ETV Bharat / state

World Heritage Day: प्रदर्शनी में दिखा 1950 और 1960 दशक का बनारस

विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर काशी में छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शनी में 1950 और 1960 के दशक के काशी के विभिन्न दुर्लभ तस्वीरों को प्रदर्शित किया गया.

काशी में फोटो प्रदर्शनी.
काशी में फोटो प्रदर्शनी.
author img

By

Published : Apr 18, 2022, 6:09 PM IST

वाराणसीः विश्व की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाली काशी पुरातत्व नजरिए से भी बहुत महत्वपूर्ण है. विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर काशी के प्राचीन गुरुधाम मंदिर में छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शनी में 1950 और 1960 के दशक के काशी के विभिन्न दुर्लभ तस्वीरों को प्रदर्शित किया गया. प्रदर्शनी देखने काशी के विद्वान और छात्र-छात्राएं आए और इन दुर्लभ तस्वीरों को देखा और अपने कैमरे में कैद किया. प्रदर्शनी में बनारस के पुराने घाट पुराने मंदिर के साथ बनारस के पुराने लक्खा मेला की तस्वीर लगाई गई. इसके साथ चीफ बनारस के ह्रदय स्थली गोदौलिया व अन्य बाजारों का भी 50 और 60 के दशक की फोटो लगाई गई थी.

काशी में फोटो प्रदर्शनी.

प्रदर्शनी देखने पहुंची तृषा श्रीवास्तव ने कि इस एग्जीबिशन से हमें जहां रहते हैं, वहा के बारे में जानने का मौका मिला. अक्सर जिस शहर में हम लोग रहते हैं उसके बारे में जानकारियां कम होती हैं. हमने अभी के बनारस को देखा है जहां पर बहुत पॉपुलेशन और पॉलूशन है. वाकई पहले का बनारस बहुत ही सुंदर था आज हमें यह देखने का मौका मिला.
छात्रा तान्या ने बताया कि आज पुराना बनारस देखने को मिला, जो बहुत ही अच्छा लगा. क्योंकि हमने जिस बनारस को देखा है वहां पर बहुत ट्रैफिक है. इस प्रदर्शनी में आकर इतना अच्छा लगा. तान्या ने का कि यहां पता चला कि पहले का बनारस कितना शांत और अधिक खूबसूरत था. इतना पुराना बनारस देख कर बहुत ही अच्छा लगा.

इसे भी पढ़ें-खबर हटकेः रेलवे ट्रैक पर मोबाइल से बात कर रही थी लड़की, आ गई ट्रेन...फिर हुआ ये


क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर सुभाष यादव ने बताया कि जविश्व धरोहर दिवस पर फोटो प्रदर्शनी लगाया गया है. इसमें बनारस के 1950 और 1960 के पुराने धरोहर को दिखाया गया है. इन तस्वीरों को विदेशी फोटोग्राफर रिचर्ड रिनॉय ने खींचा था. उन्होंने कहा कि हमारा मात्र एक मकसद है कि हम बनारस के बदलाव और उसकी समृद्धि को देख सकें. उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में काशी के ऊपर प्रकाशित किताबों की भी प्रदर्शनी लगाई गई है.

वाराणसीः विश्व की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाली काशी पुरातत्व नजरिए से भी बहुत महत्वपूर्ण है. विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर काशी के प्राचीन गुरुधाम मंदिर में छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शनी में 1950 और 1960 के दशक के काशी के विभिन्न दुर्लभ तस्वीरों को प्रदर्शित किया गया. प्रदर्शनी देखने काशी के विद्वान और छात्र-छात्राएं आए और इन दुर्लभ तस्वीरों को देखा और अपने कैमरे में कैद किया. प्रदर्शनी में बनारस के पुराने घाट पुराने मंदिर के साथ बनारस के पुराने लक्खा मेला की तस्वीर लगाई गई. इसके साथ चीफ बनारस के ह्रदय स्थली गोदौलिया व अन्य बाजारों का भी 50 और 60 के दशक की फोटो लगाई गई थी.

काशी में फोटो प्रदर्शनी.

प्रदर्शनी देखने पहुंची तृषा श्रीवास्तव ने कि इस एग्जीबिशन से हमें जहां रहते हैं, वहा के बारे में जानने का मौका मिला. अक्सर जिस शहर में हम लोग रहते हैं उसके बारे में जानकारियां कम होती हैं. हमने अभी के बनारस को देखा है जहां पर बहुत पॉपुलेशन और पॉलूशन है. वाकई पहले का बनारस बहुत ही सुंदर था आज हमें यह देखने का मौका मिला.
छात्रा तान्या ने बताया कि आज पुराना बनारस देखने को मिला, जो बहुत ही अच्छा लगा. क्योंकि हमने जिस बनारस को देखा है वहां पर बहुत ट्रैफिक है. इस प्रदर्शनी में आकर इतना अच्छा लगा. तान्या ने का कि यहां पता चला कि पहले का बनारस कितना शांत और अधिक खूबसूरत था. इतना पुराना बनारस देख कर बहुत ही अच्छा लगा.

इसे भी पढ़ें-खबर हटकेः रेलवे ट्रैक पर मोबाइल से बात कर रही थी लड़की, आ गई ट्रेन...फिर हुआ ये


क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर सुभाष यादव ने बताया कि जविश्व धरोहर दिवस पर फोटो प्रदर्शनी लगाया गया है. इसमें बनारस के 1950 और 1960 के पुराने धरोहर को दिखाया गया है. इन तस्वीरों को विदेशी फोटोग्राफर रिचर्ड रिनॉय ने खींचा था. उन्होंने कहा कि हमारा मात्र एक मकसद है कि हम बनारस के बदलाव और उसकी समृद्धि को देख सकें. उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में काशी के ऊपर प्रकाशित किताबों की भी प्रदर्शनी लगाई गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.