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लॉकडाउन: ईटीवी भारत ने पीएम मोदी के गोद लिए गांव का लिया जायजा - मंगल केवट

लॉकडाउन के बीच पीएम मोदी के गोद लिए गांव के ग्रामीणों का जीवन कैसे बीत रहा है, इसे जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम बनारस के डोमरी पहुंची. जहां के ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं ईटीवी भारत को बतायी.

pm modi adopted village domari
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Published : Apr 10, 2020, 5:50 PM IST

वाराणसी: लॉकडाउन के बीच ईटीवी भारत की टीम पीएम मोदी के गोद लिए गांव डोमरी पहुंची. जहां ये जानने का प्रयास किया कि लॉकडाउन में इस गांव के लोगों की जिंदगी कैसे बीत रही है.

लॉकडाउन के बीच ईटीवी भारत पहुंचा पीएम मोदी के गोद लिए गांव.

सबसे पहले इस गांव के निवासी मंगल केवट से मुलाकात हुई. मंगल प्रसाद केवट वहीं हैं, जिनकी बेटी की शादी में पीएम मोदी ने साड़ी भेजवाया था. लॉकडाउन को लेकर केवट मंगल का कहना था, कि सब कुछ बंद होने के कारण लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन दिनों बड़ी मुश्किलों से लोग अपना गुजर-बसर कर रहे हैं.

वहीं दूसरे ग्रामीणों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास खाने तक को अनाज नहीं बचा है. ना ही सरकारी योजनाओं द्वारा कोई मदद पहुंचाई जा रही. ऐसे में बड़ी मुश्किलों के साथ लोगों को अपना गुजारा हो रहा है.


इसे भी पढ़ें- PM मोदी ने जाना काशी का हाल, कहा- मास्‍क नहीं तो गमछा बांधें


ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें गरीबों की हर तरह की मदद करने का दावा करती हैं, गरीबों और जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने की बात कहती हैं, लेकिन ये सारे दावे पीएम मोदी के गोद लिए गांव में फेल दिख रहे हैं. अब देखना बेखबर प्रशासन यहां के लोगों को कब तक मदद पहुंचाता है.

वाराणसी: लॉकडाउन के बीच ईटीवी भारत की टीम पीएम मोदी के गोद लिए गांव डोमरी पहुंची. जहां ये जानने का प्रयास किया कि लॉकडाउन में इस गांव के लोगों की जिंदगी कैसे बीत रही है.

लॉकडाउन के बीच ईटीवी भारत पहुंचा पीएम मोदी के गोद लिए गांव.

सबसे पहले इस गांव के निवासी मंगल केवट से मुलाकात हुई. मंगल प्रसाद केवट वहीं हैं, जिनकी बेटी की शादी में पीएम मोदी ने साड़ी भेजवाया था. लॉकडाउन को लेकर केवट मंगल का कहना था, कि सब कुछ बंद होने के कारण लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन दिनों बड़ी मुश्किलों से लोग अपना गुजर-बसर कर रहे हैं.

वहीं दूसरे ग्रामीणों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास खाने तक को अनाज नहीं बचा है. ना ही सरकारी योजनाओं द्वारा कोई मदद पहुंचाई जा रही. ऐसे में बड़ी मुश्किलों के साथ लोगों को अपना गुजारा हो रहा है.


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ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें गरीबों की हर तरह की मदद करने का दावा करती हैं, गरीबों और जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने की बात कहती हैं, लेकिन ये सारे दावे पीएम मोदी के गोद लिए गांव में फेल दिख रहे हैं. अब देखना बेखबर प्रशासन यहां के लोगों को कब तक मदद पहुंचाता है.

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