वाराणसी: यह शहर तीर्थनगरी के नाम से विख्यात हैं, न सिर्फ मंदिरों का शहर बल्कि कलाकारों की जन्मभूमि के साथ यह उनकी कर्मभूमि भी रही है. अगर बनारस घराने की बात करें तो भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, पद्म भूषण गिरिजा देवी सहित सैकड़ों विश्व पटल पर खुद को साबित करने वाले कलाकारों का यह शहर है.
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अनुच्छेद 370 हटने से लोगों में दिखा उत्साह-
अनुच्छेद 370 हटने के बाद पूरा देश कहीं मिठाई खिलाकर, तो कहीं विजय जुलूस निकालकर खुशी मना रहा है, लेकिन काशी के कलाकारों ने अनुच्छेद 370 पर गीत लिखकर अपनी खुशी को जाहिर किया.
कलाकारों ने गीत गाकर खुशी जाहिर की-
वाराणसी के अस्सी घाट पर कलाकारों ने अपने द्वारा लिखे अनुच्छेद 370 पर गीत को प्रस्तुत किया. उनका कहना था कि हमने अपने कलम और गीत के माध्यम से प्रधानमंत्री को धन्यवाद और अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं."370 खत्म हुआ है, कश्मीर आजाद हो गया", 370 के हटते भारत को स्वर्ग मिल गया. उसके बाद और कलाकारों ने "370 हटल देखा भैया फिर से कश्मीर जी गई" इस प्रकार के गीतों को गाकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया.
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हम लोग इतने खुश हैं कि हम अपनी खुशी शब्दों में बयां नहीं कर सकते. हम लोगों ने भारत की जनता के लिए यह बनारस से लोकगीत गाया है. हम बनारस सहित पूरे देश ही नहीं विश्व में रहने वाले हर भारतीय की खुशी कोइस गीत के माध्यम से बताना चाहते है. यह उस मन की आवाज है.
-डॉ अमलेश शुक्ला, गायक
देश में इतनी खुशी की बात है. यह 15 अगस्त हमारे लिए खास होने जा रहा है, इसलिए हमने अपने भाव को गीत के माध्यम में उतारा, जिसे हम लोग काशी केरल में तत्पर आज गाए हैं. हमने अपनी खुशी अपने अंदाज में जाहिर की है.
-के डी, गीतकार