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Pregnent women facility : निजी केंद्रों पर भी गर्भवती महिलाओं काे मिलेगी फ्री जांच की सुविधा, 'ई-रुपी' से कर सकेंगी भुगतान

वाराणसी में गर्भवती महिलाओं काे निजी सेंटराें पर भी मुफ्त जांच की सुविधा मिलेगी. ई-रुपी सुविधा से बार काेड काे स्कैन करते ही संचालक काे भुगतान हाे जाएगा.

गर्भवती महिलाओं काे निजी केंद्राें पर भी फ्री जांच की सुविधा मिलेगी.
गर्भवती महिलाओं काे निजी केंद्राें पर भी फ्री जांच की सुविधा मिलेगी.
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Published : Feb 14, 2023, 4:17 PM IST

वाराणसी : यूपी सरकार लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है. इसी कड़ी में अब जिले में चयनित निजी प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केंद्राें पर भी गर्भवती महिलाओं काे निशुल्क जांच की सुविधा मिल सकेगी. चिकित्सक की ओर से अल्ट्रासाउंड जांच लिखने के बाद लाभार्थी महिला के मोबाइल पर ई-रुपी का बारकोड मिलेगा. जांच के दौरान वे केंद्र संचालक को यह काेड दिखाएंगी. इस काेड काे स्कैन करते ही जांच का पैसा सीधे केंद्र संचालक के खाते में पहुंच जाएगा.

बता दें कि, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर मा‌ह की नौ और 24 तारीख को गर्भवती काे फ्री जांच सुविधा दी जाती है. अब तक जनपद में पीपीपी मॉडल आधारित अल्ट्रासाउंड सेंटर पर मैनुअल वाउचर के जरिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही थी, लेकिन इस सुविधा को पायलट परियोजना के तहत डिजिटलीकरण में परिवर्तित कर दिया गया है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि अब गर्भवती का मुफ्त अल्ट्रासाउंड करने वाले निजी केंद्र को ई-रुपी के बारकोड से मौके पर ही भुगतान कर दिया जाएगा. इसके लिए गर्भवती महिलाओं को चिकित्सक की ओर से अल्ट्रासाउंड जांच लिखने के बाद लाभार्थी महिला के मोबाइल पर ई-रुपी का बारकोड मिलेगा. जेएसवाई के तहत जनपद में पीपीपी मॉडल पर चलने वाले अल्ट्रासाउंड केंद्र पर अल्ट्रासाउंड कराने के बाद वह केंद्र संचालक को बारकोड दिखाएंगी. इसे स्कैन करते ही जांच का पैसा सीधे केंद्र संचालक के पास पहुंच जाएगा. इसमें महिला को किसी भी प्रकार की भौतिक धनराशि देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

विदित हो कि,अभी यह प्रक्रिया सिर्फ पीपीपी मॉडल आधारित काशी विद्यापीठ ब्लॉक के एक अल्ट्रासाउंड केंद्र पर शुरू की गई है. जल्द ही अन्य केन्द्रों पर भी यह सुविधा शुरू की जाएगी. नोडल अधिकारी डॉ एचसी मौर्य ने बताया कि ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक उन गर्भवती का नाम, पता व मोबाइल नंबर की सूची, जिला स्तर पर उपलब्ध कराएंगे, जिन्हें अल्ट्रासाउंड जांच लिखी गई है. इसके बाद यह जिला स्तर पर एसबीआई की ई रुपी वाउचर की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी. अपलोड होने के उपरांत ई-रुपी वाउचर जनरेट होकर लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर पहुंच जाएगा, इसके अलावा संदेश भी प्राप्त होगा. लाभार्थी उस वाउचर के साथ नजदीकी सेवा प्रदाता अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र पर जाएगा. अल्ट्रासाउण्ड होने के उपरान्त लाभार्थी के मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) प्राप्त होगा. ओटीपी को सेवा प्रदाता को देने के उपरान्त अल्ट्रासाउण्ड की माधनराशि संचालक के खाते में चली जाएगी. यह बारकोड सिर्फ एक माह तक एक बार के लिए मान्य होगा.

