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पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रो. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 'वागीश' शास्त्री के परिवार को संस्कृत में भेजा शोक पत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra Modi) ने संस्कृत के मर्मज्ञ विद्वान प्रोफेसर भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 'वागीश' शास्त्री (Bhagirath Prasad Tripathi 'Vagish' Shastri) के निधन पर उनके परिवार की हिम्मत बांधने के लिए शोक पत्र भेजा है. यह पत्र संस्कृत में लिखा गया है.

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पीएम नरेंद्र मोदी और प्रो. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 'वागीश' शास्त्री ('वागीश' शास्त्री की फाइल फोटो)
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Published : May 15, 2022, 1:30 PM IST

वाराणसी: काशी के संस्कृत के मर्मज्ञ विद्वान प्रोफेसर भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 'वागीश' शास्त्री के परिवार (Bhagirath Prasad Tripathi 'Vagish' Shastri family) वालों को हिम्मत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra Modi) ने शोक पत्र भेजा है. यह शोक पत्र संस्कृत में लिखा है. इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोफेसर भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी की मृत्यु पर अत्यंत दुख जताया है. साथ ही, उन्होंने संस्कृत जगत में उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में उल्लेख किया है. उन्होंने उनके परिवार वालों को हिम्मत देने और ईश्वर से पुण्य आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की है.

धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी से संस्कृत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले प्रो. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 'वागीश' शास्त्री (Bhagirath Prasad Tripathi 'Vagish' Shastri) का 11 मई की रात को निधन हो गया था. प्रो. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी पद्मश्री से सम्मानित हो चुके थे. वागीश शास्त्री काफी समय से बीमार चल रहे थे. पद्मश्री वागीश शास्त्री योग, तंत्र विद्या के मर्मज्ञ थे. उनकी आयु 88 वर्ष थी. उन्हें वर्ष 2018 में पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया था. वागीश शास्त्री को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्कृत, साहित्य, व्याकरण, भाषा-वैज्ञानिक और तंत्र विद्या में योगदान के लिए पुरुस्कृत किया गया था.

वाराणसी: काशी के संस्कृत के मर्मज्ञ विद्वान प्रोफेसर भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 'वागीश' शास्त्री के परिवार (Bhagirath Prasad Tripathi 'Vagish' Shastri family) वालों को हिम्मत देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM narendra Modi) ने शोक पत्र भेजा है. यह शोक पत्र संस्कृत में लिखा है. इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोफेसर भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी की मृत्यु पर अत्यंत दुख जताया है. साथ ही, उन्होंने संस्कृत जगत में उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में उल्लेख किया है. उन्होंने उनके परिवार वालों को हिम्मत देने और ईश्वर से पुण्य आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की है.

धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी से संस्कृत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले प्रो. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी 'वागीश' शास्त्री (Bhagirath Prasad Tripathi 'Vagish' Shastri) का 11 मई की रात को निधन हो गया था. प्रो. भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी पद्मश्री से सम्मानित हो चुके थे. वागीश शास्त्री काफी समय से बीमार चल रहे थे. पद्मश्री वागीश शास्त्री योग, तंत्र विद्या के मर्मज्ञ थे. उनकी आयु 88 वर्ष थी. उन्हें वर्ष 2018 में पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया था. वागीश शास्त्री को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्कृत, साहित्य, व्याकरण, भाषा-वैज्ञानिक और तंत्र विद्या में योगदान के लिए पुरुस्कृत किया गया था.

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