वाराणसी: मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन इन दिनों भारत दौरे पर हैं. वे भारत अपने निजी कार्यों की वजह से आए हैं. इसके पहले उन्होंने गया में दर्शन पूजन के साथ अपने पूर्वजों का पिंडदान किया था. गुरुवार को वे धर्मनगरी वाराणसी पहुंचे. यहां वह बहुत ही भक्ति भाव में लीन दिखाई दिए. पत्नी और अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पृथ्वीराज सिंह रूपन ने सबसे पहले विधिवत काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया. इसके बाद दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल होकर अपने आपको धन्य बताया.
मॉरीशस के राष्ट्रपति दोपहर बाद वाराणसी पहुंचे थे. कैंटोनमेंट स्थित एक होटल में कुछ देर आराम करने के बाद शाम को सीधे काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे. मंदिर में उन्होंने बाबा का अभिषेक करने के साथ ही विधि विधान से पूजन किया. इसके बाद दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की तरफ से कराई जाने वाली नियमित गंगा आरती में शामिल हुए. उन्होंने गंगा पूजन करने के साथ मां गंगा की आरती भी उतारी. उन्होंने गंगा की भव्य आरती देखकर सराहना की. उन्होंने कहा कि गंगा जी ने हमें बुलाया है.
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उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली समझते हैं कि गंगा मैया ने हमें बुलावा दिया. गंगा मैया की कृपा से हम यहां पहुंचे हैं. उनकी आरती को देखा है. यह मेरा सौभाग्य है. उन्होंने बताया कि वह पहले भी काशी आ चुके हैं. प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काफी बदलाव देखने को मिला है. साफ-सफाई के मामले में काशी पहले से ज्यादा विकसित हुआ है.
रूपन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मॉरीशस और भारत अलग नहीं है. इसके पहले इंदिरा गांधी ने बोला था कि मॉरीशस एक लघु भारत है. इससे अंदाजा लगता है कि मॉरीशस और भारत के रिश्ते कितने गहरे हैं. इन दोनों देशों में खून का रिश्ता है. उन्होंने कहा कि मॉरीशस के विकास में भारत का एक मुख्य योगदान है. हम भारत के ही मदद से विकास कर रहे हैं.