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कोरोना मरीजों को कम समय में एंबुलेंस मुहैया कराना पहली प्राथमिकता : कमिश्नर

वाराणसी प्रशासन द्वारा की गई एक उच्चस्तरीय बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि मरीज को अस्पताल ले जाने से लेकर शवों के दाह-संस्कार का काम प्रशासन की तरफ से नि:शुल्क किया जाएगा. इसके लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं.

वाराणसी प्रशासन
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Published : Apr 28, 2021, 9:42 AM IST

वाराणसी: कोरोना वायरस की रोकथाम और उपचार से संबंधित विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराए जाने के संदर्भ में मंगलवार को सर्किट हाउस सभागार में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा कि लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही मरीजों को न्यूनतम समय में एंबुलेंस समेत तमाम चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

मरीजों को कम समय में अस्पताल पहुंचाना पहली प्राथमिकता

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि लोगों को कम समय में एंबुलेंस मिले और वो सही समय पर अस्पताल पहुंचें, यह उनकी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि इलाज के लिए निर्धारित अस्पताल में पहले से ही सूचना होनी चाहिए, जिससे मरीज को एंबुलेंस में इंतजार न करना पड़े. अस्पताल पहुंचते ही मरीज को बेड मिल जाए और इलाज शुरू हो सके.

शवों को घाटों पर पहुंचाने के लिए नि:शुल्क व्यवस्था

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि सभी अस्पतालों के रिसेप्शन पर एंबुलेंस एवं शव निस्तारण वाहन का नंबर जरूर चस्पा होना चाहिए, जिससे मरीज के तीमारदारों को कोई परेशानी न हो. उन्होंने बताया कि शव के निस्तारण हेतु नि:शुल्क वाहन तथा अंतिम संस्कार कराने की नि:शुल्क व्यवस्था प्रशासन के द्वारा की गई है. इसके लिए नगर निगम के 10 वाहन 24 घंटे कार्यरत हैं. शवों के निस्तारण का कार्य हरिश्चंद्र घाट पर किया जा रहा है.

सभी सेवाओं के लिए बनाई गई है अलग-अलग टीम

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को त्वरित गति देने के लिए एंबुलेंस मैनेजमेंट टीम बनाई गई है. कोविड मरीज नि:शुल्क मृतक वाहन मैनेजमेंट टीम, घाटों पर कोविड डेड बॉडी निस्तारण टीम तथा मेडिकल सप्लाई व सर्विस की ओवर प्राइसिंग रोकथाम टीम बनाई गई है.

इसे भी पढ़ें - शंख और सीटी बजाने से बढ़ती है फेफड़ों की क्षमता

वाराणसी: कोरोना वायरस की रोकथाम और उपचार से संबंधित विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराए जाने के संदर्भ में मंगलवार को सर्किट हाउस सभागार में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा कि लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही मरीजों को न्यूनतम समय में एंबुलेंस समेत तमाम चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

मरीजों को कम समय में अस्पताल पहुंचाना पहली प्राथमिकता

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि लोगों को कम समय में एंबुलेंस मिले और वो सही समय पर अस्पताल पहुंचें, यह उनकी पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि इलाज के लिए निर्धारित अस्पताल में पहले से ही सूचना होनी चाहिए, जिससे मरीज को एंबुलेंस में इंतजार न करना पड़े. अस्पताल पहुंचते ही मरीज को बेड मिल जाए और इलाज शुरू हो सके.

शवों को घाटों पर पहुंचाने के लिए नि:शुल्क व्यवस्था

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि सभी अस्पतालों के रिसेप्शन पर एंबुलेंस एवं शव निस्तारण वाहन का नंबर जरूर चस्पा होना चाहिए, जिससे मरीज के तीमारदारों को कोई परेशानी न हो. उन्होंने बताया कि शव के निस्तारण हेतु नि:शुल्क वाहन तथा अंतिम संस्कार कराने की नि:शुल्क व्यवस्था प्रशासन के द्वारा की गई है. इसके लिए नगर निगम के 10 वाहन 24 घंटे कार्यरत हैं. शवों के निस्तारण का कार्य हरिश्चंद्र घाट पर किया जा रहा है.

सभी सेवाओं के लिए बनाई गई है अलग-अलग टीम

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को त्वरित गति देने के लिए एंबुलेंस मैनेजमेंट टीम बनाई गई है. कोविड मरीज नि:शुल्क मृतक वाहन मैनेजमेंट टीम, घाटों पर कोविड डेड बॉडी निस्तारण टीम तथा मेडिकल सप्लाई व सर्विस की ओवर प्राइसिंग रोकथाम टीम बनाई गई है.

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