वाराणसी : काशी में होली के पहले होने वाले रंगभरी उत्सव का खुमार अब छाने लगा है. काशी विश्वनाथ के गौने की तैयारियां शुरू हो गईं हैं. चार दिवसीय इस आयोजन के तहत काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर पारंपरिक मंगल गीतों की प्रस्तुति की गई.
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माता गौरा की प्रतिमा का मंत्रोच्चार के साथ हुआ पूजन
काशी विश्वनाथ की संगिनी माता गौरी का विधि विधान से पूजन किया गया. संध्या बेला में पं. वाचस्पति तिवारी ने माता का पूजन के साथ शृंगार और आरती की. इसके पहले बाबा काशी विश्वनाथ और माता गौरी के गवनहरियों ने मंगल गीत गाए. महिलाओं की पारंपरिक तरीके से अचरा भराई की रस्म की अदायगी की गई. महिलाओं के आचंल में गुड़, हल्दी, दक्षिणा देकर उनकी विदायी की गई. विदाई के लिए बाबा काशी विश्वनाथ का रंगभरी एकादशी से एक दिन पहले यानि 23 मार्च को ससुराल आगमन होगा.