बताते चलें कि, ई-रुपी वाउचर एक क्यूआर कोड है, जिसे स्कैन करते ही पैसे एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पहुंच जाते हैं. यह इसे एक प्रीपेड वाउचर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. लाभार्थी के मोबाइल पर यह बारकोड प्रदान किया जाएगा. अल्ट्रासाउंड सेंटर पर इस क्यूआर कोड को स्कैन करते ही सेंटर को भुगतान प्राप्त हो जाएगा.

यह भी पढ़ें : सीएनजी बसों से सुधरेगी काशी की सेहत, अब इन रूटों पर भी चलेंगी इलेक्ट्रॉनिक बसें

वाराणसी : यूपी सरकार लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है. इसी कड़ी में अब जिले में चयनित निजी प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केंद्राें पर भी गर्भवती महिलाओं काे निशुल्क जांच की सुविधा मिल सकेगी. चिकित्सक की ओर से अल्ट्रासाउंड जांच लिखने के बाद लाभार्थी महिला के मोबाइल पर ई-रुपी का बारकोड मिलेगा. जांच के दौरान वे केंद्र संचालक को यह काेड दिखाएंगी. इस काेड काे स्कैन करते ही जांच का पैसा सीधे केंद्र संचालक के खाते में पहुंच जाएगा.

बता दें कि, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर मा‌ह की नौ और 24 तारीख को गर्भवती काे फ्री जांच सुविधा दी जाती है. अब तक जनपद में पीपीपी मॉडल आधारित अल्ट्रासाउंड सेंटर पर मैनुअल वाउचर के जरिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही थी, लेकिन इस सुविधा को पायलट परियोजना के तहत डिजिटलीकरण में परिवर्तित कर दिया गया है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि अब गर्भवती का मुफ्त अल्ट्रासाउंड करने वाले निजी केंद्र को ई-रुपी के बारकोड से मौके पर ही भुगतान कर दिया जाएगा. इसके लिए गर्भवती महिलाओं को चिकित्सक की ओर से अल्ट्रासाउंड जांच लिखने के बाद लाभार्थी महिला के मोबाइल पर ई-रुपी का बारकोड मिलेगा. जेएसवाई के तहत जनपद में पीपीपी मॉडल पर चलने वाले अल्ट्रासाउंड केंद्र पर अल्ट्रासाउंड कराने के बाद वह केंद्र संचालक को बारकोड दिखाएंगी. इसे स्कैन करते ही जांच का पैसा सीधे केंद्र संचालक के पास पहुंच जाएगा. इसमें महिला को किसी भी प्रकार की भौतिक धनराशि देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

विदित हो कि,अभी यह प्रक्रिया सिर्फ पीपीपी मॉडल आधारित काशी विद्यापीठ ब्लॉक के एक अल्ट्रासाउंड केंद्र पर शुरू की गई है. जल्द ही अन्य केन्द्रों पर भी यह सुविधा शुरू की जाएगी. नोडल अधिकारी डॉ एचसी मौर्य ने बताया कि ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक उन गर्भवती का नाम, पता व मोबाइल नंबर की सूची, जिला स्तर पर उपलब्ध कराएंगे, जिन्हें अल्ट्रासाउंड जांच लिखी गई है. इसके बाद यह जिला स्तर पर एसबीआई की ई रुपी वाउचर की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी. अपलोड होने के उपरांत ई-रुपी वाउचर जनरेट होकर लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर पहुंच जाएगा, इसके अलावा संदेश भी प्राप्त होगा. लाभार्थी उस वाउचर के साथ नजदीकी सेवा प्रदाता अल्ट्रासाउण्ड केन्द्र पर जाएगा. अल्ट्रासाउण्ड होने के उपरान्त लाभार्थी के मोबाइल पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) प्राप्त होगा. ओटीपी को सेवा प्रदाता को देने के उपरान्त अल्ट्रासाउण्ड की माधनराशि संचालक के खाते में चली जाएगी. यह बारकोड सिर्फ एक माह तक एक बार के लिए मान्य होगा.

बताते चलें कि, ई-रुपी वाउचर एक क्यूआर कोड है, जिसे स्कैन करते ही पैसे एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पहुंच जाते हैं. यह इसे एक प्रीपेड वाउचर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. लाभार्थी के मोबाइल पर यह बारकोड प्रदान किया जाएगा. अल्ट्रासाउंड सेंटर पर इस क्यूआर कोड को स्कैन करते ही सेंटर को भुगतान प्राप्त हो जाएगा.

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