वाराणसीः मशहूर बनारसी साड़ियां महंगी हो गई हैं. इसके महंगे होने की मुख्य वजह इसे तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला रेशम है. इन दिनों रेशम के दाम काफी बढ़े हुए है. बीते 6 माह के आंकड़ों को देखें तो रेशम 800 से 1000 रुपये किलो महंगा हो गया है. इसके कारण बनारसी साड़ियां महंगी हो गई हैं. इसका असर इसकी बिक्री पर भी खासा दिख रहा है. बनारसी साड़ी में इस्तेमाल किए जाने वाला रेशम सबसे अधिक वियतनाम और चीन से आता है. वियतनाम से आने वाले रेशम पर ज्यादा टैक्स लगने की वजह से बनारसी साड़ी की कीमत में बढ़ोतरी हुई है.
वाराणसी में विदेशी सिल्क की खपत करीब प्रति माह 60 टन है. वहीं, इसके मुकाबले भारतीय सिल्क की खपत 50 टन की होती है. सबसे बड़ी बात ये है कि कोरोना काल से पहले वाराणसी में ही सिल्क की खपत 1000 से 1500 टन प्रति माह थी. वाराणसी में चीन, वियतनाम, रूस और कर्नाटक से रेशम मंगाई जाती है. यहां से आने वाले रेशम से साड़ियां और अन्य वाराणसी के कपड़े तैयार किए जाते हैं. ऐसे में इन पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी से इनके दाम में काफी बढ़ोतरी हो गई है.
मजदूरी में भी बढ़ोतरीः उन्होंने बताया कि पिछले 6 महीने में रेशम का दाम 1000 रुपये प्रति किलो बढ़ गया है. अब जो साड़ी 10,000 की मिल जाती थी, वो 14,000 रुपये की मिल रही है. रेशम के साथ-साथ जो मजदूरी थी. वह भी बढ़ गई है. कस्टमर की इतनी क्षमता नहीं होती है कि जो साड़ी वो कल 10,000 की साड़ी ले रहा था, आज उसे 14,000 में खरीदे. सरकार ने किसी भी चीज में सब्सिडी देने की योजना नहीं बनाई है. पहले रेशम पर सब्सिडी थी, रेशम पर टैक्स नहीं था, अब उस पर 15 फीसदी टैक्स लग गया है. पहले यह एक्साइज ड्यूटी 5 फीसदी थी.
वस्त्र उद्योग का 6000 करोड़ का कारोबारः उन्होंने बताया कि साड़ी तैयार करने में लगने वाली चीजों पर भी 18 फीसदी जीएसटी लगने लगा है. जो टैक्स देने हैं वह भी बढ़ गए हैं. सुबह उठते हैं टैक्स देना शुरू हो जाता है. पानी पीते हैं, दूध पीते हैं, चाय पीते हैं इन सब में टैक्स देना होता है. हर चीज पर टैक्स लगने से चीजों के दाम अपने आप बढ़ते जा रहे हैं. बता दें कि जून-जुलाई के महीने वाराणसी वस्त्र उद्योग के लिए मंदी के महीने साबित हो रहे हैं. वाराणसी में 6,000 करोड़ का सालाना का कारोबार है, जोकि महंगाई के कारण कम होता नजर आ रहा है.
वियतनाम के रेशम पर 17 फीसदी कस्टम ड्यूटीः वाराणसी सिल्क ट्रेड एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि चीन आने वाले रेशम का दाम 5600 से 5700 रुपये प्रति किलो है. वियतनाम के रेशम पर 17 फीसदी कस्टम ड्यूटी है. अगर ये कस्टम ड्यूटी कम हो तो हो सकता है कि दाम में कमी आ जाए. अभी वाराणसी में सिर्फ वियतनाम से आने वाले रेशम का प्रयोग अधिक किया जा रहा है.
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