वाराणसी: जी-20 सम्मेलन को लेकर इन दिनों बनारस में जोर शोर से तैयारियां चल रही है. इसी क्रम में शनिवार से मेहमानों का बनारस आने का सिलसिला शुरू हो गया है. 17 अप्रैल से 19 अप्रैल तक बनारस के अलग-अलग इलाकों में इन विदेशी मेहमानों का मूवमेंट भी होगा लेकिन, इन सबके बीच बनारस के लोगों को इन मेहमानों के आने से पहले काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इन समस्याओं में सबसे बड़ी दिक्कत है इंटरनेट का बंद होना. इसके कारण लोग अपने रोजमर्रा के काम, मौज मस्ती और अपने सोशल सर्कल के साथ कनेक्ट नहीं हो पा रहे हैं. इसके साथ ही ऑनलाइन क्लासेस भी प्रभावित हो रही है. इस पर नगर निगम का स्पष्ट तौर पर कहना है कि अब खुले तार बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.
दरअसल, वाराणसी में अंडरग्राउंड बिजली के कनेक्शन और बिजली की तारों को करने का काम 2014 के बाद से ही शुरू हो गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईडीपीएस योजना को लांच किया और बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करके शहर में फैले तारों के जंजाल को हटाने का काम शुरू हो गया. लेकिन बिजली के तार तो अंदर हो गए फिर भी तारों का यह मकड़जाल खत्म नहीं हुआ. चारों तरफ फैली इस तार को लेकर लगातार प्रधानमंत्री कई बार अपनी रैलियों में भी बोलते नजर आए. इसके बाद जी 20 सम्मेलन से पहले केबल और इंटरनेट के तारों को हटाने का सिलसिला शुरू हो गया. इसके बाद समस्या बढ़ती चली गई. लगभग 10 दिन पहले शुरू हुआ यह काम जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया वैसे-वैसे अलग-अलग इलाकों में इंटरनेट कनेक्शन लॉस की समस्या भी बढ़ती चली गई.
हालात यह हैं कि इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनियां इन दिनों परेशान हैं. क्योंकि पहले 1 दिन में 12 से 13 शिकायतों का निस्तारण करना हो रहा था. लेकिन अब एक ही दिन में 500 से 700 शिकायतें ऑफिस में पहुंचने लगी है. इंटरनेट प्रोवाइडर कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें दोहरी मार पड़ रही है. क्योंकि एक तो उनकी तारे काटी जा रही हैं उनके कस्टमर परेशान हो रहे हैं और दूसरी तरफ नगर निगम तारों को काटने के एवज में कंपनियों को रिकवरी नोटिस भेज रहा है. यानि इन तारों को हटाए जाने का पैसा भी कंपनियों से ही वसूला जा रहा है. अभी तक अलग-अलग कंपनियों को 3 से 3.30 लाख रुपए का रिकवरी नोटिस भेजा गया है. जिसकी वजह से यह सभी परेशान है. इतना ही नहीं अभी तक इंटरनेट सेवा सही तरीके से शुरू भी नहीं हो पाई है. क्योंकि अंडरग्राउंड वायरिंग इतनी आसान नहीं है.
वहीं, इस बारे में अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार का कहना है कि जिलाधिकारी के निर्देशन में हुई बैठक में स्पष्ट कर दिया गया है कि अब किसी भी तरह की तार ऊपर दिखाई नहीं देगी और इंटरनेट की तार के लिए अंडरग्राउंड वायरिंग सिस्टम किया जाएगा. हर 500 मीटर पर एक बॉक्स लगवाया जाएगा. जिसके जरिए अपने कनेक्शन को इसरो ट्रांसफर भी कर सकते हैं, लेकिन किसी भी हाल में तारों को अब बाहर देखने नहीं दिया जाएगा.फिलहाल जी-20 की तैयारियों के लिए प्रशासन की इस प्लानिंग ने बनारस के लोगों को परेशान करके रख दिया है.
वहीं, कोविड-19 का असर एक बार फिर से दिखाई देने लगा है. जिसके बाद बहुत से लोग एक बार फिर से डिजिटल ऑनलाइन सेवा की तरफ मुंह कर रहे हैं. ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम की शुरुआत हो रही है जबकि स्कूलों और कॉलेजों में भी ऑनलाइन क्लासेज शुरू हो चुके हैं. कोचिंग इंस्टिट्यूट में भी अब ऑनलाइन क्लासेज को महत्व दिया जा रहा है, लेकिन इंटरनेट सेवा बैठने की वजह से यह सब चीजें प्रभावित हो रही है. लोगों का कहना है कि यह समय पढ़ाई और एडमिशन का है. बच्चे जैसे ही फॉर्म भरने के लिए वेबसाइट ओपन करते हैं स्लो इंटरनेट या इंटरनेट ना होने के कारण इन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और एग्जाम भी ऑनलाइन नहीं दे पा रहे हैं. फिलहाल यह समस्या भी कितने दिन रहेगी यह तो कोई नहीं बता रहा. लेकिन जी-20 की तैयारियों ने बनारसी को तगड़ा झटका जरूर दिया है.
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