वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में 8 महीने बाद पहुंचे हैं. यहां उन्होंने काशीवासियों को 1500 करोड़ की सौगात दी. बनारस में साढे 5 घंटे के अपने दौरे पर उन्होंने एक तीर से दो निशाने साधने का काम किया. पहला निशाना था विकास के पहिए पर वाराणसी को आगे बढ़ाने का सपना पूरा करना तो दूसरा 2022 चुनाव से पहले विपक्षी दलों को यह संदेश देना कि चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा न कि जाति धर्म या किसी और नाम पर.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के उद्घाटन के बाद पूर्वांचल के लिए इस कन्वेंशन सेंटर को महत्वपूर्णं व्यापारिक भवन बताया. बीएचयू के मैदान से उन्होंने विपक्षी दलों को यह भी संदेश दे दिया कि 2017 से पहले यूपी की बदहाली के लिए विपक्ष जिम्मेदार है, लेकिन अब बीजेपी की डबल इंजन की सरकार ने यूपी की तस्वीर बदल दी है और आने वाले समय में यूपी और भी तेजी से आगे बढ़ेगा.
फूंक दिया चुनावी बिगुल
विकास के पहिए पर सवार होकर वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी ने 2022 चुनाव को लेकर भी बीजेपी की तैयारियों का बिगुल भी यहीं से फूंक दिया. एक तरफ लखनऊ में जहां कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, मायावती समेत असदुद्दीन ओवैसी और ओमप्रकाश राजभर जैसे कद्दावर नेता 2022 की रणनीति को लेकर अपने स्तर पर मंथन कर रहे हैं, तो वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से विधानसभा चुनावों की तैयारियों का आगाज किया.
विकास के नाम पर विपक्ष पर हमलावर
पीएम ने बीएचयू में अपने संबोधन में यह साफ तौर पर कहा कि यूपी में योगी सरकार ने बहुत अच्छा काम किया. 2017 से पहले यूपी के लिए योजनाएं नहीं आती थीं. अगर योजनाएं आती थीं और पैसा भेजा जाता था तो वह पैसा यहां बैठी सरकार आगे ही नहीं बढ़ाने देती थीं. दिल्ली में तेज प्रयास होते रहे लेकिन, लखनऊ में रोड़ा लग जाता था. पीएम ने कहा कि योगी जी की मेहनत ने यूपी की शक्ल को बदलने का काम किया. पीएम ने अपने संबोधन में भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद का जिक्र करते हुए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसी परिवारवाद की पार्टी कहे जाने वाले दलों पर भी जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि आज भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद से नहीं विकास बाद से यूपी को जाना जाता है, इसलिए यूपी में जनता की योजनाओं का लाभ अब सीधे उन्हें मिल रहा है. उन्होंने कहा कि आज यूपी में नए उद्योगों पर निवेश हो रहा है और रोजगार बढ़ रहे हैं. यूपी में कानून का राज है. माफिया राज और आतंकवाद जो कभी बेकाबू थे, अब कानूनी शिकंजा उन पर कस चुका है. पीएम मोदी ने बनारस से यह साफ कह दिया है कि विपक्ष लाख दूसरे मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहे लेकिन, चुनाव तो विकास के मुद्दे पर ही लड़ा जाएगा.
दीवारों पर दिखा भारत-जापान की दोस्ती का सबूत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 के उस सपने को आज वाराणसी में पूरा किया जो उन्होंने तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ वाराणसी दौरे पर देखा था. कन्वेंशन सेंटर के अंदर दीवारों पर लगी शिंजो आबे और प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीरें भारत-जापान के रिश्तों की मजबूती को बयां कर रही हैं. जापान के राजदूत सुजुकी सातोषी के साथ 11 सदस्यीय जापानी डेलिगेट्स ने पीएम मोदी के साथ लंच भी किया. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर कैंपस में रुद्राक्ष का एक पौधा भी लगाया.
इंडो-जापानी शैली में सजाया गया कन्वेंशन सेंटर
इस पूरे कन्वेंशन सेंटर को इतनी खूबसूरती से सजाया गया था कि यह अपने आप में इन दो देशों की मित्रता की पूरी कहानी को बयां कर रहा था. फूलों से भारत-जापान के झंडे सजाए गए थे. रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को जापानी और भारत की संस्कृति के अनुसार सजाया गया था. इसमें बांस, कंकड़, लघु बोन्साई पेड़, चटाई, लालटेन, चीनी मिट्टी के बर्तन, चावल का पेपर, पुआल का इस्तेमाल करके क्राफ्ट तैयार किया गया था. खास बात यह भी है कि जापान के लोगों के प्राकृतिक प्रेम को देखकर ही रुद्राक्ष के निर्माण में भी इस बात का खासा ध्यान रखा गया है. कन्वेंशन सेंटर के अंदर एक छोटे से कमरे को पीएमओ में भी तब्दील किया गया था, जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के डेलीगेटस के साथ लंच किया.
जापानी डेलिगेटस ने खाया चावल और निमोना
पीएम के साथ जापान के डेलीगेटस का लंच भी ऐसा था जिसे सुनकर आप आश्चर्य करेंगे. लंच बनाने वाले कैटरर्स ने बताया कि पीएम मोदी को शुद्ध भारतीय व्यंजन पसंद है. इसी के अनुरूप वही खाना उन्हें और जापान के डेलीगेटस को परोसा गया. पीएम के साथ जापानी मेहमानों ने बनारस की लौंगलता का स्वाद चखा, जो उन्हें बहुत भाया. इसके साथ ही सबने बनारस की ठंडाई का मजा भी लिया. भोजन के वक्त पीएम मोदी ने निमोना के साथ चावल का आनंद लिया. उन्होंने रोटी के साथ साग और भिंडी की सब्जी भी खाई. यही खाना जापान के डेलीगेटस को भी परोसा गया. हालांकि जापानी स्वाद को ध्यान में रखते हुए जापानी सूप और कुछ अलग व्यंजन भी रखे गए थे लेकिन, जापानी डेलीगेट्स को बनारसी व्यंजन खूब पसंद आया. सबसे बड़ी बात यह है कि कैटरर्स ने जो भोजन तैयार किया था वह बिल्कुल सादा यानी बिना प्याज लहसुन का था.