वाराणसीः दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ शिक्षा मंडल सभागार में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ, केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा, साहित्य अकादमी नई दिल्ली सहित श्रीविद्या न्यास के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. इसका विषय भारतीय लेखक शिविर गांधी और हिंदी सृजन है. 12 जनवरी से लेकर 14 जनवरी चलने वाले इस राष्ट्रीय व्याख्यान में भारत भर के विद्वान सम्मिलित हो रहे हैं.
प्रदर्शनी से हिंदी के सफर को समझना होगा आसान
भारतीय हिंदी साहित्य के मर्मज्ञ विद्वान और आलोचकों, कथाकारों, व्याकरणकारों के चयनित शब्दों को प्रदर्शित किया गया है. जिससे युवा पीढ़ी समझ सके कि हमारे हिंदी साहित्य ने कितना लंबा संघर्ष किया है. पोस्टर प्रदर्शनी में महादेवी वर्मा, विद्यासागर मिश्र, भारतेंदु हरिश्चंद्र, आचार्य रामचंद्र शुक्ल जैसे विद्वानों के शब्दों को अंकित किया गया है.
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आयोजक सदस्य अच्युतय मिश्र ने बताया कि राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिंदी साहित्य के महान रचनाकारों के चुनिंदा शब्दों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी के द्वारा इस पीढ़ी को पता चल सकेगा कि जिन शब्दों का प्रयोग हम करते हैं, उन शब्दों की रचना पहले किन विद्वानों ने की. इससे हिंदी साहित्य के सफर को समझने में आसानी होगी.