वाराणसीः पुलिस को उस वक्त बड़ी कामयाबी हाथ लगी, जब पश्चिम बंगाल से एक ट्रक छोटी थाई मांगुर मछली हापुड़ ले जायी जा रही थी. जिसमें पुलिस ने ड्राइवर समेत दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है. ये मामला वाराणसी के लंका थाना इलाके के टोल प्लाजा के पास का है. मत्स्य विभाग के अफसरों ने 15 टन मछली को फिनायल और केमिकल डालकर जेसीबी से किये गड्ढे में पुलिस और राजस्व विभाग की उपस्थिति में नष्ट कराया.
लंका में पहले भी पकड़ी जा चुकी हैं प्रतिबंधित मछलियां
इससे पहले भी लंका थाना इलाके के रमना क्षेत्र में प्रतिबंधित थाई मांगुर के साथ रामबालक सहानी, गुरुचरण सिंह, संतोष यादव को लंका पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था. जांच में ये बात भी सामने आयी थी कि वे बाहुबली विधायक को व्यापार के माध्यम से आर्थिक लाभ देते थे.
क्यों प्रतिबंधित है ये मछली
मत्स्य विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविंद्र प्रसाद के मुताबिक थाई मांगुर मछली मांसाहारी होती है. इस मछली की खासियत है कि जिस नदी, पोखरा और तालाब में रहती है. वहां पलने वाली दूसरी छोटी मछलियों और जीवों को खा जाती है. पानी की वनस्पतियों को भी नष्ट कर देती है. मनुष्य के सेहत के लिए ये मछली नुकसानदायक है. भारत सरकार ने साल 2000 में इसपर प्रतिबंध लगा दिया था. इस मछली के खाने से कैंसर भी होने की संभावना बनी रहती है. बरामद मछली की कीमत 40 लाख से ज्यादा है.
इंस्पेक्टर लंका महेश पांडे के मुताबिक पकड़ा गया तस्कर दीपचंद पात्र पश्चिम बंगाल का रहने वाला है, और ट्रक ड्राइवर रमेश सिंह पंजाब का है. तस्करों ने पुलिस को बताया कि हापुड़ सहित उसके आसपास के जिलों में उन्हें इस मछली का अच्छा दाम मिलता है.