वाराणसी: उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव (up assambley election 2022) से पहले भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से धर्म को आगे करके यूपी की राजनीति को पुराने ढर्रे पर लाने की कोशिश में जुट गई है. एक तरफ पार्टी के बड़े नेताओं की तरफ से धार्मिक पहलुओं पर दिए जा रहे बयान जहां माहौल को गर्म कर रहे हैं तो वहीं पीएम मोदी (PM Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर (Vishwanath Corridor) को विकास के नए मॉडल के रूप में प्रस्तुत करके बीजेपी अपने शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में है.
13 दिसंबर को पीएम मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचने वाले हैं और भव्य काशी, दिव्य काशी के आयोजन के साथ बीजेपी ने इस पूरे धार्मिक आयोजन को राजनीतिक रंग देकर इसकी भव्यता को पूरे देश तक ले जाने की तैयारी कर ली है. यूं कहें कि इस धार्मिक आयोजन में बीजेपी अपने राजनैतिक शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार से अलग इस पूरे आयोजन को भव्य बनाने के लिए अलग प्लान तैयार किया है. एक तरफ जहां 12 दिसंबर से लेकर 14 दिसंबर तक पूरे बनारस में दीपावली और देव दीपावली मनाने की तैयारी की गई है. वहीं अलग-अलग मंडल के अलग-अलग कार्यकर्ताओं को कई जिम्मेदारियां सौंपी गई है. इसके लिए स्पेशल टीम भी तैयार हुई है जो इस पूरे आयोजन की रूपरेखा तैयार करेगी.
13 दिसंबर को लोकार्पण के दौरान भारतीय जनता पार्टी संगठन के 15,444 मंडलों को सीधे इस कार्यक्रम से लाइव जोड़ने की तैयारी में है. इसके पहले 9 दिसंबर से पूरे देश में एक साथ प्रभात फेरी निकाले जाने की तैयारी की गई है.
13 दिसंबर को धाम के लोकार्पण के बाद काशी से ही देशव्यापी सफाई अभियान की शुरुआत करने की प्लानिंग हुई है जिसकी रूपरेखा खींचते हुए खुद केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसका उद्घाटन भी बनारस से कर दिया है. सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री की मौजूदगी में कई बड़े नाम भी बनारस से ही पूरे देश में इस आयोजन की अलख जगाने के लिए पहुंच रहे हैं.
एक तरफ जहां हजारों की संख्या में साधु-संत शंकराचार्य महामंडलेश्वर काशी में जुड़ेंगे और मिनी कुंभ का माहौल नजर आएगा तो वही 12 राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री, कैबिनेट मंत्री भी कार्यक्रमों में भाग लेंगे. 17 दिसंबर को बनारस में होने वाले महापौर सम्मेलन के लिए सैकड़ों की संख्या में अलग-अलग शहरों से महापौर को भी आमंत्रित किया गया है.
13 दिसंबर से 14 जनवरी तक लगातार बनारस में एक के बाद एक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. यह सब आयोजन बीजेपी और उत्तर प्रदेश सरकार की निगरानी में संपन्न कराए जाने की तैयारी की गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि एक तरफ जहां इस पूरे आयोजन की कमान बीजेपी की उत्तर प्रदेश इकाई ने संभाली है तो वही गुजरात से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को बनारस बुलाया गया है. इसकी देखरेख के लिए खुद गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल समेत केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बनारस में मौजूद हैं.
पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करके यूपी के आगामी चुनाव से पहले बीजेपी के शक्ति प्रदर्शन का प्लान आगे बढ़ा रहे हैं. इतना ही नहीं इस आयोजन के बाद भी 23 दिसंबर को पीएम मोदी का बनारस में फिर से आगमन होना हैं, जिसे लेकर बीजेपी और भव्य आयोजन करने की तैयारी में हैं.
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करोड़ों रुपए की योजनाओं की सौगात के साथ ही किसानों से संवाद का प्लान तैयार किया गया है. यूं कहें कि बीजेपी ने विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साथ ही पार्टी के शक्ति प्रदर्शन की पूरी प्लानिंग तैयार कर ली है.
13 तारीख को पूरे बनारस में देव दीपावली सा माहौल बनाने के लिए बीजेपी कार्यकर्ता लोगों के घरों में जाकर दिए और रूई की बाती के साथ तेल का वितरण करेंगे. घर-घर दिए जलाकर इस आयोजन की भव्यता को और चार चांद लगाने की तैयारी की जा रही है. इतना ही नहीं इन व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए गुजरात के बीजेपी नेता और भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा को पूरी व्यवस्थाओं का संयोजक बनाया गया. भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओझा सहित कई बड़े नेता इसकी पूरी निगरानी कर रहे हैं.
खुद उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य और पर्यटन मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी भी इस पूरे आयोजन की निगरानी और स्पेशल 20 टीम लीड कर रहे हैं. यूं कहें कि बीजेपी ने इस भव्य धार्मिक आयोजन को पूरी तरह से राजनैतिक रंग देते हुए अपने शक्ति प्रदर्शन करने की प्लानिंग के तौर पर तैयार किया है ताकि धर्म के नाम पर हमेशा आगे रहने वाली बीजेपी इतने बड़े आयोजन को लेकर कहीं भी पीछे ना रह जाए.
शायद यही वजह है कि केदारनाथ के आयोजन की तर्ज पर बीजेपी ने विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को द्वादश ज्योतिर्लिंग के मंदिरों में लाइव प्रसारण के साथ बड़े मंदिरों तक सीधे प्रसारण कराने की तैयारी भी कर ली है.
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