वाराणसी : ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो लीक होने के बाद देश भर में इस पर चर्चा हो रही है. इसी बीच अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष एम.एस.बिट्टा ने वाराणसी पहुंचकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मत्था टेका. साथ ही उन्होंने देश में शांति की कामना की. बाबा के दर्शन करने के बाद मंदिर परिसर से बाहर निकलते समय उन्होंने हर-हर महादेव का उद्घोष किया.
बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर से बाहर निकलने के बाद एम.एस.बिट्टा ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि सर्वे के बाद, जो भी सबूत बाहर आए हैं. वह सेकुलरिज्म का सबूत हैं. बाबर और औरंगजेब के समय देश के समय मंदिरों का अपमान हुआ है.
एम.एस. बिट्टा ने कहा कि मुस्लिम समाज से हाथ जोड़ कर अपील है कि यह सेकुलरिज्म का साबूत हैं. काशी में ज्योतिर्लिंग था और रहेगा. बाबर और औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा था, यह सभी को मानना चाहिए. मंदिर और सनातन धर्म की रक्षा के लिए तमाम सिख गुरुओं ने अपनी जान दे दी. यह किसी को भूलना नहीं चाहिए.
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी द्वारा मुस्लिम शासक औरंगजेब की कब्र पर चादर चढ़ाने के मामले पर उन्होंने कहा कि ओवैसी खूनी इतिहास के पन्नों को खोलने की कोशिश ना करें. मीडिया ने ओवैसी को नेता बनाया है, ओवैसी को कौन जानता है. उत्तर प्रदेश चुनाव में उनकी एक भी सीट नहीं निकली. आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष एम.एस.बिट्टा ने कहा कि काफिर औरंगजेब एक क्रूर और जालिम शासक था. ज्ञानवापी से जो सबूत मिला है, उसे देखकर यही लगता है कि यहां मंदिर था. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यहां मंदिर ही होगा.
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