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वाराणसी: रेलवे कर्मचारियों ने निगमीकरण और निजीकरण के विरोध में किया प्रदर्शन - varanasi latest news

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में डीरेका के आह्वान पर रेलवे के निजीकरण एवं निगमीकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. गुरुवार को रेलवे कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए मांगों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की. रेलकर्मियों का कहना है कि अगर सरकार रेलवे का निजीकरण करती है तो व्यापक स्तर पर आंदोलन होगा.

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रेलवे के निजीकरण को लेकर डीरेका का विरोध-प्रदर्शन.
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Published : Sep 24, 2020, 9:55 PM IST

वाराणसी: रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण को लेकर देशभर में कर्मचारी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार को वाराणसी में ऑल इंडिया एससी-एसटी रेलवे एंप्लाइज एसोसिएशन डीरेका ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया. डीरेका के पदाधिकारियों का कहना है कि रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण से आने वाले समय में नौजवानों का भविष्य अंधकार में पड़ जाएगा. इसलिए केद्र सरकार रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण से बचे.

डीरेका परिसर में आए प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे में लगातार रिक्तियों में कमी आ रही है. रेलवे भारत के रीढ़ की हड्डी है. ऐसे में भारत सरकार की निजीकरण की नीति रेलवे विभाग को बर्बाद करके रख देगी. निजीकरण हो जाने से कर्मचारियों सहित देश का भी बड़ा नुकसान होगा. रेलवेकर्मियों को डर है कि निजीकरण से कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती होगी. उद्योगपतियों के हाथ में रेल विभाग सौंपे देने से कर्मचारियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार को चेताया है कि अगर रेलवे का निजीकरण किया गया तो देशभर में कार्य का बहिस्कार कर आंदोलन होगा.

वाराणसी: रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण को लेकर देशभर में कर्मचारी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. गुरुवार को वाराणसी में ऑल इंडिया एससी-एसटी रेलवे एंप्लाइज एसोसिएशन डीरेका ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया. डीरेका के पदाधिकारियों का कहना है कि रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण से आने वाले समय में नौजवानों का भविष्य अंधकार में पड़ जाएगा. इसलिए केद्र सरकार रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण से बचे.

डीरेका परिसर में आए प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि रेलवे में लगातार रिक्तियों में कमी आ रही है. रेलवे भारत के रीढ़ की हड्डी है. ऐसे में भारत सरकार की निजीकरण की नीति रेलवे विभाग को बर्बाद करके रख देगी. निजीकरण हो जाने से कर्मचारियों सहित देश का भी बड़ा नुकसान होगा. रेलवेकर्मियों को डर है कि निजीकरण से कर्मचारियों की सुविधाओं में कटौती होगी. उद्योगपतियों के हाथ में रेल विभाग सौंपे देने से कर्मचारियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार को चेताया है कि अगर रेलवे का निजीकरण किया गया तो देशभर में कार्य का बहिस्कार कर आंदोलन होगा.

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