वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद में कमीशन की कार्रवाई और वजूखाने को सील करने का आदेश देने वाले सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर को चिट्ठी भेजकर धमकाने के मामले में कैंट थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. सिविल जज सीनियर डिवीजन के अर्दली राजेश कुमार सोनकर की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की गई है. इस मामले में पुलिस के हाथ अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है.
अर्दली राजेश कुमार सोनकर द्वारा पुलिस को दी गई तहरीर में लिखा गया है कि 7 मई को सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के नाम से आया एक रजिस्टर्ड लेटर उन्हें मिला था. लेटर पर भेजने वाले का नाम इस्लामिक आगाज मूवमेंट का अध्यक्ष काशिफ अहमद सिद्दीकी लिखा था. लेटर भेजने वाले का पता नई दिल्ली स्थित बहादुर शाह जफर मार्ग लिखा था. लेटर में लिखा था कि आपने ज्ञानवापी के सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया तो वादी पक्ष की महिलाएं एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर हम हिंदू हैं कहते हुए मुसलमानों पर फब्तियां कस रही थीं, उस दौरान आप मूकदर्शक बने हुए थे, क्योंकि आप भी काफिर मूर्तिपूजक हैं.
लिखा था कि कोई भी मुसलमान काफिर मूर्तिपूजक हिंदू जज से सही फैसले की उम्मीद नहीं कर सकता है. आप ज्ञानवापी मस्जिद को उग्रवादी हिंदुओं और उनके दबाव में मंदिर घोषित कर देंगे. मुगलों को आतातायी लुटेरा बता देंगे. आपके साथ 80 प्रतिशत हिंदू हैं तो 20 प्रतिशत मुसलमानों से डर कैसा है. आप निर्भीक होकर फैसला सुनाइए और फिर राज्यसभा सदस्य बन जाइए. आप जेड प्लस या एसपीजी सुरक्षा लेकर पांच सितारा होटल में जश्न मनाइए, आप और आपके घर के लोग सुरक्षित रहेंगे. उग्रवादी संगठन आरएसएस ने गुजरात की तरह यूपी में दंगा कराने की साजिश रच ली है. हिंदुओं की सरकार है तो हिंदुओं को डर कैसा...?
आप केसरिया भगवा रंग से सराबोर हो चुके हैं. आप उग्रवादी हिंदुओं और उनके संगठनों को प्रसन्न करने के लिए फैसला सुनाते हैं और ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते है. आपको पूरी सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है तो फिर आपकी पत्नी और आपकी माताश्री को डर कैसा...? इस पत्र को भी सार्वजनिक कीजिए और हिंदू सहानुभूति का आनंद लीजिए.
इस संबंध में वाराणसी कमिश्नरेट के पुलिस अफसरों ने बताया कि क्राइम ब्रांच और कैंट थाने की पुलिस की संयुक्त टीम प्रकरण की जांच कर रही है. रजिस्टर्ड चिट्ठी में जो पता लिखा था डाक विभाग की मदद से उसकी जांच कराई जा रही है. इस संबंध में एटीएस और एसटीएफ जैसी एक्सपर्ट एजेंसिंयों की भी मदद ली जा रही है. पूरी उम्मीद है कि इस घटना का खुलासा जल्द होगा और जल्द ही चिट्टी भेजने वाले सलाखों के पीछ होंगे.
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