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गांव में गिलोय की करके तलाश, शहरों में दे रहे सेहत की सौगात - प्रबोधिनी फाउंडेशन

कोरोना महामारी के दौर में लोग आयुर्वेदिक औषधियों का प्रमुखता से सेवन कर रहे हैं. इसमें गिलोय प्रमुख है लेकिन शहरी क्षेत्रों में इसे ढूंढना बहुत मुश्किल है.

वाराणसी:
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Published : Apr 26, 2021, 8:50 PM IST

वाराणसी: कोरोना महामारी के प्रकोप से बचाव करने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं, लेकिन खतरनाक वायरस से बचाव के लिए आयुर्वेद और औषधीय पौधों को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है. खासतौर पर गिलोय का सेवन इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए काफी कारगर माना जाता है. यही वजह है कि अब बहुत से सामाजिक संगठन लोगों तक इस चमत्कारिक गिलोय के तने को पहुंचा कर लोगों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के प्रयास में जुट गए हैं. ऐसा ही कार्य वाराणसी में भी किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर गिलोय इकट्ठा करने के बाद उसे शहरी क्षेत्रों में लोगों के घर घर पहुंचाकर लोगों को स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए इसके सेवन के तरीके भी बताए जा रहे हैं.

गिलोय ले जाते युवा

इन नबरों पर कॉल करके पा सकते हैं गिलोय
इस कार्य को प्रबोधिनी फाउंडेशन की तरफ से किया जा रहा है, जिसके लिए इन मोबाइल नंबरों पर भी आप कॉल करके गिलोय हासिल कर सकते हैं- 917007140262, 9889730000. प्रबोधिनी फाउण्डेशन के महासचिव विनय शंकर राय मुन्ना के नेतृत्व में गिलोय वितरण एवं एकत्रीकरण अभियान बनारस में कई युवा मिलकर चला रहे हैं. विनय शंकर राय ने कहा कि गिलोय के सेवन से व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बहुत मजबूत हो जाती है क्योंकि गिलोय औषधीय वात ,पित्त एवं कफ तीनो रोगों से रक्षा करती है. गिलोय को आयुर्वेद में अमृता कहा गया है. गिलोय का सेवन करने से व्यक्ति निरोग रह सकता है.

इसे भी पढ़ेंः प्लांट के कर्मचारी को धमकी देकर ले भागा ऑक्सीजन सिलेंडर

शहरों में मिलने में दिक्कत इसलिए किया प्रयास
वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को तो इसकी उपलब्धता आसानी से हो जाती है, लेकिन शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए इसे तलाशना मुश्किल होता है. वह बाजार में मिल रहे बोतलबंद रस का सेवन करते हैं जो सुरक्षित नहीं है. इसलिए ओरिजिनल गिलोय लोगों में वितरित किया जा रहा है, जिससे इसका एक छोटा सा हिस्सा भी यदि पानी में डालकर उबालकर उसे छानकर पिया जाएगा तो यह ज्यादा लाभकारी सिद्ध होगा. इस तरह के प्रयास से लोग निरोग भी रहेंगे और इस भयंकर महामारी के दौर में अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाकर कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से लड़ने में खुद को अंदर से मजबूत भी कर सकेंगे.

वाराणसी: कोरोना महामारी के प्रकोप से बचाव करने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं, लेकिन खतरनाक वायरस से बचाव के लिए आयुर्वेद और औषधीय पौधों को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है. खासतौर पर गिलोय का सेवन इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए काफी कारगर माना जाता है. यही वजह है कि अब बहुत से सामाजिक संगठन लोगों तक इस चमत्कारिक गिलोय के तने को पहुंचा कर लोगों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के प्रयास में जुट गए हैं. ऐसा ही कार्य वाराणसी में भी किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर गिलोय इकट्ठा करने के बाद उसे शहरी क्षेत्रों में लोगों के घर घर पहुंचाकर लोगों को स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए इसके सेवन के तरीके भी बताए जा रहे हैं.

गिलोय ले जाते युवा

इन नबरों पर कॉल करके पा सकते हैं गिलोय
इस कार्य को प्रबोधिनी फाउंडेशन की तरफ से किया जा रहा है, जिसके लिए इन मोबाइल नंबरों पर भी आप कॉल करके गिलोय हासिल कर सकते हैं- 917007140262, 9889730000. प्रबोधिनी फाउण्डेशन के महासचिव विनय शंकर राय मुन्ना के नेतृत्व में गिलोय वितरण एवं एकत्रीकरण अभियान बनारस में कई युवा मिलकर चला रहे हैं. विनय शंकर राय ने कहा कि गिलोय के सेवन से व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बहुत मजबूत हो जाती है क्योंकि गिलोय औषधीय वात ,पित्त एवं कफ तीनो रोगों से रक्षा करती है. गिलोय को आयुर्वेद में अमृता कहा गया है. गिलोय का सेवन करने से व्यक्ति निरोग रह सकता है.

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शहरों में मिलने में दिक्कत इसलिए किया प्रयास
वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को तो इसकी उपलब्धता आसानी से हो जाती है, लेकिन शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए इसे तलाशना मुश्किल होता है. वह बाजार में मिल रहे बोतलबंद रस का सेवन करते हैं जो सुरक्षित नहीं है. इसलिए ओरिजिनल गिलोय लोगों में वितरित किया जा रहा है, जिससे इसका एक छोटा सा हिस्सा भी यदि पानी में डालकर उबालकर उसे छानकर पिया जाएगा तो यह ज्यादा लाभकारी सिद्ध होगा. इस तरह के प्रयास से लोग निरोग भी रहेंगे और इस भयंकर महामारी के दौर में अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाकर कोरोना जैसे खतरनाक वायरस से लड़ने में खुद को अंदर से मजबूत भी कर सकेंगे.

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