानियत की नजर से देखकर जरूरतमंदों की मदद को आगे आ रहे हैं. शायद यही वजह है कि 22 मार्च को वैश्विक महामारी घोषित होने के बाद इस बीमारी से लड़ने के लिए पूरा देश एकजुट हुआ. आंकड़ों पर गौर करें तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत के अधीन आने वाले 25 जनपदों में करीब ढाई लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक स्वयंसेवकों ने मदद पहुंचाई है.
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राशन के पैकेट, आटे की बोरियां और हर जरूरत का सामान जो उनके जीने के लिए जरूरी है पहुंचाने का काम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा है. 14 हजार से ज्यादा मुस्लिम परिवारों की मदद काशी प्रांत में स्वयंसेवकों ने की है. यह लगातार जारी है मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में पहुंचकर भी स्वयंसेवक लगातार मदद दे रहे हैं.